Motivational story on karma- हम जो भी काम करते हैं, फिर चाहे वो सही हो या गलत, उसका असर किसी ना किसी तरह हमारी जिंदगी में पड़ता है। हमारे कर्मों का जो असर हमारी जिंदगी में पड़ता है उसे ही हम कर्मों का फल कहते हैं। आप अक्सर ये सुनते ही होंगे की फलाने व्यक्ति के साथ अचानक कुछ बहुत अच्छा हो गया या फलाने के साथ कुछ बहुत बुरा हो गया, और जब हम किसी से उस अच्छी बुरी चीज़ के होने की वजह पूछते हैं तो
वो लोग अक्सर यही कहते हैं की, ‘सब उसके कर्मों का फल है।’ किसी के साथ कुछ अच्छा हुवा तो यानि उसने भी कभी ना कभी किसी के साथ कुछ अच्छा ही किया होगा, और यदि किसी के साथ कुछ बुरा हुवा तो उसने भी कभी ना कभी किसी के साथ कुछ बुरा ही किया होगा। कर्मों के फल से कोई भी इंसान कभी नहीं बच सकता। आज नहीं तो कल हमारे कर्मों का फल हमे मिलता ही है।
आज की मोटिवेशनल हिंदी स्टोरी ऑन कर्मा भी कुछ ऐसी ही है, ये कहानी आपको सिखाएगी की किस तरह हमारे कर्म हमारा पीछा करते हैं और अंत में वो उसका फल भी हमे दे देते हैं। ये short hindi motivational story आपको काफी पसंद आएगी और इससे मिलने वाली सीख आपकी जिंदगी और मन में बहुत गहरा असर करेगी। इस प्रेरणादायक कहानी की सीख को समझे और उसे जिंदगी में अपनाने की पूरी कोशिश करें।
कर्मों का फल मिलता जरूर है – Hindi Motivational Story on Karma

एक बार एक कंपनी के मालिक ने छोटी सी गलती होने पर, अपने मैनेजर को बहुत खरी खोटी सुना दी। मालिक की बातें सुनकर, मैनेजर को बहुत गुस्सा आया, लेकिन वो उनसे कुछ कह भी नहीं सकता था। कुछ कहता तो उसकी नौकरी चली जाता।
गुस्से में वो मैनेजर अपने मालिक के केबिन से बाहर आ गया और बाहर आकर उसने अपना सारा गुस्सा स्टाफ पर निकाल दिया। अब बिना वजह डांठ पड़ने की वजह से स्टाफ वालों को भी गुस्सा आ गया। लेकिन वो भी मजबूर थे, अपने मैनेजर से कुछ कह नहीं सकते थे।
लेकिन अब स्टाफ वाले अपना गुस्सा किस पर निकालते, वो आपस में एक दूसरे से तो लड़ नहीं सकते थे क्यूंकि उन्हें आपस में मिल कर ही काम करना है।
तो सारे स्टाफ वाले घर जाते वक्त अपना गुस्सा किसी ना किसी बात को लेकर, गेट पर खड़े वॉचमैन पर निकालने लगे। उनकी बातें सुनकर वॉचमैन को भी गुस्सा आ गया। अब वॉचमैन अपना गुस्सा किस पर निकाले।
सारा स्टाफ निकल गया। वॉचमैन ने गुस्से में office का ताला लगाया और घर आ गया। घर पर आया तो उसकी पत्नी ने उसकी पसंद का खाना नहीं बनाया था। वॉचमन का गुस्सा और बड़ गया। उसने ऑफिस की भड़ास भी अपनी पत्नी पर निकाल दी और उसे बहुत सुना दिया।
पति की बातें सुनकर, पत्नी को भी गुस्सा आ गया। वो अंदर गयी और उसने अपने बच्चे को एक जोर का थप्पड़ मार दिया और बोलने लगी, ‘पढ़ाई करता नहीं है और सारा दिन टीवी ही देखता रहता है।”
मम्मी से मार खाकर वो बच्चा गुस्से में घर से बाहर निकल गया। बाहर आकर उसने एक पथ्थर उठाया और अपना गुस्सा निकालने के लिए उसे आसमान की तरफ फेंक दिया।
