हम सभी के मन में कभी कभी ना कभी ये बात तो आती ही है की भगवान जो कुछ भी हमारे या दूसरे के साथ करता है वो हर बार सही नहीं होता। भगवान हर बार जो फैंसला हमारी जिंदगी के लिए लेता है वो हमारी सोच के अनुसार सही नहीं होता। ऐसे में हम ये सोचते हैं की अगर में भगवान होता या भगवान की जगह होता तो ऐसा नहीं होने देता या फिर कुछ अलग करता या सबकी जिंदगी में सिर्फ खुशियां और पैसा दे देता।
इस दुनिया में अलग अलग धर्मों के लोग हैं और अपने धर्म के अनुसार हर किसी के अपने अपने भगवान और उनकी अपनी अपनी शक्तियां। हर धर्म के लोग एक ऐसी शक्ति पर विश्वास रखते हैं जिसके बारे में उन्हें लगता है की वही उनकी जिंदगी को चलाता है और वही उनके सुख दुख का हिसाब भी रखता है।
लेकिन जब हमारी जिंदगी में बहुत तकलीफें या मुसीबतें आती हैं तो हम उस ऊपरवाले की करनी पर शक करने लगते हैं और ये सोचते हैं की अगर हम उसकी जगह होते तो सब कुछ ठीक कर देते। दुनिया में खुशियां ले आते। लोगों की जिंदगी बदल देते या और कुछ।
आज इस भगवान की मोटिवेशनल कहानी के जरिए आप ये सीखेंगे की क्यों हमें ऊपरवाले की करनी पर शक नही करना चाहिए। वो जो करता है उसके पीछे कुछ ना कुछ कारण होता है। ये Motivational bhagwan ki kahani खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्हें भगवान पर विश्वास होता है, और जो ये मानते हैं की ऊपरवाले वाला हमारे साथ जो करता है वो हमारे कर्मों का ही फल होता है। इस God story in hindi को एक पॉजिटिव सोच के साथ पढ़ें अगर नेगेटिव सोच के साथ आप इसे पढ़ेंगे तो आप इस स्टोरी से कुछ सीख नही पाएंगे।

ऊपरवाले की करनी पर भरोसा रखो – Motivational Bhagwan Ki Kahani
बहुत समय पहले की बात है। एक गांव में मनोहर नाम का एक व्यक्ति रहता था। वो गांव में रहकर की छोटा मोटा काम करके अपना जीवन यापन करता। मनोहर, भगवान पर बहुत विश्वास रखताथा। गांव में जब भी किसी के साथ कुछ अच्छा होता तो वो मंदिर जाकर भगवान से हमेशा उस चीज के लिए धन्यवाद बोलता लेकिन गांव में जब कभी किसी के साथ कुछ बुरा होता तो वो भगवान के सामने जाकर उनसे सवाल करने लगता।
सवाल करने के बाद वो अक्सर ये बोलता की भगवान आपने उनके साथ अच्छा नहीं किया, अगर आपकी जगह में होता तो सबकुछ ठीक कर देता। मनोहर के सवाल करने की इस आदत से तंग आकर एक दिन भगवान उसके सामने प्रकट हो गए। उन्हें देखकर मनोहर आश्चर्य से भर गया।
भगवान बोले, “मनोहर तुम हमेशा किसी का बुरा होने पर मेरे पास आकर मुझसे सवाल करने लगते हो और ये सोचते हो की अगर तुम मेरी जगह होते तो सब कुछ सही होता। जैसा तुम सोचते हो ये सब उतना आसान नहीं है। मुझे हर किसी के लिए सही व्यवस्था करनी पड़ती है। एक जगह पर खड़े रह कर धैर्य से लोगों की प्राथनाएं, सुख, दुख, गुस्सा ये सब सुनना और किसे क्या देना है या किसी से क्या लेना है ये सब तय करना आसान नहीं होता।
मनोहर बोला, “प्रभु, आपका काम तो आसान ही है। आपकी तरह मैं भी दिन भर धैर्य के साथ एक जगह पर खड़े रहकर ये सब कर सकता हूं।”
