हमारी असफलता का एक कारण आलस्य भी है। आलसी इंसान वो होता है जो हमेशा काम को ना करने के बहाने ढूंढ़ता रहता है।
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में सफल होने के बहुत से तरीके बताये हैं। साथ ही उन्होंने असफल होने के भी बहुत से कारण बताये हैं। उन्ही में से एक है "हमारा आलस्य."
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर हम जिंदगी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें "आलस्य से से दूर रहना चाहिए क्योंकि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है।"
चाणक्य कहते हैं की " आलसी व्यक्ति का ना तो वर्तमान होता है और ना ही भविष्य। जिस व्यक्ति के अंदर आलस्य भरा होता है वो अपने कामों को कीमती नहीं समझता।"
"जो व्यक्ति अपने कामों को कीमती नहीं समझता वो कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। आलसी व्यक्ति में हमेशा काम को टालने की आदत होती है।"
जिसकी वजह से वो जरूरी कामों को भी टालता रहता है। इसीलिए अगर आपको जिंदगी में सफल होना है तो आलस्य को अपने जीवन से त्यागना होगा।"
आलस्य को त्यागने आसान नहीं होता और ना ही आप अपने आलस्य से एक दम पीछा छुड़ा सकते हैं।
आलस्य से पीछे छुड़ाने का सबसे आसान तरीका है अपने काम को तुरंत पूरा कर लेना। जो काम आज करना है उसे कल पर ना टालना।