prernadayak kahani hindi mein- जब हमारी लाइफ में सब कुछ अच्छा हो रहा होता है , और हम खुशियों भरी जिंदगी जी रहे होते हैं तो उस वक्त हमें किसी की जरूरत महसूस नहीं होती। लेकिन जब हमारी जिंदगी में दुख आता है या हमे किसी की मदद की जरूरत पड़ती है तो तब हमें याद आते हैं हमारे अपने हमारे रिश्ते या हमारे रिश्तेदार। दुख के समय हम हमेशा अकेला महसूस करते हैं, और उस वक्त चाहते हैं कि कोई ना कोई हमारा साथ दे या हमारे साथ हो लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि जब हम खुश थे तो हमने अपनी खुशियों में किसी को शामिल नहीं किया और ना ही उन खुशियों का हिस्सेदार किसी को बनाया। तो फिर अब हमारी मुसीबत के समय हमारा साथ कौन देगा।
दोस्तों आज की ये कहानी रिश्तो की अहमियत को सिखाने वाली है। हमारी लाइफ में रिश्तो की अहमियत कितनी होती है, यह बात हमें तब समझ में आती है, जब हम जिंदगी में अकेले पड़ जाते हैं। रिश्ता चाहे किसी से दोस्ती का हो, प्यार का हो, अपने परिवार वालों से हो या अपने रिश्तेदारों से हो, ये रिश्ते कभी ना कभी हमारे काम आते ही हैं। और इन रिश्तो को बनाए रखना हमारे लिए बहुत जरूरी है। अकेले रहने वाला इंसान सिर्फ बाहर से खुश दिखता है लेकिन हर किसी को साथ लेकर चलने वाला और अपनों के साथ मिलकर रहने वाला इंसान बाहर और अंदर दोनों तरह से खुश रहता है।
इस कहानी के जरिए आप रिश्तो की अहमियत को समझेंगे कि हमारी लाइफ में रिश्ते कितने जरूरी है और रिश्तो को बनाए रखना भी कितना जरूरी है। best motivational story in hindi के जरिए आपको रिश्तो की सही अहमियत समझ में आएगी और फिर आप उन्हें एक अलग तरीके और एक अलग नजरिये से देखेंगे। इस प्रेरणादायक कहानी का उद्देश्य आपके रिश्तों को बेहतर बनाना और उनकी एहमियत को समझाना है। एक बार इस हिंदी मोटीवेशन कहानी को जरूर पड़ें।
रिश्तों की एहमियत – prernadayak kahani hindi mein
संख्याओं (numbers) के बारे में एक बहुत ही इंटरेस्टिंग स्टोरी है। एक बार number नौ (9) ने, आठ (8) को जोर से चांटा मार दिया। आठ (8) ने जब नौ (9) से पूछा की तुमने ऐसा क्यूँ किया तो नौ (9) number ने कहा, मै तुमसे बड़ा हूँ और में ऐसा कर सकता हूँ। फिर क्या था, आठ (8) ने सात (7) को , 7 ने छै(6) को, 6 ने पांच (5) को, 5 ने चार (4) को, 4 ने तीन (3) को, 3 ने दो (2) को, और 2 ने एक (1) को चांटा दे मारा। लेकिन बेचारा एक क्या करता, उससे छोटा तो कोई था ही नहीं, जिसे वो भी चांटा मार सके।
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उसने थोड़ा सोचा और चालाकी से एक बहुत बड़ा काम किया। जीरो (0) जो अपने आप में अलग पड़ा रहता था, उसने उसे अपने साथ मिला लिया और फिर वो एक से दस (10) बन गया। 1 जो अभी तक सबसे छोटा था अब वो सबसे बड़ा बन गया लेकिन इस बार उसने किसी और संख्या को चांटा नही मारा बल्कि उसने दूसरे numbers को एक मेसेज दिया, “हम किसी को छोटा दिखाने या मारने से बड़े नहीं बनते बल्कि बड़ा बना जाता है किसी का साथ निभाने से, किसी के साथ प्यार बाँटने से।”
सीख जो हमे इस छोटी सी प्रेरणादायक कहानी से मिलती है:-
जो लोग अपने रिश्तों की importance को समझते हैं, वही जिंदगी में एक बेहतर इंसान बनते हैं। हमारी लाइफ में कोई भी relation हमारे दो पैरों की तरह होता है, एक आगे बढ़ता है तो दूसरा उसके पीछे आता है और जब दूसरा आगे बढ़ता है तो पहला पीछे आता है लेकिन इन दोनों में कभी कोई मतभेद (conflict) नहीं होता। इन दोनों में से कोई एक भी कमजोर पड़ जाये तो इंसान गिर जाता है।
इसी तरह हमारी लाइफ में, हमारे रिश्ते होते हैं जो हमे गिरने से बचाते है। हम अपनी लाइफ में हमेसा हर काम अकेले नहीं कर सकते, अगर लाइफ में बहुत आगे जाना है तो रिश्तो की जरुरत पड़ती ही है। जैसे business के लिए पार्टनर की, खुशियों के लिए परिवार की, मुसीबत के वक़्त दोस्त की।
जो लोग दूसरों का साथ निभाते हैं और दूसरों को साथ लेकर चलने की सोच रखते हैं वो लाइफ में कभी अकेले नहीं पड़ते। उनकी लाइफ में चाहे ख़ुशी हो या गम उनके पास कोई ना कोई ऐसा जरूर होता है जो उनके अच्छे-बुरे वक़्त में उनका साथ निभाता है। हमारे रिश्ते हमारी लाइफ को आसान बनाते हैं।
रिश्तों की एहमियत (importance of relations in life)
बिना रिश्तों के भी इंसान रह सकता है लेकिन बिना रिश्तो के कभी खुश नहीं रह सकता। रिश्ते बनाना इतना मुश्किल नहीं होता, मुश्किल होता है रिश्तों को निभाना। सिर्फ अपने फायदे के लिए रिश्तो को नहीं बनाना चाहिए, ऐसे रिश्ते जो सिर्फ फायदे के लिए बनते हैं वो अक्सर नुकसान भी बहुत बड़ा कर देते हैं।
रिश्तों की एहमियत को समझना बहुत जरूरी है। हमारे अच्छे बुरे वक्त में अपने ही काम आते हैं। सो फ्रेंड्स लाइफ में अच्छे रिश्ते बनाइये, ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको लाइफ में कुछ सीखा सकें, कुछ बनने की motivation दें, मदद के वक्त आपका साथ दें।
हम एक दूसरे का साथ निभाए बिना कभी आगे नहीं बड़ सकते। ये बात हमेशा याद रखें की आज आप अगर किसी के काम आएंगे तो कल कोई और भी काम आएगा। इसी तरह हमारे रिश्ते बनते हैं। दुसरों का साथ देना, दूसरों से अच्छा बर्ताव करना, मिलना जुलना, बातें करना यही चीज़ें हमारे रिश्तों को बेहतर बनाती हैं।
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