मनोहर की बात सुनकर, भगवान बोले, “ठीक है। अगर तुम्हें लगता है की तुम ये सब कर पाओगे तो आज पूरे दिन मेरी जगह खड़े रहकर तुम मेरी जिंदगी जियो। लेकिन एक बात ध्यान रखना मंदिर में हर कोई अपनी इच्छा के अनुसार कुछ ना कुछ मांगेगा। कुछ अच्छा बोलेंगे तो कुछ बुरा बोलेंगे, तुम्हें बस उनकी बातें सुननी है और धैर्य के साथ अपनी जगह में चुपचाप खड़े रहना है और अपनी तरफ से कुछ नही करना है।”
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मनोहर मान गया और एक दिन के लिए वो भगवान की जगह पर खड़ा हो गया।
थोड़ा देर बाद गांव का एक धनी व्यक्ति मंदिर में आया और भगवान से बोला, “प्रभु में अपना कारोबार दूसरे गांव में भी करने जा रहा हूं। आप मुझ पर अपना आशीर्वाद बनाए रखना।”
प्रार्थना पूरी करने के बाद जब वो धनी व्यक्ति भगवान के पैर छूने के लिए नीचे झुका तो उसकी जेब से पैसों की एक गड्डी गिर गई। उसने उस पर ध्यान नहीं दिया और चला गया।
भगवान की जगह पर खड़ा मनोहर ये सब देख रहा था और उसने सोचा की उसे पैसे गिरने की बात बता देनी चाहिए लेकिन शर्त के अनुसार उसने ऐसा करना उचित नहीं समझा।
उसके जाने के तुरंत बाद मंदिर में एक गरीब व्यक्ति आया और उसने भगवान से कहा, “प्रभु, गरीबी के कारण मेरे परिवार को दो वक्त की रोटी मिलना भी बहुत मुश्किल हो गया है और ऐसे में मेरी मां भी बीमार हो गई है। उसके इलाज के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं हैं। प्रभु मेरी मदद करिए। ऐसा कहकर जब वो गरीब व्यक्ति भगवान के चरण छूने लगा तो उसकी नजर उन गिरे हुवे पैसों पर पड़ी और भगवान का आशीर्वाद समझकर उसने वो रख लिए।”
मनोहर इस बार भी कुछ नही बोला और उसने गरीब व्यक्ति को वो पैसे ले जाने दिए।
थोड़ा देर बाद मंदिर में एक व्यापारी आया जो की समुंद्र के रास्ते अपना व्यापार किया करता था। भगवान के पास आकर वो बोला, “प्रभु, व्यापार की वजह से मैं 1 महीने के लिए समुंद्र की यात्रा पर जा रहा हूं। मेरी गैरहाजिरी मैं आप मेरे परिवार का ध्यान रखना और मेरी यात्रा को भी सुरक्षित बनाना।”
वो व्यापारी जैसे ही प्रार्थना पूरी करके मंदिर से निकलने लगा, इतने में वो धनी व्यक्ति पुलिस लेकर मंदिर में आ गया और उस व्यापारी की तरफ इशारा करते हुवे बोला, “मेरे बाद इस मंदिर में यही आया है और मेरे पैसों की गड्डी इसे ही मिली होगी। आप इससे पूछताछ करिए।”
उस व्यापारी ने पुलिस को काफी समझाया की वो गड्डी उसके पास नहीं है लेकिन पुलिस ने उसकी एक ना सुनी और उसे पकड़कर ले जाने लगे।
भगवान बने मनोहर से ये सब देखा नही गया क्योंकि उसकी आंखो के सामने अन्याय हो रहा था और वो सोचने लगा की, “अगर अब मैं कुछ नहीं बोला तो एक बेकसूर व्यक्ति को सजा मिलेगी और जो कसूरवार है वो आराम की जिंदगी जिएगा।”
ऐसा सोचकर मनोहर बोल पड़ा और उसने सारी बात बता दी। पुलिस उस गरीब व्यक्ति के पास गई और उससे पैसे लाकर उस धनी सेठ को दे दिए। व्यापारी को छोड़ दिया और वो समुंद्र की यात्रा में निकल गया।
