लता मंगेशकर जी की प्रेरणादायक जीवन कहानी | Lata Mangeshkar Inspirational Story

lata mangeshkar inspirational storyलता मंगेशकर भारत की सुप्रसिद्ध गायिका थी। जिन्होंने लगभग 20 भाषाओं में 40000 से अधिक गाने गाए हैं। इनकी आवाज़ ने छह दशकों से ज्यादा अपनी सुरीली आवाज से दुनिया को सुरो से नवाजा है।उन्होंने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया।

सुर कोकिला लता मंगेशकर जी की प्रेरणादायक जीवन कहानी-

उनकी पहचान हमेशा ही फिल्मी जगत में एक पार्श्र्वगायिका के रूप में रही है। उनकी आवाज़ को कई लोग माँ सरस्वती की देन मानते थे। हालांकि अब लता मंगेशकर जी हमारे बीच नहीं रही। 6 फरवरी, 2022 को 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर जी ने अपनी आखिरी साँसे ली। लेकिन अपने गानों और आवाज की वजह से आज भी वो हम सब के दिलों में जीवित हैं। आपने लता जी के बहुत सारे गाने सुने होंगे लेकिन क्या आपको उनकी जिंदगी के बारे में कुछ पता है..

शायद नहीं..लेकिन आज की इस लता मंगेशकर बायोग्राफी के जरिये हम आपको उनके जीवन की कहानी बताएंगे। किस तरह उन्होंने अपने म्यूजिक करियर की शुरुवात करी। और इस सिनेमा जगत को एक से बढ़कर एक hit songs दिए। लता मंगेशकर ने अपनी जिंदगी में जो भी कामयाबी हांसिल करी उसके लिए उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत सारी कुर्बानियां भी देनी पड़ी।

उनकी लाइफ में शुरुवात से ही काफी परेशानियां आयी। लेकिन उन परेशानियों से लड़कर और खुद को मजबूत बनाकर वो आगे बढ़ती रही। और अपनी आवाज के दम पर उन्होंने सबको दिलों में एक नयी पहचान बना ली।

Lata Mangeshkar Inspirational Story के जरिये आप लता जी के बारे में अधिक गहराई से जान पाएंगे। लता मंगेशकर की जीवन कहानी को शेयर भी जरूर करें ताकि भारत में पैदा हुवे महान लोगों के बारे में जानकारी हर किसी को हो। किसी को सिर्फ नाम या काम से जानना ही काफी नहीं होता। हमे उनके जीवन के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक है।

Lata Mangeshkar Life Story

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Lata Mangeshkar Inspirational Life Story

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ। इनका असली नाम हेमा हरिदकर था उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल रंगमंच गायक थे। हेमा के पिता ने अपने गांव मंगेशी के नाम पर अपने बच्चों का सरनेम मंगेशकर रख दिया।

लेकिन हेमा ने संगीत की दुनिया में प्रवेश करने के साथ ही अपना नाम बदलकर लता मंगेशकर रख दिया और इस तरह उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपनी आवाज़ से तहलका मचा दिया। लता ने मात्र 5 साल की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था और उसके साथ ही उनकी छोटी बहन आशा भोंसले ने भी संगीत सीखा।

कुछ साल बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गयी और इस दौरान लता मात्र 13 साल की थी। पिता की मृत्यु से अपने घर की सारी जिम्मेदारी लता के कंधों में आ गयी और परिवार की माली हालत को देखते हुए लता ने अपने बहनों की पढ़ाई के लिये अपनी पढ़ाई बीच में रोक दी।

नवयुग चित्रपट फ़िल्म कंपनी के मालिक और लता के पिता के दोस्त मास्टर विनायक ने इनके परिवार को संभाला और लता मंगेशकर को सिंगर बनने में मदद की। साल 1949 में जब आशा भोंसले ने घर वालों की मर्जी के बगैर शादी कर ली तो फिर से घर की जिम्मेदारी लता पर आ गयी। और घर की जिम्मेदारी को देखते हुए उन्होंने फिर से एक त्याग किया और इस बार उन्होंने फैसला लिया कि वो शादी नहीं करेगीं।

लता मंगेशकर संघर्ष और सफलता (lata mangeshkar inspirational story):

सफलता की राह किसी के लिये भी आसान नहीं होती। आज सभी प्रसिद्ध व्यक्तियों ने अपने जीवन में इस मुकाम तक पहुचंने के लिए काफी संघर्ष किया है। और उसी तरह लता जी को भी फ़िल्मी जगत में अपना स्थान बनाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। कई संगीतकारों ने शुरू में उनकी पतली आवाज़ के कारण उन्हें काम देने से मना कर दिया।

कई म्यूजिक प्रोडूसर ने तो इन्होने ये भी बोल दिया की वो जिंदगी में कभी गायक बन ही नहीं सकती। लेकिन धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा के सामने लता ने सबको नतमस्तक कर दिया। लता जी को अपनी प्रतिभा की पहचान साल 1947 में हुई। जब उन्हें फ़िल्म आपकी सेवा में एक गीत गाने का मौका मिला। इस गीत के बाद लता को फिल्मी जगत में एक पहचान मिल गयी और एक के बाद एक कई गीत गाने के कई मौके मिले।

उसके बाद उनके संगीत का सफर कभी नहीं थमा और वो आगे बढ़ते ही गयी। फिर कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। लता जी को सर्वाधिक गीत रिकॉर्ड करने का गौरव भी प्राप्त है। 36 भाषाओं में गाने वाली पहली महिला सिंगर बनने का रिकॉर्ड भी लता मंगेशकर के नाम है। और उसके बाद लता मंगेशकर सबसे बड़ी प्लेबैक सिंगर बन गयी जो टैग उनसे आज तक कोई नही छीन पाया है।

सम्मान:
बचपन में आर्थिक तंगी की वजह से भले ही लता स्कूल न जा पाई हो लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर लता ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी समेत 6 विश्वविद्यालयों से मानक उपाधि जरूर हासिल कर ली। लता मंगेशकर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, दादा साहब फाल्के अवार्ड समेत दर्जनों अवार्ड्स से नवाजा जा चुका है।

Lesson of this real life inspirational story:-

लता मंगेशकर प्रेरणादायक कहानी हमे सीखाती है की कभी भी rejection के डर से अपने सपनो को छोड़ें नहीं। लता जी की पतली आवाज की वजह से उन्हें कई बार reject किया गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने शब्दों में सुधार किया और लगातार प्रैक्टिस करी।

दोस्तों life में जब कभी भी आपको rejection मिले तो उससे घबराएं नहीं। अगर आपको लगे की आप में कुछ कमी है तो उसे सुधारने की कोशिश करें। खुद को बेहतर बनाएं। जितना बेहतर आप खुद को बनाएंगे उतनी ही बड़ी सफलता आप पाएंगे।

दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट lata mangeshkar inspirational story कैसी लगी कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं ऐसी ही और भी प्रेरणादायक जीवन कहानियां या फिर सफल लोगों की कहानिया पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।

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