Steve Jobs – Real Life Success Inspirational Story

Steve Jobs आज भले ही हमारे बीच में नहीं रहें लेकिन उन्होंने अपनी छाप करोड़ो लोगों के दिलों में छोड़ दी। उन्होंने बहुत कम समय में अपने इनोवेशन से दुनिया में एक नयी क्रांति ला दी। स्टीव जॉब्स को उनकी सफलता रातों रात नहीं मिली।

स्टीव जॉब्स की सफलता की कहानी के पीछे उनके जीवन का कठिन संघर्ष रहा है। steve jobs inspirational story आज के युवाओं को कुछ अलग करने की प्रेरणा देती है। आज की इस real life success inspirational story के जरिये आज हम steve jobs life के बारे में बताएंगे।

स्टीव जॉब्स की कहानी के जरिये आप ये जानेंगे की उनकी सफलता के पीछे उनकी कितनी मेहनत है। Steve Jobs life story हम सभी के लिए सच्ची प्रेरणा का स्रोत है। Steve Jobs की जिंदगी से जुड़ी प्रेरणादायक बातों को इस inspirational story के जरिये अवश्य जाने।

Steve Jobs – Real Life Success Inspirational Story

जीवन परिचय:
Steve Jobs का जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में हुआ। लेकिन बहुत जल्द ही वो दुनिया को अलविदा कह गए। साल 2011 में कैंसर की बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। स्टीव जॉब्स ने अपनी जिंदगी का हर दिन ऐसा जिया कि जैसे ये उनका आखिरी दिन हो।

Steve Jobs 12 जून 1955 को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में शामिल हुए जहाँ उन्होंने अपनी जीवन का सबसे प्रसिद्ध भाषण “Stay Hunger Stay Foolish” दिया। जिसमे उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी 3 कहानियां बतायी।

पहली कहानी :

Steve Jobs ने पहली कहानी बताते हुए कहा कि “मुझे कॉलेज से निकाल दिया गया था लेकिन ऐसा क्यों हुआ ये बताने से पहले मैं आपको अपने जन्म की कहानी बताता हूँ। मेरी माँ एक कॉलेज छात्रा थी और अविवाहित थी। वह मुझे किसी ऐसे दंपती को गोद देना चाहती थी जो ग्रेजुएट हो।

मेरे जन्म से पहले ही ये तय हो गया था कि मुझे एक वकील और उनकी पत्नी गोद लेंगे लेकिन उनको बेटा नहीं बेटी चाहिए थी। मेरे जन्म के बाद जब उन्हें पता चला कि बेटा हुआ है तो उन वकील दंपत्ति से पूछा गया कि क्या वो मुझे गोद लेंगे और वो अचानक तैयार हो गए।

मेरी माँ को जब पता चला कि मुझे गोद लेने वाले दंपत्ति पढ़े-लिखे नहीं हैं। तो मेरी माँ ने मुझे गोद देने से मना कर दिया, लेकिन मेरी माँ उस समय नरम पढ़ गयी, जब उन्होंने कहा कि वो मुझे कॉलेज भेजेंगे। 17 साल की उम्र में मुझे कॉलेज में दाखिला मिल गया। लेकिन उस समय मुझे लगा कि मेरे माता पिता की सारी कमाई मेरी पढ़ाई में खर्च हो रही है। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करूँगा।

आखिरकार मैंने कॉलेज Drop करने का फैसला किया और सोचा कि कोई काम करूंगा। उस समय शायद यह निर्णय सही नहीं था लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़ के देखता हूँ, तो मुझे ये लगता है कि मेरा निर्णय बिलकुल सही था।

उस समय मेरे पास रहने के लिए कमरा नहीं था तो मैं अपने दोस्त के कमरे में जमीन पर ही सो जाता था। साथ ही मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं थे तो मैं कोक की बोतल बेचता था ताकि जो पैसा मिले उससे मैं खाना खा सकूँ। और कभी-कभी खाने के लिए मैं सात मील पैदल चलकर कृष्ण मंदिर जाता था।

रीड कॉलेज कैलीग्राफी के लिए पूरी दुनिया में फेमस था। पूरे कैंपस में हाथ से बने हुए बहुत ही ख़ूबसूरत पोस्टर लगे हुए थे तो मेरे मन में भी उसे सीखने की इच्छा जागी। मैंने Serif and San Serif Typefaces सीखी। मैंने इसी टाइपफेसस से सीखकर अलग-अलग अलग शब्दों को जोड़कर टाइपोग्राफी तैयार की।

