कर्म करने से पहले सोच जरूर लो – शिक्षा देने वाली Motivational कहानी

कहते हैं की कोई भी काम करने से पहले हमें दो बार सोच लेना चाहिए और किसी गलत को काम करने से पहले हमें हजार बार सोच लेना चाहिए और फिर हजार बार सोचने के बाद भी हमें वो गलत काम कभी नही करना चाहिए। ये बात लिखने और पढ़ने में बहुत अच्छी लगती है मगर हम इंसान इसे अपनी निजी जिंदगी कम ही अपना पाते हैं और ज्यादातर समय हम कुछ करने से पहले या तो सोचते ही नहीं या सोचते भी हैं तो उस सोच पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और जो करना होता है उसे कर देते हैं।

दोस्तों आज की इस शिक्षा देने वाली प्रेरणादायक कहानी के जरिए हम आपको इसी बात की सीख देंगे की किस तरह हमे अपने किसी भी कर्म को करने से पहले अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए। फिर चाहे वो कर्म कुछ भी हो। उस कर्म को करने से पहले ये जरूर सोचें की उसे करने से क्या फाइदा होगा, क्या नुकसान होगा और क्या वो कर्म करना सच में जरूरी भी है। इस शिक्षाप्रद मोटिवेशनल कहानी को एक बार जरूर पढ़ें।

कर्म करने से पहले सोच जरूर लो – शिक्षा देने वाली Motivational कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में बहुत ही शातिर चोर था। वो चोर जब तक किसी घर में चोरी ना कर ले तब तक उसे चैन ही नही मिलता था। वो चोर अपनी इस आदत से बहुत परेशान था और उससे छुटकारा पाना चाहता था। लेकिन गांव में रहकर वो ये आदत नही छोड़ पा रहा था क्योंकि जब भी उसका मन करता वो रात होते ही किसी ना किसी के यहां सेंध मार ही आता।

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अपनी इस आदत को दूर करने के लिए उस चोर ने गांव से दूर जंगल में जाकर रहना शुरू कर दिया। कुछ दिन जैसे तैसे उसने जंगल में बिताए लेकिन चोरी किए बिना उससे रहा नही जा रहा था। उसने एक दिन सोचा कि, “बहुत दिन हो गए हैं दूसरा गांव इस जंगल से पास में ही वहां जाकर एक अंतिम बार चोरी कर लेता हूं। उसके बाद नही करूंगा।”

ऐसा सोचकर वो अंधेरा होते ही, चोरी के इरादे से दूसरे गांव की तरफ निकल गया। लेकिन रास्ते में उसे एक कुटिया दिखी और उसने सोचा की क्यों ना आज रात यहीं हाथ साफ कर लिया जाए। वो चोर जैसे ही उस कुटिया में घुसा तो उसने देखा की कुटिया के अंदर एक साधु ध्यान में बैठे हैं और वहां चोरी करने के लिए कुछ समान है नही।

वो वहां से चुपचाप निकलने लगा लेकिन ध्यान में बैठे साधु को उस चोर के आने का एहसास हो गया था तो उन्होंने उसे आवाज दी जोर कहा, “कौन हो? इतनी रात को यहां क्यों आए और जा क्यों रहे हो?”


वो बोला, “मैं एक चोर हूं और चोरी के इरादे से यहां आया था लेकिन आप के पास चोरी करने जैसा कुछ है ही नहीं तो अब मैं कहीं और जा रहा हूं।”
साधु बोले, “चोरी करना छोड़ क्यों नहीं देते। मेहनत का काम करो और एक अच्छी जिंदगी को जीयो।”
चोर बोला, “मैं अपनी चोरी की आदत को छोड़ना तो चाहता हूं लेकिन चाह कर भी ये आदत मुझसे छूट नही पा रही है। आप मुझे आशीर्वाद दें ताकि मैं यह काम छोड़ सकूं।”

