क्रिकेट के मैदान में कुछ प्लेयर ऐसे होते हैं जो या तो दिल जीतने के लिए खेलते हैं या फिर रिकॉर्ड तोड़ने के लिए लेकिन महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है जो अक्सर ट्रॉफी जीतने के लिए मैदान में उतरते हैं। साल 2023 का IPL Final जीतने के बाद ये बात और भी सही साबित हो जाती है।
महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक ऐसा नाम है जिसे हर कोई पसंद करता है और इस साल के IPL में उनके प्रति फैंस ने जो क्रेज दिखाया है उसे कोई नही भूल सकता। ना सिर्फ IPL बल्कि क्रिकेट के हर प्रारूप में MS Dhoni ने बहुत सी ट्रॉफीज अपने नाम की हैं। MS Dhoni अपनी cool captaincy और Match finishing ability के लिए जाने जाते हैं।
धोनी की कप्तानी और उनकी विकेट कीपिंग का कोई जवाब नही हैं। आज धोनी एक महान खिलाड़ी के रूप में हर किसी के दिल में घर कर चुके हैं। आज महेंद्र सिंह धोनी की सफलता की सच्ची कहानी (success story of ms dhoni) के जरिए हम आपको बताएंगे की किस तरह उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुवात करी।
उन्होंने अपनी इस journey में क्या क्या struggle किए और किस तरह भारतीय क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। MS Dhoni Success Story In Hindi के जरिए आप जानेंगे की किस तरह हम अपने सपनो को पीछा करके उन्हें हकीकत में बदल सकते हैं। महेंद्र सिंह धोनी की असली कहानी को एक बार जरूर पढ़ें।

महेंद्र सिंह धोनी का शुरुआती जीवन (Early Life Story of MS Dhoni)
MS Dhoni का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची (झारखंड) में हुवा था। उनके माता पिता मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। धोनी हिंदू राजपूत परिवार से हैं। उनके पिता का नाम पान सिंह और माता का नाम देवकी देवी है। उनके पिता को अपने काम की वजह से उत्तराखंड छोड़ कर रांची आना पड़ा। उनके पिता रांची के डोरंडा इलाके की MECON Colony में पंप ऑपरेटर का काम किया करते थे।
शुरुवात में महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट में कोई खास दिलचस्पी नहीं थे। वो अपना ज्यादा समय फुटबॉल या फिर बैडमिंटन खेलने में बिताते थे। Dhoni अपने स्कूल DAV Jawahar Vidya Mandir की फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। धोनी की Goalkeeping Skills बहुत ही अच्छी थी।
उनकी Skills को देख कर उनके कोच Keshav Ranjan Banerjee ने उन्हें क्रिकेट खेलने की सलाह दी और उन्होंने धोनी को स्कूल क्रिकेट टीम का Wicketkeeper बना दिया। धोनी अपनी शानदार विकेटकीपिंग के चलते टीम के रेगुलर प्लेयर बन गए। इसके बाद उन्हें 1997-98 की Vinoo Mankad Trophy Under-16 Championship के लिए भी चुन लिया गया।
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट करियर ( MS Dhoni Cricket Career)
साल 1998, जिस समय धोनी अपनी 12th की पढ़ाई कर रहे थे, उस वक्त Bihar Cricket Association के president देवाल सहाय ने धोनी को Central Coal Fields Limited (CCL) की तरफ से खेलने के लिए select कर लिया।
CCL की तरफ से खेलते हुवे धोनी को टॉप ऑर्डर में बैटिंग करने का मौका मिला। उन्होंने टॉप ऑर्डर में शानदार बैटिंग की। उनके प्रदर्शन से impress होकर देवाल सहाय ने उन्हें बिहार टीम में शामिल कर लिया। एक साल के अंदर ही धोनी ने अपनी काबिलियत दिखाते हुवे Senior Bihar Ranji Team में अपनी जगह बना ली।
1998-99 की Cooch Behar Trophy में धोनी ने बिहार की अंडर-19 टीम के लिए 5 मैच खेले। जिसमे उन्होंने 175 रन बनाए। हालांकि इस championship में बिहार Quarter Finnal में नही पहुंच पाई और League Stage में ही बाहर हो गई।