वो पथ्थर, थोड़ा दूर सो रहे एक कुत्ते के सर में जा लगा। कुत्ता गुस्से में उठा और उसने इधर उधर देखा तो उसे दूर एक आदमी दिखाई दिया, कुत्ते ने सोचा की पथ्थर इसी ने मारा होगा। कुत्ता दौड़ता हुवा गया और उसने उस आदमी को काट लिया। उस आदमी ने बड़ी मुश्किल से उस कुत्ते से अपना पीछा छुड़ाया।
और जिस आदमी को उस कुत्ते ने काटा वो उसी कंपनी का मालिक था जिसने सुबह office में अपने मैनेजर को डाँठा था। वो आदमी थोड़ी देर तक बस यही सोचता रहा की, “आखिर इस कुत्ते ने मुझे बिना वजह काटा क्यों। रोज तो ये मेरे पास दुम हिलाता हुवा आता था लेकिन आज इसे ऐसा क्या हो गया जो इसने मुझे काट लिया।”
सीख जो हमे इस hindi story on karma से मिलती है –
इस मोटिवेशनल कहानी से आप समझ गए होंगे की कर्मों का फल हमारा पीछा नहीं छोड़ता। जाने अनजाने में कितने लोगों के साथ बिना वजह गलत व्यवहार करते हैं जिसकी वजह से दूसरे परेशान होते हैं और कितनों का तो बहुत नुकसान भी हो जाता है। पर हमें तो उसका अंदाजा भी नहीं होता, क्योंकि हम तो अपनी मस्ती में ही जीते हैं।
पर ऊपरवाला सब देखता है और वो हमारे कर्मों का फल किसी और तरीके से हमे जरूर देता है। इसलिए जिंदगी में बहुत जरूरी है की आप दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करें, हर किसी की परेशानी को समझें। किसी के साथ बुरा ना करें, क्यूंकि जैसा बीज हम बोते ही वैसी ही फसल हमे मिलती है। आप जैसा दूसरों के साथ करेंगे वो किसी ना किसी रूप में आपके पास लौट कर आ ही जाएगा।
फिर चाहे आप किसी को नफ़रत दें या फिर प्यार। जिंदगी को बिना लड़ाई झगड़ों के भी जिया जा सकता है। किसी को अपनी गुस्से से समझने से बेहतर ही की आप उस बात को प्यार से समझाएं। हमेशा याद रखें अच्छे कर्मों से ही इंसान महान बनता है। अच्छे कर्म करने के लिए हमे किसी training की जरूरत नहीं पड़ती है बस हमे अपनी सोच और समझ को अच्छा करना होता है।
FAQs
Ans- किसी के साथ गलत करने वाले के साथ भी कभी ना कभी बुरा ही होता और वैसे ही दूसरे के साथ अच्छा करने वाले के साथ भी अच्छा होता है, इसी तरह हमें हमारे कर्मों का फल मिलता है।
Ans- कर्मों का फल कब मिलता है इसका कोई समय नहीं है, लेकिन जब तक हमारा जीवन रहता है उस जीवन के दौरान हमें कर्मों का फल मिल जाता है। और हमारे कर्म हमारे आने वाले कई जन्मों तक हमारा पीछा करते रहते हैं।
Ans- कर्मों के फल से कोई नही बच सकता है, क्योंकि जो कर्म आप कर चुके हैं फिर चाहे वो अच्छा था या फिर बुरा उसे आप बदल नही सकते।
Ans- ऐसा जरूरी नहीं है की अच्छे कर्म करने वाले के साथ अच्छा ही हो क्योंकि कई बार हमारे पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का फल भी हमें इसी जन्म में भुगतना पड़ जाता है। लेकिन अच्छे कर्म करने वाले के साथ कुछ बुरा हो इसकी संभावना कम ही होती है।
आई होप इस motivational story on karma से आप कर्मों के फल को समझ गए होंगे। ऐसी ही और भी जिंदगी बदलने वाली प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़ें रहें।