दस साल बाद मैंने पहला Macintosh Computer डिजाइन तैयार किया। खूबसूरत टाइपोग्राफी के साथ यह मेरा पहला कंप्यूटर डिज़ाइन था। यदि मैं कॉलेज से नहीं निकलता और कैलीग्राफी नहीं सीखता तो शायद मैं ये सब नहीं कर पाता”

दूसरी कहानी (steve jobs story of apple):

अपनी दूसरी कहानी में वो बोलते है कि “मैं इस मामले में लक्की रहा कि मैंने जो चाहा वो किया। वॉजएनिक और मैंने गैराज में एप्पल की शुरुआत की। तब मेरी उम्र 20 वर्ष की थी। हमने बहुत मेहनत की और 10 सालों में ही हम बहुत ऊपर पहुंच गए। एक गैरेज में दो लोगों से शुरू हुई कंपनी दो बिलियन लोगों तक पहुंच गयी और इसमें 4000 कर्मचारी काम करने लगे।

हमने अपने सबसे बेहतरीन क्रिएशन Macintosh Computer को रिलीज़ किया। जैसे-जैसे हमारी कंपनी आगे बढ़ी, हमने एक प्रतिभाशाली व्यक्ति को कंपनी सँभालने के लिए चुना। पहले साल तो कंपनी ने अच्छा काम किया लेकिन भविष्य को लेकर हमारा जो विज़न था वो फेल हो गया।

मैं अब 30 साल का था और मुझे कंपनी से निकाल दिया गया। मुझे लगा कि मेरी ही कंपनी से मुझे कैसे निकला जा सकता है। इसके बाद पांच सालों में मैंने नयी कंपनी ‘NEXT’ तैयार की और इसके बाद एक और कंपनी जिसका नाम ‘Pixar’ था।

Pixar ने दुनिया की पहली animated फीचर फिल्म Toy Story बनायी। इसके बाद एप्पल ने NEXT को खरीद लिया और मैं वापिस एप्पल पहुँच गया। हमने ऐसी टेक्नोलॉजी बनायीं जिसने एप्पल को नया जीवन दिया। मुझे लगता है कि यदि मुझे एप्पल से ना निकाला होता तो शायद मैं ये सब नहीं कर पाता।

कभी कभी जीवन में ऐसे पल भी आते हैं लेकिन हमें इनसे घबराना नहीं चाहिए। आप अपनी मंजिल पर नज़र रखे और आगे बढ़ते रहें। जीवन में कोई ना कोई उद्देश्य होना बहुत जरूरी है, इसके बिना आगे बढ़ा नहीं जा सकता।

तीसरी कहानी [steve jobs ki bimari]:

जब मैं 17 साल का था तो मैंने एक कोटेशन पढ़ा जो कुछ ऐसा था – ‘आप हर दिन ये सोचकर जियो कि ये आपका आखिरी दिन है, तो एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब सही में आखिरी दिन हो।’ इस बात ने मुझे बहुत प्रभावित किया।

33 सालों में मैं हर रोज अपना चेहरा शीशे में देखता हूँ और सोचता हूँ यदि आज मेरा आखिरी दिन है तो मुझे वो करना चाहिए जो मैं करना चाहता हूँ। कई दिनों तक मुझे अपने सवालों का जवाब नहीं मिला। मैं जल्दी मर जाऊंगा, यह सोच मुझे जीवन में और ज्यादा काम करने की प्रेरणा देती है।

कुछ साल पहले ही मुझे कैंसर का पता चला। डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं 3 से 6 महीने ही जीवित रह पाउँगा। मुझे कहा कि मैं अपने परिवार वालो को अपनी बीमारी और काम के बारें में बता दूँ। मैंने अपना इलाज़ करवाया, सर्जरी करवाई अब मैं बिलकुल ठीक हूँ। मैंने बहुत ही नजदीक से मौत को देखा। कोई भी मरना नहीं चाहता, लेकिन मौत एक सच्चाई है जिसका सामना सभी को एक दिन करना है.”

स्टीव जॉब्स वाकई में बहुत बड़ी सोच रखते थे। बिना लक्ष्य के व्यक्ति कुछ भी प्राप्त नही कर सकता किसी को भी कुछ बड़ा करने के लिए एक उद्देश्य का होना बहुत जरूरी जिसका पीछा करते हुए हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

दोस्तों आपको steve jobs inspirational story कैसी लगी हमे comment section में जरूर बताएं। ऐसी ही और भी सफलता की सच्ची कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को follow जरूर करें। इस motivational story को शेयर जरूर करें।

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