बुरी आदतों से बचने के लिए कुछ प्रेरणादायक बातें  - Self Motivational Words

रामायण में दो व्यक्ति ऐसे थे जो अपने माहौल के हिसाब से एक दम उल्टे थे। एक थे विभीषण, जिन्होंने रावण के राज में

रहकर भी अपने चरित्र को गुणवान बनाए रखा। और दूसरी थी कैकेयी जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम के राज में रहती थी

और फिर भी अपने चरित्र को सुधार नहीं पाई। कहने का मतलब बस इतना है कि किसी भी इंसान के सुधरने और बिगड़ने का

संबंध उसकी सोच और स्वभाव से होता है। जिसके स्वभाव में बुरी आदतों को सीखने की चाह ज्यादा होती है वो किसी भी

माहौल में रह के बुरी आदतों को सीख ही लेता है। इसलिए बुरी आदतों से अगर दूर रहना है तो हमें अपने माहौल को

नहीं पहले अपनी सोच और स्वभाव को बदलना होगा। क्यूंकि आस पास के माहौल को बदल पाना आसान नहीं है लेकिन अपनी

सोच को बदलना कहीं ज्यादा आसान है। हमारा स्वभाव और हमारी सोच ही हमे अच्छा और बुरा इंसान बनाती है।

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