सफल Businessman कैसे बनें – Business Motivational Story in Hindi

Business Motivational Story- आज के समय में ज्यादातर लोग नौकरी छोड़ कर किसी ना किसी तरह के Business की शुरुआत करना चाहते हैं। बिजनेस में रिस्क ज्यादा होता है तो वही मुनाफा भी ज्यादा होता है। किसी भी बिज़नेस को शुरू करना और उस Business को सफल बनाना ये दोनों अलग अलग बातें हैं। बिजनेस शुरू करना आसान है लेकिन उससे पैसे कमाना बहुत मुश्किल।

कई लोग जोश जोश में पैसे इन्वेस्ट करके बिजनेस शुरू तो कर लेते हैं लेकिन वो उसे लंबे समय तक चला नही पाते और जब नुकसान ज्यादा होने लगता है तो वो उस काम को बंद कर देते हैं। Business को चलाने के लिए और एक सफल businessman बनने के लिए हमे बहुत मेहनत, नॉलेज और सही मार्केटिंग की जरूरत होती है। आज इस Business motivational story in hindi के जरिए हम आपको बताएंगे की किस तरह एक सफल businessman बना जाता है।

ऐसी क्या चीज़ें है जो हमे हमेशा ध्यान रखनी चाहिए ताकि हमारा काम ठीक से चल सके। इस बिजनेस मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी को पढ़कर आप समझेंगे की किन चीजों की वजह से हमारे काम में ज्यादा नुकसान होता है और अपने Business की शुरुवात में हमें किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

सफल Businessman कैसे बनें – Business Motivational Story in Hindi

ये कहानी है गांव के एक किसान की, जिसका नाम महेश था। महेश के पास कई सारे बड़े बड़े खेत थे। जिनमे वो खुद खेती करा करता था। उसकी फसल हमेशा अच्छी होती। उस फसल को बाजार में बेचकर उसे मुनाफा भी ज्यादा होता। धीरे धीरे महेश गांव का बहुत धनी व्यक्ति बन गया। उसने खेती करने के लिए कुछ मजदूर रख लिए।

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खेतों की जुताई करने के लिए ट्रैक्टर खरीद लिया और खुद घर में रहकर आराम करने लगा। महेश ने अपने खेतो का सारा काम दूसरों को सौंप दिया। खेतों में क्या हो रहा है, कौनसी फसल हो रही है, इन सब चीजों पर उसने ध्यान देना छोड़ दिया। शुरुवात में सब कुछ ठीक रहा, मजदूरों ने काम भी अच्छा किया।

ज्यादा मजदूर होने से काम जल्दी हो रहा था, फसल भी अच्छी हो रही थी। लेकिन कुछ समय बाद मजदूरों ने अपनी मनमानी शुरू कर दी। वो ना फसल टाइम पर लगाते, ना सिंचाई टाइम पर करते, ना ही फसल में से घास वगैरा निकालते।

जब फसल कम होती तो वो महेश से ये कह देते की खराब की मौसम की वजह से ये सब हो रहा है। चीजें ऐसे ही चलती रही और धीरे धीरे महेश के खेत बंजर होने लगे। महेश भी यही सोचता की मौसम की वजह से अब खेती में कुछ नही रहा और वो खेतों की तरफ जाता ही नही।

एक दिन उस गांव में एक दूसरा व्यक्ति आया, जिसका नाम भोला था। भोला को खेती के लिए कुछ जमीन चाहिए थी तो किसी ने उसे महेश के बारे में बताया। भोला, महेश के पास गया और बोला, “आप के कुछ खेत बंजर पड़े हैं, वो खेत आप मुझे दे दीजिए उसके बदले मैं आपको हर साल पैसे देता रहूंगा।”

महेश उसकी बात मान गया क्योंकि उसको अपने खेतों से कुछ फायदा तो हो नहीं रहा था। उसने अपने 3 खेत भोला को दे दिए।

भोला ने महेश के खेतों में फसल लगाना शुरू कर दिया। भोला बहुत मेहनती था, वो बाहर से मजदूर लाकर खेती करता था और खुद भी सारा दिन उनके साथ लगा रहता। अपनी फसल का ध्यान रखता था, समय समय पर उसमें दवा डालना, खाद डालना, समय पर पानी देना, फसल से घास निकालना, ये सब काम वो खुद ही करता। दो तीन साल बीत गए और भोला ने महेश के तीन खेतों से ही बहुत सारा धन कमा लिया।

