8 New Life Changing Short Hindi Speeches For Motivation

छोटे छोटे प्रेरणादायक भाषण (short hindi speeches motivational ) हमारे जीवन में एक नयी प्रेरणा भर देते हैं। कहानी या फिर speeches जितनी छोटी हो उससे मिलने वाली प्रेरणा काफी बड़ी होती है। आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए ऐसी ही 8 New Life Changing Short Hindi Speech For Motivation लेकर आएं हैं।

ये short hindi speeches आपको ये सिखाएंगी की जिंदगी की छोटी छोटी बातों से हमे किस तरह प्रेरणा लेनी है और साथ ही किस तरह अपनी जिंदगी को दूसरों से बेहतर बनाना है। इन शार्ट मोटिवेशन स्पीच इन हिंदी को पूरा जरूर पढ़ें।

No. 1- जब समय बुरा हो तो क्या करें – inspirational speech hindi

समय कभी कह कर नहीं आता, जिंदगी है तो परेशानियां भी होंगी और खुशहाली भी होगी। अच्छा समय तो हम मौज मस्ती में निकाल लेते हैं। लेकिन बुरा समय ? उसके लिए Hum कभी तैयार नहीं होते। और जब बुरा समय आता है तो हम खुद से हार मान लेते हैं। परेशानी या कोई समस्या हमारी life में कभी भी आ सकती है लेकिन अगर हमे ये पता हो की उस समस्या से बाहर कैसे निकलना है तो हम कभी भी निराश नहीं होते।

ओशो ने कहा है, ‘समस्या का होना कोई समस्या नहीं है। मुश्किलें और दिक्कतें जिंदगी का एक हिस्सा हैं। समस्या के होने पर यह इंतजार करना कि कोई और आकर आपकी समस्या सुलझाएगा, वास्तव में यह समस्या है।’

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वैसे ये कहना आसान है, पर करना बेहद मुश्किल। जिंदगी में कई बार ऐसा होता है, जब हमे ये लगता है की अब कोई चॉइस ही ना बची हो। किसी अपने के जाने के गम, बीमारी, पैसे की दिक्कत, लड़ाई झगड़ा, Family Problems ऐसे कई मसले हैं, जिनके बाद जिंदगी से विश्वास उठ जाता है। तब आप ऐसे लोगों के बारे में जानें, जो मुश्किलातों को पार कर आगे आए हैं।

हो सकता है, उनकी दिक्कतें आपसे कहीं ज्यादा रही हों। पर, उन्होंने चुनौती का सामना किया, आगे बढ़े और अपनी राह बनाई। बुरे समय के लिए खुद को हमेशा तैयार रखें। जिस तरह हम दूसरों की सफलता से कुछ सीखते हैं उसी तरह दूसरों की परेशानियों से भी सबक लेना जरूरी है। बुरा समय कभी भी आ सकता है और उस बुरे समय की तयारी हमे अपने अच्छे वक़्त पर ही कर लेनी चाहिए।

मोटिवेशनल गुरु और थेरेपिस्ट डॉक्टर रॉबर्ट जॉर्ज कहते हैं, ‘समस्या यानी चुनौती, और चुनौती यानी कुछ नया करने या सीखने का अवसर, आप समस्या को समस्या ना कह कर चुनौती कहें। फिर देखिए, कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आएगा।’

इस समय हम सब एक ही नाव में सवार हैं। किसी की नाव कम डूबी हुई है, किसी की ज्यादा। हमे जरूरत है तो बस अपने मन को मज़बूत बनाने की। घबराने की बजाय अपने आप से यह कहें कि जब इतना कुछ देख लिया है, तों आगे भी देख लेंगे। जो भी अपने हैं, उन सबसे रास्ता लें, पर अपने सपनों को ना छोड़ें। चुनौतियां हर किसी की अपनी होती हैं, आपको ही उन्हें सुलझाना होगा। जितनी जल्दी हो, बिखरी चीजों को समेटें। सबके साथ रहें, सबके बीच रहें।

No. 2- बुद्धिमान बने, चालाक नहीं।

हम में से अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जो अपने सारे काम ईमानदारी और बुद्धिमानी से करते हैं तो कई बार उन्ही कामों को करने में चालाकी दिखाते हैं। बुद्धिमान और चालाक व्यक्ति की सोच में बड़ा अंतर होता है। ओशो कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति रक्षक होता है और चालाक व्यक्ति स्वार्थी।

बुद्धिमान व्यक्ति अपने हर काम इस तरह करता है की उनसे किसी को कोई नुकसान ना हो लेकिन चालाक व्यक्ति सिर्फ ये सोचकर काम करता है की उसका काम निकल जाए फिर चाहे बांकियों को उससे नुकसान ही क्यों ना हो जाए। इसलिए चालाक नहीं बुद्धिमान बने।