साल 1999-2000 की Cooch Behar Trophy में बिहार की टीम फाइनल मुकाबले तक पहुंची लेकिन पंजाब से फाइनल मैच हार गई। इस टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी ने 9 मैचों में 488 रन बनाए। जिसमें 5 Fifty, 17 Catches और 7 Stumpings भी शामिल थी।
महेंद्रसिंह धोनी ने 18 साल की उम्र में बिहार की तरफ से रणजी ट्रॉफी (1999-2000) में अपना डेब्यू किया। अपने पहले मैच की शुरुवात उन्होंने शानदार फिफ्टी (कुल 68*) के साथ करी। इस सीजन में उन्होंने 5 मैचों में कुल 283 रन बनाए।
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MS Dhoni Railway Job
साल 2001 से 2003 तक महेंद्र सिंह धोनी ने Kharagpur Railway Station में Travelling Ticket Examiner (TTE) की नौकरी करी। रेलवे में नौकरी लगने के बाद भी उनका क्रिकेट के प्रति लगाव कम नही हुवा। उस समय धोनी साइकिल से क्रिकेट खेलने जाया करते थे। MS Dhoni को उनकी नौकरी भी स्पोर्ट्स कोटा के तहत मिली थी।
साल 2003 – 2004 की Deodhar Trophy में वो East Zone Cricket Team का हिस्सा बने। जिसमे उन्होंने 4 मैचों में 244 रन बनाए। साल 2004 में MS Dhoni को जिम्बाब्वे और केन्या के दौरे के लिए India A team में शामिल कर लिया गया। जिसमे उन्होंने शानदार विकेट कीपिंग करी।
इसके बाद धोनी ने India A, Pakistan A और Kenya के साथ हुए Tri-nation Tournament में लगातार दो Centuries लगाई। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 72 की औसत से 6 इनिंग्स में 362 रन बनाए।
धोनी की सफलता की कहानी (Mahendra Singh Dhoni Success Story in Hindi)
धोनी की फर्स्ट क्लास क्रिकेट की परफॉर्मेंस को देखते हुवे साल 2004-05 में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली ODI Series के लिए उनका चयन भारतीय क्रिकेट टीम में हो गया। उनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुवात कुछ खास नहीं रही और अपने पहले ही मैच में वो जीरो रन पर आउट हो गए।
पाकिस्तान के खिलाफ मिली धोनी को बड़ी सफलता
बांग्लादेश के खिलाफ उनकी परफॉर्मेंस एवरेज रही लेकिन उसके बावजूद धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली ODI Series के लिए टीम में जगह मिल गई। इस सीरीज के दूसरे ODI में धोनी ने विशाखापत्तनम में तूफानी पारी खेली और 123 बॉल में 148 रन मार दिए।
इसके बाद MS Dhoni ने 2005 Sri Lankan Bilateral ODI Series के एक मैच में 145 बॉल में नाबाद 183 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिला दी। इस सीरीज में धोनी ने सबसे ज्यादा 346 रन बनाए और उन्हें Man Of The Series Award भी मिला। उनकी अच्छी परफॉर्मेस को देखते हुवे BCCI ने उन्हें अपने B-Grade Contract में शामिल कर लिया।
उन्होंने अपनी शानदार परफॉर्मेंस को आगे के मैचों में भी जारी रखा। 20 अप्रैल, 2006 में वो ICC ODI Rankings में No.1 खिलाड़ी बन गए। हालांकि एक हफ्ते बाद Adam Gilchrist No.1 player की पोजिशन पर आ गए।
2007 वर्ल्ड कप में धोनी की परफॉर्मेंस
2007 वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज और श्री लंका के साथ खेली गयी ODI Series में दोनों टीम्स को 4-1 से करारी शिकस्त दी। इन दोनो सीरीज में धोनी ने 100 की औसत से रन बनाए।
2007 वर्ल्ड कप में भारत की परफॉर्मेंस बेहद ही खराब रही और वो बांग्लादेश और श्री लंका से अपने शुरुवाती मैच हार गई और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। वर्ल्ड कप में धोनी ने सिर्फ 29 रन ही बनाए और दो मैचों में वो 0 पर आउट हो गए। उनकी खराब परफॉर्मेंस और टीम इंडिया के WC से बाहर होने की वजह से फैंस उनसे नाराज हो गए।
