सबको हँसाना, लेकिन कभी किसी पर हसना मत; सबके दुख बाटना, लेकिन कभी किसी को दुखी करना मत; सबकी राह में दिया जलाना, लेकिन कभी किसी का दिल जलाना मत क्यूंकि जीवन की रीत यही है जैसा बोओगे वैसा ही पाओगे।
Suvichar Quote #2
Suvichar Quote #2
गुजरी हुई जिंदगी को कभी याद ना कर; तकदीर में जो लिखा है उसकी फरियाद ना कर। जो होना है वो होकर रहेगा, तू कल की फिकर में आज की हंसी बर्बाद ना कर।
Suvichar Quote #3
Suvichar Quote #3
बुरा हो वक़्त तो सब आजमाने लगते हैं, बड़ों को भी छोटे आँखे दिखाने लगते है...कभी जाकर देखना नए अमीरों के घर पर, हर एक छोटी सी चीज की कीमत बताने लगते हैं।
Suvichar Quote #4
Suvichar Quote #4
हद से ज्यादा खुशी और हद से ज्यादा गम कभी किसी को मत बताओ, क्योंकि जिंदगी में लोग हद से ज्यादा खुशी पर नजर और हद से ज्यादा गम पर नमक जरूर लगाते है।
Suvichar Quote #5
Suvichar Quote #5
मुसीबत आये तो ये मत सोचना की अब कौन काम आएगा। बस ये देखना की अब कौन साथ छोड़ कर जाएगा। दुआएं कभी रद्द नहीं होती जनाब, बस बेहतरीन वक्त पे कबूल होती हैं।
मुसीबत आये तो ये मत सोचना की अब कौन काम आएगा। बस ये देखना की अब कौन साथ छोड़ कर जाएगा। दुआएं कभी रद्द नहीं होती जनाब, बस बेहतरीन वक्त पे कबूल होती हैं।
Suvichar Quote #6
Suvichar Quote #6
काँटों की रंजिश फूलों से निकाला ना कीजिये, किसी बेगुनाह पर कीचड़ उछाला ना कीजिये। किस्मत में लिखा होगा अँधेरा, तो अँधेरा ही मिलेगा, बस घर किसी और का जला के उजाला ना कीजिये।
Suvichar Quote #7
Suvichar Quote #7
मुश्किलें दिल के इरादें आज़माती है, सपनो के परदे निगाहों से हटाती है; हौसला मत हार गिर कर ऐ मुसाफिर, ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती है।
Suvichar Quote #8
Suvichar Quote #8
सहारे इंसान को खोखला कर देते है और उम्मीदें कमज़ोर कर देती हैं। अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, आपका आपसे अच्छा साथी और हमदर्द कोई नही हो सकता।
Suvichar Quote #9
Suvichar Quote #9
मौत की गाड़ी में जिस दिन सोना होगा, न कोई तकिया न बिछौना होगा; साथ होंगी दोस्ती की यादें, और एक शमशान का कोना होगा और वहां लिखा होगा 'मंज़िल तो तेरी यही थी, बस ज़िन्दगी गुज़र गई आते-आते; क्या मिला तुझे दुनिया से, अपनों ने ही जला दिया जाते-जाते।
Suvichar Quote #10
Suvichar Quote #10
पेड़ पर क्षमता से ज़्यादा फल लग जाएं तो उसकी डालियां टूटना शुरू हो जाती हैं, इंसान को औकात से ज़्यादा मिल जाए तो वह रिश्तों को तोड़ना शुरू कर देता है, नतीजा आहिस्ता आहिस्ता पेड़ अपने फल से वंचित हो जाता है और इंसान अपने रिश्तों से।