मनोहर इस बात से बड़ा खुश हुवा की उसने गलत होने से रोक लिया और जो सही था वही किया। लेकिन इस सब में उसने अपनी शर्त तोड़ दी और भगवान फिर से वहां आ गए।
भगवान को सामने देख मनोहर ने गर्व के साथ उन्हें सबकुछ बताया।
मनोहर की बात सुनकर भगवान बोले, “आज तुमने अपनी चुप्पी तोड़कर मेरी सारी योजना को बर्बाद कर दिया। तुम्हें नही पता की उस धनी व्यक्ति ने गलत कामों से बहुत धन कमाया है यदि उसमें से थोड़ा धन उस गरीब की मदद में लग जाता तो उस धनी व्यक्ति के पाप कम होते। और वहीं तुमने उस व्यापारी को समुंद्र की यात्रा पर भेज दिया जबकि कल समुंद्र में तूफान आने वाला है जिसमें उस व्यापारी का जहाज डूब जाएगा और वो जीवित नहीं लौट पाएगा।
अगर पुलिस उसे ले जाती तो वो समुंद्र यात्रा में नही जा पाता और उसकी जान बच जाती। वहीं दूसरी तरफ वो गरीब व्यक्ति उन पैसों से अपनी मां का इलाज करा लेता। लेकिन अब वो जेल में बंद जिसकी वजह से उसकी मां का इलाज नहीं हो पाएगा और वो दुनिया से चल बसेगी। उसका परिवार अब और भी बदतर जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाएगा। तुमने सब कुछ ठीक करने के चक्कर में सब कुछ बिगाड़ दिया।”
ये सब सुनकर मनोहर को एहसास हो गया की जो भी ऊपरवाला करता है उसमे किसी ना किसी का भला ही होता है और दूसरों के लिए एक सीख होती है। भगवान हर किसी के जीवन के बारे में सोचकर ही अपनी योजना बनाते हैं और उनके जीवन को चलाते हैं। भगवान की जगह लेना किसी इंसान के लिए आसान नहीं है। मनोहर मन ही मन बहुत दुखी हुवा और भगवान से माफी मांगकर वहां से चला गया।
सीख जो हमे इस भगवान की प्रेरणादायक कहानी से मिलती है –
ये कहानी हमें सीखाती है की हमें कभी ऊपरवाले के किए पर शक नही करना चाहिए। वो जो भी करता है उसके पीछे कुछ ना कुछ वजह होती है। जब भी हमारे संग कुछ बुरा होता है तो हम ऊपरवाले को शक की निगाहों से देखते हैं और सोचते हैं की मेरे साथ ही गलत हो रहा है लेकिन कई बार हमें भविष्य में उस चीज से फ़ायदा भी हो जाता है। ऐसा भी नहीं है की हर बुरी चीज़ से हमे नुकसान ही हो कई बार कुछ चीजें हमारे सबक की तरह होती हैं और जिनके होने से हमारी जिंदगी बदल जाती है।
जैसे किसी के वहां चोरी होती है तो वो ये समझ जाता है की आगे ऐसा ना हो उसके लिए क्या क्या सावधानी बरतनी हैं। उसी तरह कोई चोर चोरी करने के तुरंत बाद पकड़ा जाता है और लोग उसे खूब पीट देते हैं तो वो ये समझ जाता है की चोरी करना सेहत के लिए कितना नुकसानदायक है।
हालांकि हम सभी के मन में ये सवाल भी होते हैं की किसी की जवानी में मौत हो जाना, किसी बच्चे की पैदा होते ही जान चले जाना, किसी के साथ दुष्कर्म हो जाना या किसी को मार देना, इन सब के पीछे ऊपरवाले की क्या मंशा होती है। ऐसा क्यों होता है।
दोस्तों इन सवालों का कोई सटीक जवाब तो मेरे पास भी नहीं है। लेकिन मैं इन सबको लोगों के पिछले या इस जन्म के बुरे कर्मों का मिला फल समझता हूं। उसके अलावा मृत्यु तो एक सत्य है जिसे हम सभी समझते हैं। जो आया है वो तो जाएगा ही फिर चाहे पहले या बाद में।
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