जैसा करोगे वैसा पाओगे – new motivational short story in hindi

motivational short story in hindi- भगवद गीता में श्री कृष्णा ने कहा है की, ‘कर्मों का फल हमे उसी तरह ढून्ढ लेता है जिस तरह एक बछड़ा हज़ारों गायों के बीच अपनी माँ को ढूंढ लेता है।‘ कर्म फल इंसान को भोगना ही पड़ता है। हमारे किये गए कर्म हमे ढूंढ ही लेते हैं, फिर चाहे वो कर्म अच्छे हो या बुरे। लेकिन हम लोग इस बात को ज्यादा seriously नहीं लेते और हमे लगता है की कर्म फल जैसा कुछ नहीं होता।

हम अक्सर उन लोगों को बारे में बातें करते हैं जो दूसरों के साथ बुरा करते हैं लेकिन फिर भी कोई उनका कुछ नहीं कर पाता। यही सोचकर हम से ज्यादातर लोग बुरे काम करने लगते हैं। हमे ये भूल जाते हैं की कर्मों का हिसाब कभी भी तुरंत नहीं होता। किसी के साथ बुरा करने वाला भले ही आज सुखी हो लेकिन कभी ना कभी उसे उसके कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा।

आज की इस हिंदी कहानी जैसा करोगे वैसा पाओगे’ के जरिये हम आपको कर्मों के फल से जुड़ी ऐसी ही एक छोटी सी मोटिवेशनल कहानी लेकर आये हैं। ये कहानी आपको कर्मों से मिलने वाले फल और कर्मों से जुडी एक अच्छी शिक्षा देगी। इस motivational kahani के जरिये हम आप सभी इस बात की प्रेरणा देना चाहते हैं की आप जिंदगी में दूसरों के साथ गलत ना करें। इस कहानी को ध्यान से पड़ें और इससे मिलने वाली सीख को जिंदगी में जरूर अपनाएँ।

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जैसा करोगे वैसा पाओगे – new motivational short story in hindi

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Short hindi motivational story

बहुत समय पहले की बात है। शहर से दूर गाँव में एक दुकानदार था जो अपने ही गांव के एक व्यक्ति से रोजाना 1 किलो मख्खन खरीदा करता था। वो दुकानदार कई सालों से उस व्यक्ति से मख्खन की खरीददारी कर रहा था। एक दिन उस दुकानदार ने सोचा की में रोज इस व्यक्ति से मख्खन खरीदता हूँ लेकिन मैंने बहुत समय से इसके मख्खन का वजन तोल कर नहीं देखा। कल चेक करके देखूंगा की ये मुझे मख्खन 1 किलो से कम तो नहीं देता। 

अगले दिन जब वो व्यक्ति मख्खन देकर गया तो उस दुकानदार ने मख्खन का वजन किया और देखा की मख्खन सिर्फ 900 ग्राम है। उस दुकानदार को काफी गुस्सा आ गया। वो व्यक्ति गुस्से में गाँव की पंचायत के पास गया और उसने उस व्यक्ति की शिकायत कर दी।

गांव की पंचायत बैठी और उस व्यक्ति को बताया गया की तुम पर इस दुकानदार ने धोखा देने का आरोप लगाया है। तुम इस दुकानदार को देने वाले मख्खन के वजन में हेरा फेरी करते हो और हर बार तुम इसे 1 किलो मख्खन की जगह सिर्फ 900 ग्राम ही देते है। क्या तुम्हें अपनी सफाई में कुछ कहना है?

वो व्यक्ति बोला- सरपंच जी मैं तो एक गरीब आदमी हूँ, मेरे पास वजन तोलने के लिए सही माप नहीं है। मैं रोज इस दुकानदार से अपने लिए एक किलो गेहूं खरीदता हूँ और अगले दिन उसी गेहूं को तराजू के एक तरफ रख कर इस दुकानदार के लिए मख्खन तोलता हूँ। अब आपको जो भी पूछना है इस दुकानदार से पूछिए।

पंचायत में बैठे सभी लोगों को पूरी सच्चाई समझ आ गयी। और उन्होंने उस दुकानदार को गाँव से बाहर करवा दिया।

प्रेरणादायक सीख जो हमे इस prernadayak story से मिलती है-

ये छोटी सी कहानी हमे ये बात सिखाती है की जैसे कर्म हम करेंगे उसका result भी हमे वैसा ही मिलेगा। हमारी चालाकी ही हमारा नुकसान कर देती है। हम जो भी दूसरों को देते हैं या दूसरों के साथ जैसा भी व्यवहार करते हैं वो कभी ना कभी लौट कर हमारे पास ही आता है। किसी के लिए अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा उसी तरह किसी का बुरा सोचोगे और बुरा करोगे तो आपके साथ भी बुरा ही होगा।

जैसे दुकानदार को अपनी ही चालाकी से नुकसान झेलना पड़ा उसी तरह हमे भी अपने कर्मों की वजह से कभी ना कभी नुकसान झेलना ही पड़ता है। दूसरों से साथ बुरा करके हमे एक, दो या दस बार बच सकते हैं लेकिन एक ना एक दिन उसका परिणाम हमे भुगतना ही पड़ता है।

हम अपने कर्मों के फल से नहीं भाग सकते। बुरे करने वाले के साथ बुरा ही होता है फिर चाहे वो आज हो या आने वाले 1 साल बाद, उसी तरह दूसरों का अच्छा करने वाले के साथ भी अच्छा ही होता है। कई बार हमे ये लगता है की दूसरों के साथ गलत करके हमे बच जाएंगे लेकिन ऊपरवाला हर किसी के कर्मों को देखता है. और उनका हिसाब रखता भी है जरूरत पड़ने पर वो हिसाब बराबर भी कर देता है।

इसलिए कभी भी कोई गलत काम ना करो। और ना ही कभी ये सोचो की उलटे सीधे काम करके हम बच जाएंगे। जिंदगी को बेहतर तरीके से जियें। ईमानदार बनें। ज्यादा कमाने या फिर सिर्फ अपना ही फायदा देखने के चक्कर में किसी के साथ गलत कभी ना करें। हमेशा याद रखें जो कैसा करेगा, वैसा भरेगा। 

कर्म ही हमारी पहचान हैं-

हमारे कर्म ही हमारी पहचान हैं। भले लोग हमे हमारे नाम से जानते हो लेकिन दूसरे हमारी respect हमारे नाम की वजह से नहीं बल्कि हमारे कर्मों की वजह से करते हैं। इसीलिए तो किसी ने कहा है की, ‘हमारे कर्म ही हमारी असली पहचान हैं वरना एक नाम के इस दुनिया में कई इंसान है।’

दूसरों के साथ अच्छा करने वाले को और दूसरों की मदद करने को हर कोई याद रखता है, फिर चाहे वो व्यक्ति छोटा हो या बड़ा। लेकिन गलत काम करने वाले व्यक्ति को ये दुनियां कभी respect नहीं देती। हम भले ही life में कितने भी बड़े बन जाएँ, अगर दूसरों के प्रति हमारा व्यव्हार गलत होगा तो कोई भी हमारी respect नहीं करेगा।

आई होप इस motivational short story in hindi से आपको कुछ अच्छा सीखने को मिला हो। ऐसी और भी प्रेरणादायक बातों को पड़ने के लिए इस पेज को follow जरूर करें। ये motivational kahani आपको पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ और social media पर शेयर जरूर करें।

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