सोच हमेशा Positive रखो – Best Hindi Motivational Kahani

कई बार जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हमारे साथ हो भी जाता है। ऐसा तब ज्यादा होता है जब हम किसी नेगेटिव चीज पर ज्यादा फोकस करते हैं और वो हो भी जाती है। जैसे की आपने खुद को बचाने के लिए किसी से झूठ बोल दिया। अब आपका मन बार बार ये सोचने लगता है की मेरा झूठ पकड़ा जाएगा, मैं फंस जाऊँगा और कुछ समय बाद exactly ऐसा हो भी जाता है।

इसी तरह आप किसी दिन बाइक लेकर घर से निकलते हैं पर हेलमेट पहनना भूल जाते हैं अब पूरे रास्ते आप यही सोचते रहते हैं की यार कहीं चालान ना हो जाए। आप जैसे ही थोड़ा दूर पहुंचते हैं तो आपको पुलिस रोक लेती है और आपका चालान भी हो जाता है।

ये सब चीजों का अनुभव आपने भी कई बार किया होगा और अगर नही किया है तो जरा अपने दिमाग पर जोर डालकर सोचिए जरूर, ऐसा कुछ ना कुछ आपके साथ भी हुवा ही होगा। ये सब होने का कारण है हमारी सोच। जो हम सोचते हैं वो कभी ना कभी हमारे साथ हो ही जाता है लेकिन नॉर्मली हम इस बात पर विश्वास नहीं करते और “by chance हो गया होगा” ऐसा मानकर चीजों को भूल जाते हैं।

अब दूसरी बात आती है की सोचा हुवा जो होता है वो हमेशा गलत ही क्यों होता है तो उसकी वजह है हमारी नेगेटिव सोच। हम सभी नेगेटिव चीजों के बारे में ज्यादा सोचते हैं और वही चीज हो भी जाती है। जैसे, किसी विद्यार्थी का एक सब्जेक्ट का एग्जाम थोड़ा खराब हो जाता है तो वो इस बात पर ज्यादा सोचने लग जाता है की वो उस विषय की वजह से फेल हो सकता है।

ऐसे विद्यार्थी का फोकस पास होने पर कम और फेल होने पर ज्यादा लग जाता है जिसकी वजह से वो उस विषय में या तो फेल हो जाता है या फिर उस विषय में तो वो पास हो जाता है लेकिन किसी और विषय में फेल हो जाता है क्योंकि उसका फोकस failure पर ज्यादा होता है।

अगर आप इस बात पर विश्वास रखते हैं की जो हम सोचते हैं वो हो जाता है तो आपको अपनी सोच को पॉजिटिव रखना होगा और इसका क्या फ़ायदा होता है आप इस Best hindi motivational kahani से समझ जाएंगे। ये Think positive motivational story in hindi आपको सिखाएगी की पॉजिटिव सोच किस तरह हमारी लाइफ को बदल सकती है। इस पॉजिटिव सोच वाली जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी छोटी सी को एक बार पूरा जरूर पढ़ें।

सोच हमेशा Positive रखो – Best Hindi Motivational Kahani

यह मोटिवेशनल कहानी है एक राजा और उसके मंत्री की। राजा का जो मंत्री था वह बहुत ही पॉजिटिव सोच वाला व्यक्ति था और जब भी किसी के साथ या उसके साथ कुछ भी अच्छा या बुरा होता तो वो मंत्री हमेशा यही कहता कि जो हुआ, अच्छा ही हुवा। राजा अपने मंत्री की इस बात से हमेशा सहमति नहीं रखता था। उसका मानना था की हर बार हर चीज अच्छे के लिए नही होती लेकिन राजा अपने मंत्री से इस बारे में कभी कुछ नहीं कहता।

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एक बार राजा अपने उस मंत्री और कुछ सिपाहियों के साथ जंगल में शिकार करने गए। जंगल में थोड़ा अंदर जाने के बाद राजा को एक हिरण दिखाई दिया। हिरण पर नजर पड़ते ही राजा ने धनुष पर तीर चढ़ाया और जैसे ही उन्होंने तीर पीछे खींचा तो धनुष टूट गया और तीर की नोक से राजा की उंगली कट गई। दर्द में चिल्लाते हुवे राजा बोला, “इस धनुष को भी आज ही टूटना था। अब मै शिकार कैसे करूंगा।”

राजा के हाथ से खून बह रहा था, खून को रोकने के लिए मंत्री ने एक कपड़ा लिया और राजा के हाथ में बांधते हुवे बोले, “महाराज, सकारात्मक सोचिए। जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा।”

