कहाँ मिलेंगी खुशियां – motivational story for a happy life
जिंदगी में खुश रहना कौन नहीं चाहता, हर कोई अपनों दुखों से पीछा छुड़ाना चाहता है। लेकिन फिर भी हम कितना कुछ भी कर ले लेकिन दुःख कहीं ना कहीं से हमारे पास आ ही जाता है। ऐसे में हम हमेशा ये सोचने लगते हैं की आखिर हमारे पास खुशियां आएँगी कैसे और कैसे हम अपने दुखों से पीछा छुड़ा पाएंगे।
दुखों से भागना या उनसे बचना कभी खुश रहने का रास्ता नहीं होता। दुःख तो आएगा ही आज नहीं तो कल, लेकिन इस दुःख के साथ वो क्या चीज़ें या वो कौन लोग जो हमे खुशियां दे सकते हैं और हमारे दुखों को दूर कर सकते हैं।
आज की ये motivational story on happiness आपको खुशियों के बारे में वो बात बताएगी जो आप हमेशा सोचते हैं यानि की ‘खुशियां मिलेंगी कहाँ’। शार्ट हिंदी स्टोरी ऑन हैप्पीनेस / motivational story for a happy life के जरिये आप अपनी सच्ची खुशियों को पहचान पाएंगे। तो पड़ते हैं आज की..
कहानी जो आपको खुश रहना सिखाएगी – happiness story in hindi with moral:-

ये कहानी एक अमीर व्यक्ति की है जिसके पास ऐशो आराम की कोई कमी नहीं थी, कमी थी तो बस खुशियों की। वो पहले सोचता था कि अगर बहुत पैसे कमा लूंगा तो सब सही हो जाएगा, पर जब वो अमीर बन गया तो उसे लगा कि जिंदगी की असली खुशियां बहुत दूर हो गयी हैं।
उम्र भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी, पर सच्ची खुशी की कोई खबर ही ना थी। फिर एक दिन उसने बहुत सारे पैसे एक थैले में भरे और सच्ची खुशियों की तलाश में निकल पड़ा। उसका कहना था कि जो उसे सच्ची खुशी दे देगा या खुश रहने का रास्ता बता देगा तो वो सारा धन उसे दे देगा।
वो व्यक्ति बहुत लोगों के पास गया, लेकिन किसी को सच्ची खुशियों की कोई खबर न थी। लोगों ने खुशियों की बातें तो कीं, लेकिन उस व्यक्ति को बात नहीं, बस खुशियां चाहिए थी।
उसे किसी ने बताया कि पास के गांव में एक फकीर है। और वो फ़क़ीर खुद को बहुत खुश इंसान मानता है तुम उसके पास जाओ वहीं तुम्हें कुछ रास्ता दिखाएगा। अगले दिन वह उस फकीर के पास पहुंच गया। गांव के बाहर ही एक पेड़ के नीचे उसे वो फकीर मिल गया। उस अमीर आदमी ने पैसों से भरी थैली उस फकीर के पैरों के पास रख दी और कहा, ‘मैं तुम्हें बहुत पैसे दूंगा बस तुम मुझे सच्ची खुशियां दे दो! एक झलक भी मिल जाए, तो भी काफी है।’
उस फकीर ने पूछा, ‘पक्का इरादा करके आए हो?” उस आदमी ने कहा, ‘महीनों से घूम रहा हूं, उदास हो गया हूं, अब आप पर ही भरोसा है!”
फकीर ने फिर कहा, ‘सच में खुशियां चाहिए?’
उस आदमी ने कहा, ‘दुख का कोई हिसाब नहीं है और खुशियों की कोई उम्मीद ही नहीं मिलती।’
दोनों की बात चल ही रही थी कि अचानक उस फकीर ने उसकी पैसों से भरी थैली उठाई और भाग गया।
वो व्यक्ति चिल्लाने लगा, ‘मैं लुट गया! मेरी सारी जिंदगी की कमाई लुट गई! तुम चोर हो। कैसे ज्ञानी हो ? ऐसा कहकर वो व्यक्ति फकीर के पीछे भागा।’
बहुत देर भागने के बाद वो फकीर उसी जगह वापस लौट आया और थैले को वही रख कर पेड़ के पीछे खड़ा हो गया। वो अमीर व्यक्ति पीछे पीछे हांफता हुवा वहां पहुंच गया। उसने पैसों से भरा थैला देखा और उसे छाती से लगा लिया। उस थैले को देखकर उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा।
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फकीर सामने आया और बोला, ‘क्यों…कुछ खुशी मिली की नहीं ?’
तो वो अमीर व्यक्ति बोला, ‘ये थैला पहले भी मेरे पास था लेकिन इसे दोबारा पाकर मुझे जो ख़ुशी मिली वो मैंने आज से पहले कभी महसूस नहीं करी।’
सीख जो हमे इस happiness story in hindi से मिलती है:
दोस्तों ये motivational kahani पैसों या फिर उससे मिलने वाली खुशियों के बारे में नहीं है। असल में हमारी जिंदगी में ये थैला धन से नहीं बल्कि हमारी family, हमारे रिश्तों और अपनों के प्यार से भरा है। जब ये हमारे पास होते हैं तो हम इन्हें ज्यादा वैल्यू नहीं देते लेकिन जब हमारे अपने हमसे दूर हो जाते हैं या किसी वजह से हम उनसे दूर हो जाते हैं तो तब हमे इनकी importance का पता चलता है।
हमारे अपने ही हमारी असली ख़ुशी हैं। पैसा तो हर कोई कमाता है लेकिन खुशिया और रिश्तों को कमाने और बनाने में इंसान की ज़िन्दगी निकल जाती है। जितना जरूरी खुश रहने के लिए धन होता है उससे कही ज्यादा जरूरी होता है अपनों का प्यार और साथ। इसलिए अपनी खुशियों की थैली को कहीं छोड़ कर ना जाएँ। अपनों के साथ रहें क्यूंकि यही जिंदगी की असली ख़ुशी है।
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