उसकी फसल हर साल अच्छी होती। वही दूसरी तरफ महेश की फसल हर साल बेकार होते गई। उसपर लोगों का कर्ज हो गया। हालात इतने बिगड़ गए की कर्ज चुकाने के लिए महेश अपने खेत तक बेचने को मजबूर हो गया।

ये बात जब भोला को पता चली तो वो महेश के पास आया और उससे बोला, “आप मुझे खेती करने के लिए अपने सारे खेत दे दीजिए और उनके बदले जो पैसे मैं आपको दूंगा, उससे आप अपना कर्जा चुका दीजिए। पहले आपने मेरी मदद करी थी इस बार मैं आपकी मदद कर देता हूं।”

भोला की बात सुनकर महेश बोला, “तुम्हारे पास इतने सारे पैसे आये कहाँ से? तुम्हारे पास तो सिर्फ तीन खेत हैं और उसके बदले में तुम मुझे पैसे भी देते हो, घर का खर्च भी चलाना भी होता है। खेतों में फसल भी अच्छी नहीं हो रही है फिर इतने पैसे तुमने कमाए कैसे।”

भोला बोला, “ये सब पैसे मैंने आपको खेतों से ही कमाएं हैं। मैं खेतों में मजदूरों के साथ खुद काम करता था। अपनी फसल ही निगरानी रखता था। समय के हिसाब से फसल बदलता रहता था। खाद, पानी, दवा वो सब समय समय पर अपनी फसल को देता रहता। जिसकी वजह से मेरी फसल हमेशा अच्छी हुई और मुझे हर बार फ़ायदा हुवा। वहीं आपने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया, फसल कैसी हो रही है कभी ध्यान नहीं दिया, ना कभी देखा की मजदूर कैसे काम रहे हैं और उन्होंने अपनी मनमानी चलाकर आपकी फसल और खेत दोनो बर्बाद कर दिए।”

भोला की बातें सुनकर महेश समझ गया की उससे क्या गलती हुई है। उसने अपने सारे खेत भोला को दे दिए और उसी के साथ मिलकर खेती करने लगा। कुछ ही सालों में महेश की जिंदगी फिर से सुधर गई और वो फिर से गांव का एक धनी व्यक्ति बन गया।

सीख जो हमें इस Business Motivational Kahani से मिलती है –

ये कहानी हमें सिखाती है की हमें अपने काम की जिम्मेदारी हमेशा खुद लेनी चाहिए। जब हम अपना काम दूसरों के भरोसे छोड़ देते हैं और उस पर ध्यान नहीं देते तो हमारा नुकसान ही होता है। कई बार हम लोग दूसरों के भरोसे अपना कोई बिजनेस शुरू कर देते हैं और सोचते हैं की सबकुछ बढ़िया होगा।

हम पार्टनरशिप में अपने दोस्त, अपने रिश्तेदार या फिर किसी अनजान व्यक्ति को ले लेते हैं और फिर उनके भरोसे अब कुछ छोड़ देते हैं। कई बार वही लोग धोखा दे जाते हैं और हमारा बिजनेस डूब जाता है। आप कभी ऐसी गलती ना करें। जब भी आप कोई Business शुरू करें सबसे पहले खुद उसे सीखें, जब तक वो काम आपको नही आयेगा तब तक आप उसमे सुधार नही कर पाएंगे।

जब आपका बिजनेस चलने लगे तब आप उसमे दूसरों को जोड़ें और हमेशा अपने काम की जांच करते रहें। देखें की आपको कितना प्रॉफिट हो रहा है, कितना नुकसान हो रहा है, कौन अच्छा काम कर रहा है, कौन कामचोरी कर रहा है। अगर आप अपने काम को दूसरों के भरोसे छोड़ कर मौज मस्ती या आराम में लग जाएंगे तो वो काम हमेसा नुकसान ही देगा।

Business की शुरुवात हमेशा उन लोगों के साथ करें जिन पर आपको सच में भरोसा हो। किसी के कहने पर कोई भी काम शुरू ना करें। काम या बिजनेस वही करें जिसकी आपको खुद भी जानकारी हो ताकि कल अगर कोई आपको धोखा दे भी जाए तो उस काम को आप खुद भी आगे बड़ा सकें। जब आप ऐसा करेंगे तब जाकर आप एक सफल बिजनेसमैन बन पाएंगे।

आई होप इस business motivational story in hindi से आपने कुछ काम की बातें सीखी हों। ऐसी और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें। नई कहानियां जल्दी पढ़ने के लिए Email Notification जरूर Enable करें।

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