Best Short Hindi Motivational Story – भगवान की भक्ति

Hindi Motivational Story- वैसे तो ये कलयुगी दुनिया है, यहां लोग भगवान को कम और पैसों को ज्यादा पूजते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो भगवान की भक्ति करते तो हैं लेकिन वो भक्ति पूरे प्रेम भाव से नहीं करते और बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो सब कुछ भूलकर पूरे दिल से सिर्फ भगवान की भक्ति में लगे रहते हैं।

आज की दुनिया पाखंड से भरी है। भगवान के नाम पर लोग पैसे कमाना चाहते हैं। जब हमारी जिंदगी में सबकुछ सही चल रहा होता है तो हम भगवान को याद तक नहीं करते और जैसे ही बुरा समय आता है तो भगवान भगवान करके मंदिरों की तरफ दौड़ते हैं। मन में भले पाप भरा हो फिर भी खुद को भगवान का भक्त बोलते हैं।

ऐसी भक्ति जो सिर्फ अपने फायदे के लिए करी जाए वो कभी नही फलती। आज की इस शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी के जरिए आप जानेंगे की अगर हमें सच में भगवान का भक्त बनना है तो हमारे अंदर किस तरह का भाव होना चाहिए। वो क्या गुण हैं जो एक इंसान को भगवान का सच्चा भक्त बना सकते हैं।

अगर आप भी भक्ति भाव और भगवान को मानने वालों में से हैं तो इस Short Hindi motivational story को पूरा जरूर पढ़ें और इस छोटी सी मोटिवेशनल कहानी को शेयर जरूर करें।

Short Hindi Motivational Story – भगवान की भक्ति

बहुत समय पहले की बात है। एक व्यक्ति था जो की अपनी पारिवारिक जिंदगी से बड़ा दुखी रहता था। आए दिन उसके घर में किसी ना किसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा होता रहता जिसकी वजह से वो अपने परिवार से ही नफरत करने लगा।

अपने पारिवारिक वाद विवाद से परेशान होकर एक दिन उसने फैंसला लिया की ‘मुझे ये सब कुछ छोड़कर सन्यास ले लेना चाहिए। इस पारिवारिक जिंदगी में शिवाय दुखों के कुछ नही रखा।’

कुछ दिन बाद वो घर में बिना कुछ बताए जंगल की तरफ चला गया और ऐसी जगह की तलाश करने लगा जहां पर वो छोटी सी कुटिया बनाकर रह सके और ध्यान लगा सके।

जंगल में थोड़ा अंदर जाने के बाद उसने देखा की वहां एक साधु ध्यान में बैठे हैं। वो उनके पास गया और ध्यान पूरा होने का इंतजार करने लगे। जब उस साधु ने आंखे खोली तो अपने सामने उस व्यक्ति को देखकर वो हैरान हो गए और बोले, “तुम कौन हो और इस जंगल में क्या कर रहे हो?”

वो व्यक्ति बोला, “गुरुदेव, मैं सन्यासी बनना चाहता हूं और इस सांसारिक दुनिया को छोड़कर भगवान की भक्ति करना चाहता हूं। कृपया, आप मुझे अपना शिष्य बना लीजिए।”

उसकी बात सुनकर साधु बोले, “अच्छा, ये बताओ क्या तुम अपने परिवार में किसी से प्यार करते हो?”

वो बोला, “नहीं, पारिवारिक जीवन दुखों से भरा है, मैं अब किसी को प्यार नही करता।”

साधु ने फिर पूछा, “क्या तुम्हें अपने मां बाप, भाई बहन, पत्नी, बच्चों, पड़ोसियों किसी से भी लगाव नहीं है?”

व्यक्ति बोला, “गुरुदेव, इस दुनिया में हर कोई मतलबी है, जब तक मतलब होता है तब तक हर कोई पूछता है। यहां हर कोई स्वार्थी है इसलिए मुझे किसी से लगाव भी नही है और इसीलिए मैं सब कुछ छोड़कर संन्यास लेना चाहता हूं और भगवन की भक्ति में खुद को समर्पित कर देना चाहता हूँ।”

उस व्यक्ति की बात सुनकर साधु बोले, “मैं तुम्हें अपना शिष्य नही बना सकता क्योंकि तुम्हारा मन अशांत है और तुम्हारे दिल में किसी के लिए प्यार नही है। अगर तुम्हें अपने परिवार से प्रेम होता तो मैं उसे बड़ा कर भक्ति में लगा देता, अगर तुम्हारे अंदर लोगों के प्रति लगाव होता तो मैं उसे भी बढ़ाकर भगवान की भक्ति में लगा देता लेकिन तुम्हारा मन बहुत कठोर है।

कठोर इंसान कभी मन से, दिल से भगवान को प्राप्त नही कर सकता। बिना प्रेम भाव के भगवान की भक्ति करना सिर्फ समय की बरबादी है। मैं किसी पत्थर से झरना नही बहा सकता। तुम यहाँ से जाओ, अपने परिवार के साथ समय बिताओ, जब तुम्हारा मन शांत होगा और अपने परिवार के प्रति तुम्हारे अंदर प्यार होगा तो तुम्हारा जीवन सुखी हो जाएगा, तब तुम खुद को ऊपरवाले की भक्ति में लगा सकते हो.”

सीख जो हमें इस short motivational story से मिलती है –

ये छोटी सी मोटिवेशनल कहानी हमें सिखाती है की जब तक हमारे मन में दूसरों के प्रति प्यार नही होगा, सम्मान नही होगा, दूसरे के प्रति सोच अच्छी नहीं होगी तब तक हम भगवान के सच्चे भक्त नही बन सकते। ऐसे बहुत से लोग हैं जो भगवान की भक्ति में लगे रहते हैं लेकिन उनके दिल में दूसरों के प्रति ना प्यार होता है और ना ही सम्मान।

इसलिए अगर आप भगवान की सच्चे भक्त बनना चाहते हैं और चाहते हैं की भगवान आपकी भक्ति से खुश हों तो सबसे पहले आपको अपने मन से गलत विचारों को दूर करना होगा, दूसरों के प्रति प्रेम भाव रखना होगा, जब मन सच्चा होगा तो भगवान की भक्ति भी सच्ची होगी।

आई होप इस Best hindi motivational story से आपको कुछ अच्छा सीखने को मिला हो। ऐसी ही और भी मोटिवेशन कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।

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