उनकी विकेट कीपिंग की काफी आलोचना हुई और साथ ही कुछ लोगों ने धोनी के रांची वाले घर में तोड़ फोड़ भी कर दी। इसके बाद धोनी ने Afro-Asia Cup में शानदार क्रिकेट खेली और 3 मैचों में 174 रन बनाए, साथ ही उन्हें भारतीय टीम का Vice Captain भी बनाया गया। 2007 में ही BCCI ने उन्हें A Grade Contract में शामिल कर लिया।
2007 T20 World Cup में महेंद्र सिंह धोनी ने रचा इतिहास
2007 में ICC ने T20 World Cup के पहले एडिशन की शुरुवात करी। जिसमे भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का जिम्मा महेंद्र सिंह धोनी को दिया गया। उनकी कैप्टेंसी में भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में अपनी जगह बना ली।
पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में, धोनी ने बल्ले से ज्यादा योगदान नहीं दिया, लेकिन उनकी कप्तानी और नेतृत्व ने भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2007 ODI World Cup की हार के बाद ये ट्रॉफी टीम इंडिया और फैंस के लिए बहुत बड़ी जीत थी। T20 WC जीतने के बाद धोनी एक बेहतरीन कप्तान के रूप में उभरे।
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2007 में ही उन्हें भारतीय ODI Team का कैप्टेन भी बना दिया गया। 2009 में, India-Australia के बीच खेली गई ODI Series के दूसरे मैच में धोनी ने 107 गेंदों में शानदार 124 रन बनाए और साथ ही तीसरे ODI Match में उन्होंने 95 गेंदों में 71 रन की पारी खेली। 2009 में, वो फिर से ICC ODI बल्लेबाज रैंकिंग लिस्ट में No.1 पर आ गए।
2011 ICC Cricket World Cup में MS Dhoni ने फिर से रचा इतिहास
2011 का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत, श्री लंका और बांग्लादेश में खेला गया। महेंद्र सिंह धोनी की कैप्टेंसी में टीम इंडिया ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और सेमी फाइनल में पाकिस्तान को हराकर, फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी ने खुद को प्रमोट किया और जल्दी बल्लेबाजी करने आ गए.
उन्होंने गौतम गंभीर, युवराज सिंह के साथ मिलकर Match Winning Partnership करी और नाबाद 91* रन बनाए, साथ ही धोनी ने फाइनल में एक जोरदार Six लगाकर टीम इंडिया को उसका दूसरा ODI World Cup विनर बनाया। अपनी मैच विनिंग पारी के लिए उन्होंने मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीता।
इसके बाद 2013 में, धोनी की कप्तानी में भारत ने ICC Champions Trophy जीती। ICC के तीनों फॉर्मेट में ट्रॉफी जीतने वाले भारतीय क्रिकेट के इतिहास में Mahendra Singh Dhoni पहले और एक मात्र कप्तान बन गए। उसी साल धोनी, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1,000 या उससे अधिक ODI रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर भी बने।
2015 ICC Cricket World Cup में MS Dhoni का योगदान
साल 2015 के क्रिकेट विश्व कप में भारत की शुरुआत बहुत ही शानदार हुई थी और भारतीय टीम ने Group Stage के सभी 6 में से 6 मैच जीत लिए। ऐसा करने वाले महेंद्र सिंह धोनी पहले भारतीय कप्तान भी बने। अच्छी शुरुआत के बावजूद टीम इंडिया सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से काफी बड़े मार्जिन से हार कर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।
2015 के विश्व कप में धोनी ने 6 इनिंग्स में 59 की औसत से 237 रन बनाए। इसके बाद साल 2017 में महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय वनडे क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़ दी। अपने करियर में MS Dhoni ने 350 ODI Matches खेले। जिसमे उन्होंने 50 की औसत से 10,773 रन बनाए और साथ ही 321 Catches और 123 Stumpings भी करी।
महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट कैरियर (MS Dhoni Test Career)
साल 2005 में महेंद्र सिंह धोनी ने दिनेश कार्तिक को रिप्लेस करते हुवे भारतीय टेस्ट टीम में As a Wicketkeeper अपनी जगह बनाई। उन्होंने अपने पहले मैच में 30 रनों की पारी खेली। साल 2006 के पाकिस्तान दौरों में धोनी ने अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी बनाई। साल 2008 में धोनी को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया। साल 2009 में भारतीय टीम ने श्री लंका को टेस्ट सीरीज में 2-0 से मात दी।
जिसके चलते भारतीय टीम इतिहास में पहली बार ICC Test Rankings में No.1 Team बनी। साल 2014 में धोनी ने Australia के खिलाफ अपने टेस्ट कैरियर की अंतिम सीरीज खेली। इसके बाद उन्होंने टेस्ट से Retirement ले लिया। MS धोनी ने अपने टेस्ट कैरियर में 90 matches खेले। जिसमें उन्होंने 38 की औसत से 4,876 रन बनाए। अपने टेस्ट कैरियर में उन्होंने 256 Catches और 38 Stumpings करी।
महेंद्र सिंह धोनी का IPL करियर (MS Dhoni IPL Career)
IPL के पहले सीजन में MS Dhoni को Chennai Super Kings ने $1.5 Million की प्राइस मनी के साथ अपनी टीम में शामिल कर लिया। IPL के पहले सीजन के ऑक्शन में वो सबसे महंगे खिलाड़ी थे। उनकी कप्तानी में CSK अब तक 5 IPL Trophy और 2 Champions League T20 Trophy अपने नाम कर चुकी है।
महेंद्र सिंह धोनी सबसे ज्यादा 250 IPL मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी भी है। उन्होंने 39 की औसत से अबतक IPL में 5082 रन बनाए हैं। जिसमें 349 चौके और 239 छक्के शामिल हैं। भारतीय Cricket History में महेंद्र सिंह धोनी अब तक के सबसे सफल कप्तान माने जाते हैं।
उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने देश और विदेश दोनो ही जगह शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा MS Dhoni जैसा शानदार और तेज विकेकीपर आज से पहले शायद ही भारतीय क्रिकेट में कोई हो। धोनी बैटिंग से लेकर विकेट कीपिंग तक दोनो की मामलों में काफी आगे थे।
उनके जैसा मैच फिनिशर शायद ही टीम इंडिया को फिर कोई मिले। MS Dhoni ने आज तक जितनी भी ट्रॉफी जीती हैं वो इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं की उनकी काबिलियत पर कोई शक नही करा जा सकता।
महेंद्र सिंह धोनी की कुल इनकम (MS Dhoni Net Worth in Rupees)
Cricket के अलावा महेंद्र सिंह धोनी ने कई सारे अलग अलग बिजनेस वेंचर्स में इन्वेस्टमेंट करी हुई है और साथ ही वो खुद के भी कई सारे बिजनेस चलाते हैं। हाल ही में उन्होंने खुद की एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी की शुरुवात भी करी है। फील्ड के बाहर भी वो काफी सफल व्यक्ति हैं। उनके पास कई सारी महंगे कारें, महंगी बाइक, अपना होटल, और कई सारी चीज़ें हैं। MS धोनी भारत के सबसे अमीर Cricketers में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति करीब 1000 करोड़ रुपयों के करीब है।
आई होप आपको True Success Story Of MS Dhoni पसंद आई हो। ऐसी ही और भी सफलता की सच्ची कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।
Ans- महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड के रांची शहर में हुवा था।
Ans- महेंद्र सिंह धोनी फिलहान एक बेटी के पिता हैं और उसका नाम जीवा सिंह धोनी है।
Ans- MS Dhoni की पहली गर्लफ्रेंड Priyanka Jha थी। जिनकी साल 2002 में कार एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी।
Ans- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी की कुल संपत्ति 1000 करोड़ रुपयों से ज्यादा की है।