राजा दर्द से तड़प रहे थे और मंत्री की इस बात से उनका दर्द गुस्से में बदल गया और उन्होंने गुस्से में अपने मंत्री को, “आजीवन कारावास की सजा सुना दी और अपने कुछ सैनिकों से कहा की मंत्री को राज्य लेजाकर बंद कर दें।”
सजा मिलने के बाद भी, मंत्री ने यही कहा, “जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा।”

सिपाही उसे वहां से ले गए। राजा का दर्द भी थोड़ा कम हो गया। उसने अपने सैनिक से दूसरा धनुष मांगा और वो शिकार की तलाश में आगे बड़ गए। थोड़ी ही दूर जाने के बाद राजा और उसके सिपाहियों पर जंगली आदिवासियों के एक समूह ने हमला कर दिया। सभी सैनिक मारे गए और वो लोग राजा को बंदी बनाकर अपने सरदार के पास ले गए। उनके सरदार ने राजा की बली अपनी कुल देवी को देने का फैंसला किया।

रात के समय जब वो लोग राजा की बली देने की तैयारी कर रहे थे तो उनके पुजारी ने देखा की राजा के हाथ में कपड़ा बंधा हुवा है। उसने वो कपड़ा खोला तो राजा की एक उंगली कटी हुई निकली। ये देख पुजारी चिल्लाया, “इसका तो अंग भंग हो चुका है। इस अधूरे शरीर की बली देवी स्वीकार नहीं करेगी। इसे जहां से उठाया था वहीं फेंक आओ।”

पुजारी की बात सुनकर वो लोग उस राजा को आधी रात में जंगल के बीच छोड़ गए। राजा को उस समय इस बात का एहसास हुवा की मंत्री जो कहता था “जो हुवा, अच्छा ही हुवा,” ठीक ही कहता था। किसी तरह राजा ने वो रात जंगल में बिताई और अगली सुबह अपने महल में पहुंचा और काल कोठरी में बंद अपने मंत्री को बाहर निकालकर सब कुछ बताया।

राजा की बातें सुनकर मंत्री बोला, “महाराज, मैं तो पहले की कहता था, सकारात्मक सोचिए, जो भी हुवा, अच्छा ही हुवा।”

मंत्री की बात सुनकर राजा बोला, “मेरी जान बच गई वो तो अच्छा ही हुवा लेकिन मैने तुम्हारा इतना अपमान किया, तुम्हें सजा दी, तुम्हें एक रात काल कोठरी में बितानी पड़ी। इस सब में तुम्हारे साथ क्या अच्छा हुवा।”

तो मंत्री बोला, “महाराज, आप इस सब घटना का सकारात्मक पहलू सोचिए। अगर मैं आपके साथ होता तो वो लोग हम दोनो को पकड़ लेते। अंग भंग होने की वजह से आपकी बली तो नहीं चढ़ती, पर मेरा शरीर तो पूरा है वो लोग मेरी बली दे देते। इसलिए मेरे साथ साथ कुछ सैनिकों की भी जान बच गई और अब मैं बंदी भी नही हूं और आप भी आजाद हैं, इसलिए जो हुवा अच्छा ही हुवा।”

सीख जो हमे इस मोटिवेशनल कहानी हिंदी में से मिलती है –

ये कहानी सीखाती है की हमें जितना हो सके अपनी परिस्थितियों के बारे में पॉजिटिव सोच ही रखनी चाहिए। जब तक हम पॉजिटिव सोच नही रखेंगे तब तक हमारे साथ पॉजिटिव चीजें भी नही हो सकती। हालांकि ऐसी सोच develop कर पाना आसान नहीं होता। हम छोटी छोटी चीजों से बहुत जल्दी टूट जाते हैं और बार बार उन बातों के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं जो बुरी होती है।

जैसे, ब्रेकअप के बाद अधिकतर लोग ये सोचने लग जाते हैं की, “अब मैं आगे की जिंदगी अकेले कैसे जियूंगा, अब कौन मुझे प्यार करेगा, और ऐसा सोचते सोचते या तो वो डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं या suicide कर लेते हैं या फिर शराब पीने लग जाते हैं। जबकि ऐसी स्थिति में उन्हें ये सोचना चाहिए की, “जो हुवा अच्छा हुवा, अब जिंदगी की एक नई शुरुवात करने का मौका है, नए लोगों से मिलने का मौका है, खुद के लिए कुछ करने का मौका है।” जब तक हम नेगेटिव चीजों और बातों की तरफ अपना फोकस रखेंगे तब तक हमारे साथ नेगेटिव ही होगा। इसलिए अपनी सोच हमेशा पॉजिटिव रखिए।

आई होप Think Positive Hindi Motivational Kahani से आपको कुछ काम की बातें सीखने को मिली हों। ऐसी ही और भी मोटिवेशनल कहानियां पढ़ने के लिए ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।

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