Ek Fakeer Ki Seekh - Short Motivational Story in Hindi
एक फ़कीर नदी के किनारे बैठा था। एक व्यक्ति पास से गुजरा तो उसने पूछा बाबा क्या कर रहे हो?
फ़कीर ने कहा इंतज़ार कर रहा हूँ की पूरी नदी सूख जाए तो में इसे पार कर लूँ।
उस व्यक्ति ने कहा, कैसी बात करते हो बाबा, "पूरा पानी सूखने के इंतज़ार मे तो तुम कभी नदी पार ही नही कर पाओगे..?"
तो उस फ़कीर ने कहा, "यही तो मै लोगो को समझाना चाहता हूँ की तुम लोग जो सदा यह कहते रहते हो की एक बार जीवन की सारी
ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो जाये तो मैं खुश रहूं, मौज करूं, घूमूँ फिरू, सबसे मिलूँ, लोगों की सेवा करूँ, इसी तरह नदी का पानी कभी खत्म नही होगा और हमको नदी से ही पार जाने का रास्ता बनाना है,
एक ना एक दिन हमारा जीवन खत्म हो जायेगा पर ये जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी। हमें अपने जीवन की इन्हीं जिम्मेदारियों को अपने साथ लेकर वो हर
काम करना होगा जो हमे खुशियां दे। हमें अपनी जिम्मेदारियों के बोझ को कभी इतना नहीं बढ़ाना चाहिए की जीवन में सिर्फ दुःख रह जाए।"