Mary Kom Inspirational Life Story | मैरी कॉम की जीवन कहानी

Mary Kom Inspirational Life Story- जिस महिला खिलाड़ी का बचपन खेतों में काम करते हुवे बीता हो, क्या आप सोच सकते हो वह महिला 6 बार की विश्व बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी है। शायद आपको इस बात पर यकीन ना आये। लेकिन हाँ, यह सच है। उस महिला खिलाड़ी का नाम है मैरी कॉम जिससे आप भली भांति परिचित है। और ये कारनामा करने वाली यह एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है जिसे ये गौरव प्राप्त हुआ है। मणिपुर के एक छोटे से गाँव और बेहद गरीब परिवार से निकलकर पुरे विश्व में अपने नाम का परचम लहराना आसान बात नहीं हैं।

ऐसा करना तो दूर ऐसा सोचना भी असंभव लगता है। लेकिन अगर इरादे फौलादी हो और मन में कुछ करने की ठान ली तो कठिनाइयों को भी झुकना पड़ता है। इस कहावत को Mary Kom ने सच कर दिखाया। मैरी कॉम ने न तो खुद का बल्कि देश का नाम भी पूरी दुनिया में गौरवान्वित किया है।

आज इस पोस्ट के जरिये हम आपको मैरी कॉम की सफलता की कहानी के बारे में बताएंगे। इस मैरी कॉम इंस्पिरेशनल स्टोरी से आप ये बात भी जानेंगे की उनकी इस कामयाबी के पीछे कितनी मेहनत और कितना संघर्ष छीपा है। खेतों से विश्व बॉक्सर बनने तक का ये सफर कितना कठिन था, उस संघर्ष को आज हम मैरी कॉम की जीवन कहानी से बताएँगे।

मैरी कॉम की जीवन कहानी (mary kom life story in hindi) :

मैरी कॉम का असली नाम Mangte Chungneijang Mary Kom है। Mary Kom का जन्म 1 जनवरी 1983 को मणिपुर के एक छोटे से गाँव में हुआ। मैरी का परिवार बहुत ही गरीब था। मैरी के पिता खेतों में काम करके बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का जीवन यापन करते थे। मैरी कॉम के अलावा उनके 4 भाई बहन और थे।

मैरी कॉम सबसे बड़ी थी तो उन्होंने अपने पिता के साथ खेतों में काम करके मदद करने की सोची। आर्थिक स्थिति ख़राब होने के बावजूद मैरी कॉम ने कभी भी इसे अपनी पढाई में हावी नहीं होने दिया। उन्होंने पहले अपनी स्कूली पढाई ख़त्म की और फिर कॉलेज करने के लिए इम्फाल चले गयी।

मैरी कॉम का खेल करियर (mary kom inspirational story):

मैरी कॉम को बचपन से स्पोर्ट्स में रूचि थी लेकिन उन्होंने कभी बॉक्सिंग नहीं खेली और अपने स्कूल के दिनों में फुटबाल गेम खेलती थी। साल 1998 में जब मणिपुर के बॉक्सर डिंग्को सिंह ने जब एशियाई खेलों में गोल्ड मैडल जीता तब मैरी कॉम के मन में भी बॉक्सर बनने का ख्याल आया। लेकिन उनकी ये सोच के आगे कई रुकावट थी।

उस समय का समाज मानता था कि यह खेल लड़को का है, लड़कियों का नहीं। इसके साथ ही मैरी कॉम के परिवार वाले उनके इस खेल में करियर बनाने के बिल्कुल खिलाफ थे। इस स्थिति में परिवार के सपोर्ट के बिना किसी के लिए भी उनके विपरीत जाकर उस फिल्ड में करियर बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। और फिर आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं थी कि वे बॉक्सिंग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग ले सके।

लेकिन मैरी कॉम हार मानने वालों में से कहा थी। उन्होंने मन में ठान ली थी कि मुझे इसी फिल्ड में कुछ करना है।इसके बाद बिना परिवार वालों को बताये ही बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। साल 1999 में जब ”खुमान लंपक स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स” में मैरी ने लड़कियों को लड़को के साथ बॉक्सिंग करते हुए देखा तो उन्होंने इरादा और पक्का कर लिया कि अब चाहे जो हो जाये वो इसी खेल में आगे बढ़ेगी।

इसके बाद मैरी कॉम ने मणिपुर में बॉक्सिंग कोच एम नरजीत सिंह से बॉक्सिंग ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। साल 1998 से 2000 तक मैरी कॉम ने अपनी बॉक्सिंग ट्रेनिंग की बात घर वालों से छुपाई रखी। उनका खेल करियर साल 2000 में शुरू हुआ जब उन्होंने “वीमेन बॉक्सिंग चैंपियन मणिपुर” जीत ली।

और उन्हें ‘बॉक्सर’ का खिताब मिला। ये खबर जब समाचार पत्रों में प्रकशित हुई तब जाकर मैरी कॉम के परिवार वालों को उनके बॉक्सर होने का पता चला। और तभी से मैरी कॉम आगे बढ़ती गयी उन्होंने फिर पीछे मुड़ के नहीं देखा।

इसके बाद पश्चिम बंगाल में आयोजित “वीमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप” में मैरी कॉम ने गोल्ड जीता और जीत का ये सिलसिला ऐसी ही चलता गया। आप मैरी कॉम की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि उनके जीवन से प्रेरित होकर उन पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। और साथ ही वह राज्यसभा सांसद भी हैं।

मैरी कॉम का साल, भार, चैंपियनशिप स्थान (Mary Kom Achievements):-

सालभार (किलो)चैंपियनशिपस्थान
200148AIBA Women’s World ChampionshipUSA
200245AIBA Women’s World Champion
200148AIBA Women’s World ChampionshipUSA
200245AIBA Women’s World Champion shipTurkey
200245Witch CupHungary
200346Asian Women’s ChampionshipIndia
200441Women’s World CupNorway
200546Asian Women’s ChampionshipTaiwan
200546AIBA Women’s World ChampionshipRussia
200646AIBA Women’s World ChampionshipIndia
200646Venus Women’s Box CupDenmark
200846AIBA Women’s World ChampionshipChina
200846Asian Women’s ChampionshipIndia
200946Asian Indoor GamesVietnam
201048AIBA Women’s World ChampionshipBarbados
201046Asian Women’s ChampionshipKazakhstan
201051Asian GamesChina
201148Asian Women’s CupChina
201241Asian Women’s ChampionshipMongolia
201251Summer OlympicsUnited Kingdom
201451Asian GamesSouth Korea
201748Asian Women’s ChampionshipVietnam
201845-48Commonwealth GamesAustralia
201845-48AIBA Women’s World ChampionshipIndia
201951AIBA Women’s World Boxing ChampionshipRussia
Mary Kom Life Achievements
अवार्ड्स (mary kom awards) :

2003 : अर्जुन अवार्ड,
2006 : पद्मश्री,
2009 : राजीव गाँधी खेल रत्न,

2012 : CNN-IBN इंडियन ऑफ़ द ईयर स्पेशल अचीवमेंट,
2013 : पद्मभूषण,
2014 : Big Star Most Entertaining Sportsperson of the Year,
2020 : पद्मविभूषण

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