जो दोगे वही पाओगे -Powerful Gautam Buddha Story in Hindi

इस दुनिया का यही नियम है जो आप दूसरों को दोगे वही आपको वापिस मिलेगा। लेकिन हम लोग ये बात भूल जाते हैं और सोचते हैं की ऐसा कुछ नही होता। हमें लगता है की कलयुग में ये philosophy भरी हुई बातें बेकार की हैं।

ऐसा सोचने वाले ही अक्सर गलत चीजों में ज्यादा लगे रहते हैं और जब उनके द्वारा करी हुई गलत चीजों का हिसाब होता है तो वो यहां वहां मारे मारे फिरते हैं।

गौतम बुद्ध की इस कहानी के जरिए हम आपको बताएंगे की किस तरह हमारे किए का असर हमारी जिंदगी में पड़ता है। ये Powerful Gautam Buddha Story in Hindi उनकी दी हुई शिक्षा पर आधारित है, जिसे पढ़कर आप जानेंगे की हमें जीवन को किस तरह जीना है और खुद को बुरी बातों से दूर रखना है।

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जो दोगे वही पाओगे -Powerful Gautam Buddha Story in Hindi

एक बार की बात है, गौतम बुद्ध को प्रवचन देने के लिए किसी गांव में बुलाया गया था और जिस गांव में उन्हें जाना था वहां कुछ ऐसे लोग थे जो बुद्ध को पसंद नही करते थे। बुद्ध ये बात जानते हुवे भी वो उस गाँव के लिए निकल पड़े।

उस गांव में जो लोग बुद्ध को पसंद नही करते थे उन्होंने बांकी के गांव वालों को भी गौतम बुद्ध के खिलाफ भड़का दिया। और पूरे गांव में ये बात फैला दी की गौतम बुद्ध दूसरों के धर्म की बुराई करते हैं और सभी को अपना धर्म अपनाने की बात बोलते हैं, जिससे लोगों का धर्म भ्रष्ट हो जाता है।

गांव के लोग उन झूठी बातों पर विश्वास करने लगे और उन्होंने कुछ लोगों को बुलाया और कहा की जैसे ही गौतम बुद्ध गांव में प्रवेश करे तो उसे वहीं से बेइज्जत करके भगा दिया जाए।

और हुवा भी कुछ ऐसा ही, गौतम बुद्ध जब गांव में पहुंचे तो वहां उन्हें कुछ लोगों ने घेर लिया और भला बुरा कहने लगे। वो लोग बहुत देर तक उन्हें गालियां देते रहे लेकिन गौतम बुद्ध शांत खड़े होकर सबकुछ सुनते रहे।

थोड़ा देर बाद वो लोग बोलते बोलते थक गए और चुप हो गए। उनकी चुप्पी देख गौतम बुद्ध बोले, “अगर आप लोगों की बातें पूरी हो गई हों तो क्या में यहां से जा सकता हूं?”

गौतम बुद्ध की बात सुनकर उन लोगों को कुछ समझ नहीं आया। उन्हीं में से एक व्यक्ति बोला, “हम लोग इतनी देर से तुम्हें गालियां दे रहे हैं और तुम अब भी पूछ रहे हो की “मैं यहां से जाऊं”, क्या तुम पर हमारी किसी भी बात का कोई असर नहीं पड़ा।”

गौतम बुद्ध बोले, “आप लोग चाहो तो मुझे और गालियां दे सकते हो क्योंकि ये आपका स्वभाव है लेकिन मैं उनमें से किसी गाली को लूंगा नही। आपकी गालियों का तब तक मुझ पर कोई असर नहीं पड़ेगा जब तक में उन्हें स्वीकार नहीं कर लेता या उन्हें ले नही लेता। जब में आपकी गालियों को लूंगा ही नही तो वो गालियां कहीं नहीं जाएंगी बल्कि आप लोगों के पास ही रह जाएंगी और इन गालियों को असर भी आपको ही होगा।”

सीख जो हमे गौतम बुद्ध की जबरदस्त प्रेरणादायक कहानी से मिलती है –

हम लोग भी जाने अंजाने लोगों को बहुत बुरा भला कहते हैं, कभी गुस्से में, तो कभी जलन की वजह से। जो बुरी बातें हम दूसरों के लिए कहते हैं उनका असर अक्सर हम पर ही होता है।

रास्ते में चलते हुवे कोई दिखा तो उसे मन ही मन गाली दे देते हैं, गाड़ी चलाते हुवे कोई सामने आ जाए या साइड ना दे तो उसे बुरा भला कहने लगते हैं, किसी ऑफिस की लंबी लाइन में लगना पड़े तो वहां के कर्मचारियों को गाली देने लगते है। ये सब चीजें आप खुद सोच कर देखिए, ऐसा आपने भी बहुत बार किया होगा और ज्यादातर समय कुछ अच्छा बोलने के बजाई बुरा ही बोला होगा।

वो बोले हुवे शब्द भी हम ही ने कहे और हमी ने सुने तो उनका असर भी हमारे ऊपर ही होगा। इसलिए अपने विचारों को सुधारने की कोशिश करिए, लोगों को बुरा भला कहना, किसी के लिए जानबूझकर बुरा करने की सोचना, इन सब का परिणाम हमारे लिए भी बुरा ही होता है। ये मत सोचिए की बुरे कर्मो का या अच्छे कर्मों का फल नही मिलता।

कर्मो का फल समय आने पर सबको मिलता है। आज नही तो कल, कल नही तो परसों, जवानी में नही तो बुढ़ापे में, इस जन्म में नही तो फिर अगले जन्म में, लेकिन जो दूसरों को दिया है या जो कर्म किए हैं उनका फल तो भुगतना ही पड़ेगा।

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