चोर की बातें सुनकर साधु बोले, “अगर तुम चोरी की आदत नहीं छोड़ पा रहे हो तो एक काम करना। जब भी तुम चोरी करो तो उसके बाद अपने गुनाहों को उन लोगों के सामने स्वीकार कर लेना जिनके यहां तुम चोरी कर रहे हो या फिर जिनके यहां तुम चोरी करने के इरादे से जाओ, पहले तुम उन्हें बता देना।”

साधु की बात सुनकर चोर थोड़ा हैरान हो गया। पर उसने सोचा साधु ने कहा है तो इस बात का कुछ ना कुछ अच्छा असर ही होगा। ऐसा सोचकर वो वहां से चला गया।

अगली रात वो चोर एक घर घुसा और जैसे ही वो वहां रखे पैसों को अपने बैग में भरने लगा तभी उसे साधु की बात याद आ गई, उसने मन ही मन सोचा, “अगर मैं ये पैसे चोरी कर लेता हूं और फिर घर के मालिक को बताता हूं, तो वो मुझे पकड़ लेगा और पुलिस के हवाले कर देगा। पुलिस मुझे पीटेगी और चोरी करने के जुर्म में मुझे जेल में डाल देगी।”

जैसे ही उसके मन में पुलिस और पिटाई की बात आई तो उसने अपना मन बदल दिया और चोरी किया बिना ही वहां से भाग गया। उसके बाद वो चोर जहां भी चोरी करने जाता, उसके मन में वहीं सब बातें आती और वो डर कर बिना चोरी करे ही लौट जाता।

कुछ दिन बाद वो चोर उस साधु के पास फिर से गया और उनसे बोला, “गुरुजी, आपने मुझे ये कैसा उपाय बताया है। अगर मैं चोरी करने की बात पहले ही उस घर के मालिक को बता दूंगा तो मैं चोरी कैसे कर पाऊंगा?”

गुरुजी बोले, “मैंने तुम्हें ऐसा उपाय इसलिए बताया ताकि तुम जब भी चोरी करने जाओ तो तुम्हें इस बात का एहसास हो की जो कर्म तुम कर रहे हो या जो कर्म तुम करोगे उसका परिणाम क्या हो सकता। जब भी तुमने मेरी कही बात पर ध्यान दिया तो तुम सावधान हो गए और जान पाए की तुम्हारे कर्म अगर ऐसे ही रहे तो तुम्हे सजा भी हो सकती है। इससे तुम अपराध करने से बच पाए।”

साधु की बात चोर के अच्छी तरह समझ आ गई और उसने चोरी छोड़कर, मेहनत से काम करना शुरू कर दिया।

सीख जो हमे इस अच्छी शिक्षा देने वाली कहानी से मिलती है –

ये कहानी सीखाती है की हमें हमेशा किसी भी कर्म को करने से पहले उससे मिलने वाले परिणाम के बार में सोच लेना चाहिए। जब तक हम अपने कर्मों के प्रति सचेत रहेंगे तब तक हम कुछ भी गलत नही करेंगे। बहुत से लोग ज्यादा जागरूक ना होने कारण गलत कर्म कर देते हैं। वो परिणाम के बारे में नही सोचते। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पहले कर्म कर देते हैं और बाद में उनके परिणामों के बारे में सोचते हैं और जब चीजें गलत हो जाती हैं तो फिर पछताते हैं।

अच्छे कर्म करने से पहले जब आपके उसके परिणाम के बारे में सोचेंगे तो उसके परिणाम भी आपको अच्छे ही नजर आएंगे और अगर किसी बुरे कर्म के परिणाम के बारे में सोचेंगे तो उसके परिणाम भी आपको बुरे ही मिलेंगे। इसलिए जब भी कुछ करें तो दो मिनट रुक कर जरूर सोच लें की जो आप करने जा रहे हैं उसका असर आपकी ओर आपसे जुड़े लोगों की जिंदगी में कैसा पढ़ेगा।

आई होप आपको इस शिक्षा देने वाली Motivational कहानी से कुछ अच्छा सीखने को मिला हो। ऐसी ही और भी जीवन बदलने वाली प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए ब्लॉग से जुड़ें रहें।

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