कोई भी इंसान भले कितना ही चालाक क्यों ना बन जाए जिस दिन उसकी चालाकी पकड़ी जाती है लोग उस पर विश्वास करना छोड़ देते हैं। बुद्धिमान व्यक्ति की बात ही अलग होती है। ऐसे लोगों का साथ और विश्वास हर कोई चाहता है। इसलिए जीवन में बुद्धिमान बने, प्रेम और करुणा के साथ आगे बड़े ना की स्वार्थ के साथ।

No.3- कुछ तो लोग कहेंगे – Short Hindi Speech

‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का तो काम ही कहना,‘ ये बात तो आपने सुनी ही होगी लेकिन लोगों के कहने की कितनी परवाह की जाए, यह फैसला आपका है। ज्यादातर लोग आपको, आपके लिए नहीं, उन कामों के लिए पसंद करते है, जो आप उनके लिए करते है। लोग आपकी परवाह भी तभी तक करते हैं जब तक आप उनके काम आते रहते हैं।

जब आप दूसरों के काम आते हैं तो वो किसी ना किसी बहाने आप से दूरी बना लेते हैं। आपको अपने जीवन में ऐसे कम ही लोग मिलेंगे जो आपसे बिना मतलब के मिलना जुलना चाहतों हो। रोमन सबाट मार्कस ऑरेलियस ने कहा था, ‘जिंदगी में आपकी खुशी, आपकी अपनी सोच पर निर्भर करती है।

इसलिए हर किसी की परवाह करना जरूरी नहीं है। अगर कोई आपको बुरा समझता है तो उसके लिए आपको बेवजह अच्छा बनने की जरूरत नहीं है। अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जियें। अच्छे काम करें, अच्छे लोगों से जुड़ें और कौन क्या कहता है उस बात की ज्यादा परवाह ना करें।

No. 4- कुछ काम दूसरों के लिए भी करके देखो – हिंदी स्पीच फॉर मोटिवेशन

आज की जैसी दुनिया है यहाँ हर कोई अमीर और famous होना चाहता है। लोग पैसों के दीवाने है और social media के लिए पागल। सार्थक जिंदगी का मतलब अमीर या लोकप्रिय होना नहीं है। यह सब होने पर भी या यह सब पा लेने के बाद भी जरूरी नहीं है कि आप खुश हो। मन के बाहर और अंदर की दुनिया में अंतर जितना बड़ा होता है, उतनी ही जिंदगी से दूरी बढ़ने लगती है।

जब हम बाहर की चीज़ों से खुश नहीं होते हैं तो हम अंदर से भी खुद को खुश नहीं रख पाते हैं। ऐसी condition में हम ना तो खुद से जुड़ पाते हैं, ना ही दूसरो से। मार्क ट्वेन ने एक बात कही है कि ‘जिंदगी वह है, जो हम दूसरों के साथ बांटते हैं और दूसरों के जीवन पर अच्छा असर छोड़ते हैं।’ बहुत पैसा कमा लेना या फिर बहुत famous हो जाना मन को खुश रखने के लिए काफी नहीं होता है।

जब तक आप अपनी ख़ुशी दूसरों के साथ बांटेंगे नहीं या फिर आप दूसरों की मदद करेंगे नहीं तब तक आप खुद को अंदर से अधूरा ही पाएंगे। इसलिए दूसरों की मदद करें। अपनी खुशियाँ दूसरों के साथ बांटे। इससे आपके मन को शांति और ख़ुशी मिलेगी।

No. 5- अपनी गलतियों से भागो मत

किसी काम में कोई चाहे कितना ही परफेक्ट क्यों ना हो लेकिन कभी ना कभी गलतियां हो ही जाती हैं। हम अपनी गलतियों को आसानी से अनदेखा कर देते हैं। हम भले ही अपनी गलतियों को छुपाएं, पर अच्छे कामों की तरह ही हमारी गलतियां भी हमारे मन में घर कर जाती हैं। जिस तरह हम अपनी अच्छी बातों को याद करके खुश हो जाते हैं उसी तरह अपनी गलतियों को याद करके हमे दुःख भी होता है।

यादें अच्छी हो या बुरी वो कभी हमारा साथ नहीं छोड़ती। चिंतक खलील जिब्रान कहते हैं, ‘हम एक बार यह भूल जाते हैं कि दूसरों ने हमें क्या नुकसान पहुंचाया है, पर, हम यह कभी नहीं भूल पाते कि हमारे कारण दूसरों को क्या चोट पहुंची है। यदि आपसे जाने अनजाने ही सही कोई गलती हो जाए या कोई गलत काम हो जाए तो उससे भागे नहीं।

जो हुवा उसका सामना करें और एक्सेप्ट करें हाँ आपसे गलती हुई है और future में आप उसे सुधार भी लेंगे। अपनी गलतियों से भागना या फिर उन्हें छुपाये रखें हमे अंदर ही अंदर परेशान करता है। इसलिए अपनी गलतियों से भागो मत उन्हें accept और आगे ध्यान रखें वो गलतियां फिर ना हैं।

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