जिस तरह हम लोगों की सोच एक जैसी नहीं हो सकती उसी तरह चीज़ों को देखने और उन्हें समझने का हमारा नज़रिया भी एक जैसा नहीं हो सकता। कोई इंसान ऐसा होता है जो हमेशा अच्छी चीज़ें सोचता है तो कोई ऐसा होता है जिसके दिमाग में हमेशा बुरे विचार ही आते हैं. उसी तरह कोई व्यक्ति ऐसा होता है जो चीज़ में कुछ ना कुछ अच्छाई ढूंढ लेकिन कोई ऐसा भी होता है जो हर चीज़ में कमियां ही निकालता है। दोनों ही situations में, दो अलग अलग तरह की सोच रखने वाले व्यक्तियों को लगता है की वो सही हैं।
सही सोचने वाले को लगता है की वो सही सोच रहा है और गलत सोचने वाले को लगता है की वो भी सही सोच रहा है। लेकिन कहीं ना कहीं दोनों में से कोई एक व्यक्ति सही नहीं है और यही बात आप इस short motivational hindi story से समझेंगे। अपना अपना नज़रिया इस मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी को एक बार जरूर पड़ें। और इस स्टोरी इन हिंदी से ये समझने की कोशिश करें की हमारा लोगों को और जिंदगी के प्रति नजरिया कैसा होना चाहिए।
अपना अपना नज़रिया – a short hindi motivational story
किसी ने क्या खूब कहा है,
“शाखें हैं तो, पत्ते भी आएंगे; ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आएंगे।”
बहुत समय पहले की बात है, एक बूढ़ी औरत थी। जो हर समय परेशान ही रहा करती थी। उनकी दो बेटियां थी। उनकी बड़ी बेटी की शादी एक umbrella merchant (छाते बेचने वाला) से हुई थी। और उनकी छोटी बेटी का husband एक noodle vendor था। जब मौसम अच्छा और तेज धूप रहती, तो वो Old Lady इस बात से परेशान रहती की “मौसम बहुत अच्छा है और धूप भी तेज है और इस मौसम में कोई छाता नहीं खरीदेगा और अगर लोग छाते (umbrella) नहीं खरीदेंगे तो मेरी बेटी का business नहीं चलेगा।
उन्हें अपना business बंद करना पड़ा तो फिर क्या होगा?” और इसी तरह जब मौसम बारिश का होता तो वो ये सोचने लगती की “मेरी छोटी बेटी की शादी एक noodle vendor से हुई है। मौसम अगर बारिश का ही रहा और धूप नहीं निकली तो वो noodles कैसे सुखाएंगे, ज्यादा बारिश हुई तो उनके noodles भी ख़राब हो जाएंगे और उनके पास बेचने के लिए noodles ही नहीं होंगे तो फिर वो लोग क्या करेंगे?”
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अपनी दोनों बेटियों के बारे में सोच सोच कर वो Old Lady हमेसा ही दुखी रहने लगे। मौसम भले ही सुहावना (Sunny) हो या बारिश का, उसे अपनी दोनों बेटियों में से किसी ना किसी की चिंता लगी रहती। उस लेडी को हमेसा दुखी और रोता हुवा देख लोग उसका मज़ाक बनाने लगे और मजाक मजाक में उसे ‘The Crying Lady’ कहने लगे।
एक दिन उस इलाके में एक Monk आया और उसने वहां के लोगों से ‘The Crying Lady’ के बारे में सुना। उस लेडी के बारे में और जाने के लिए वो Monk उसने मिलने उनके घर आया। वो ये जानने के लिए काफी curious था की वो लेडी हमेसा दुखी क्यूँ रहती है। उसने उनसे बात करी और उस Old Lady ने अपनी सारी problems उस monk को बताई।
Monk मुस्कुराया और उस Lady से बोला, “मैम, आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, मैं आपको खुश होने का रास्ता बताऊंगा और फिर आपको अपनी किसी भी बेटी के लिए कभी कोई दुःख नहीं होगा। वो lady Excited होकर बोली “आप मुझे जल्दी से बताएं की मुझे खुश रहने के लिए क्या करना होगा।”
उस Monk ने कहा, “मैम, आपको सिर्फ अपना नजरिया बदलने की जरुरत है। धूप वाले दिनों में आप ये ना सोचों की आपकी बड़ी बेटी छाते (umbrella) नहीं बेच पायेगी बल्कि ये सोचें की तेज धूप में आपकी छोटी बेटी बहुत सारे noodles सूखा सकती है, जिससे उसके पास आने वाले समय के लिए भी बहुत सारे noodles हो जायेंगे, जिससे उसका business बहुत अच्छा चलेगा। और जब बहुत बरसात होगी तो आप अपनी बड़ी बेटी के बारे में सोचें की वो बहुत सारे छाते बेच पायेगी। जिससे उसके पास आने वाले समय के लिए काफी पैसा हो जायेगा।”
Finally उस बूढ़ी औरत को चीज़ें समझ आ गयी। उस लेडी ने monk की बातों को follow करना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद वो old lady अपनी चिंताएं छोड़कर हंसने-मुस्कुराने लगी। और फिर लोग उसे “The Laughing Lady” कहने लगे।
सीख जो हमे इस मोटिवेशनल स्टोरी से मिलती है-
ये छोटी सी स्टोरी हमे ये बात सिखाती है की, हमारी life में सबकुछ हमारे नज़रिये (perspective) पे depend करता था। जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह हर situation को देखने का नजरिया भी अलग होता है। ये हमारी सोच और हमारे नज़रिये (perspective) पे depend करता है की हम किसी situation की bright side को देखते हैं या फिर dark side को। हमारा नजरिया जितना सही होगा हमारी life में problems उतनी काम होंगी। सही नजरिया हमे life में खुश रखता है।
अगर हम सिर्फ अपनी problems पर ही focus करेंगे तो हम कभी किसी भी चीज़ से खुद को खुश नहीं रख पाएंगे। सही नजरिया ही हमे सही राह पर लेकर जाता है। अगर हम चीज़ों को negative नज़रिये से देखेंगे तो हमे results भी negative ही मिलेंगे और अगर हमारा नजरिया (perspective) positive होगा तो हम हर चीज़ अच्छी और जगह opportunity ही दिखेगी।
आप जैसा चश्मा पहनोगे दुनिया आपको उसी तरह नज़र आएगी। फिर चाहे वो चश्मा negativity को हो या फिर positivity का। हम भले ही कैसे भी हों और कैसी भी सोच रखते हों लेकिन अगर हमे खुद को बदलने की जरुरत है या फिर अपना नजरिया बदलने की जरुरत है तो हमे उस change हमेसा accept करना चाहिए। अभी तक हमने जिंदगी कैसी बितायी ये मायने नहीं रखता पर आगे हम अपनी जिंदगी कैसे जियेंगे, ये बहुत मायने रखता है।
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आई होप आपको ये short hindi motivational story पसंद आयी हो। ऐसी और भी प्रेरणादायक कहानियां पड़ने और खुद को हमेशा प्रेरित रखने के लिए हमसे जुड़े रहें। इस मोटिवेशनल कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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