जरूरत से ज्यादा पाने की चाह – New Short Motivational Story With Moral

बहुत होने के बाद भी इंसान बहुत कुछ पाना चाहता है। ज्यादा पाने की चाह इंसान को हमेशा कुछ ना कुछ ऐसा करने पर मजबूर करती रहती है जिससे वो शांत और खुश नहीं रह पाता। इंसान जरूरत से ज्यादा इसलिए कमाना चाहता है ताकि बुरे वक्त में उसके पास अपनी जरूरतों के मुताबिक हर चीज़ हो।

लेकिन अपनी जरूरतों के चक्कर में वो ये सोचना ही बंद कर देता है ही जिस बुरे वक्त के लिए में सब कुछ कर रहा हूँ, उस सब के लिए में अपना आज का कीमती वक्त भी तो गँवा रहा हूँ। हमारे पास अगर सबकुछ है, और इतना है की उससे हमारे जीवन में खुशियां आ रही हैं तो हमे बेवजह ज्यादा के चक्कर में नहीं भागना चाहिए। आपने ये बात सुनी ही होगी की, ‘अति का अंत ही होता है।’

इसलिए हर चीज़ पाने की चाह को कम करना बहुत जरूरी है। ज्यादा की चाह हमे किस तरह कुछ भी करने पर मजबूर करती है, आज आप इस motivational story with moral के जरिये समझ जाएंगे। ये new short motivational story आपको इस बात का ज्ञान देगी की क्यों हमे अति नहीं करनी चाहिए।

जरूरत से ज्यादा पाने की चाह – motivational story with moral

जरूरत से ज्यादा पाने की चाह , New Short Hindi Motivational Story With Moral

बहुत समय पहले की बात है, एक बहुत ही ज्ञानी महात्मा थे। वो अलग अलग राज्य में जाकर प्रवचन दिया करते थे। एक बार वो महात्मा एक राज्य से प्रवचन देकर दूसरे राज्य की तरफ जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में सोने के सिक्कों से भरी एक थैली मिली। महात्मा तो वैरागी थे उनके मन में मोह-माया और धन की कोई लालसा नहीं थी।

उन्होंने उस सोने के सिक्कों से भरी थैली को उठाया और अपने पास रख ली, और सोचा की, ‘इस धन का मेरे जीवन में तो कोई ख़ास मूल्य है नहीं, हाँ अगर मुझे कोई दरिद्र व्यक्ति मिल जाएगा तो ये मैं उसे दे दूंगा। ताकि उसकी दरिद्रता दूर हो सके।’

बहुत दिनों तक तलाशने के बाद भी उन महात्मा को कोई ऐसा दरिद्र व्यक्ति नहीं मिला जो उन सोने के सिक्कों के लायक हो। वो महात्मा सोचने लगे की, ‘भगवान ने हर किसी को इतना तो दिया ही है की वो अपना गुजारा कर सके और मेहनत से कमा कर खा सके।’ इसलिए उन्होंने निर्णय लिया की वो उस सोने के सिक्कों से भरी थैली को एक नदी में फेंक देंगे। ऐसा सोचकर वो नदी की तरफ चले गए।

वो जैसे ही नदी के किनारे पर पहुंचे तो उन्होंने देखा की एक राजा अपनी बड़ी सी सेना के साथ नदी की तरफ ही आ रहा है। वो वहीँ रुके और उस राजा के निकलने का इंतज़ार करने लगे। राजा ने उन महात्मा को देखा तो अपनी सेना को रुकने का आदेश दिया और उनसे बोला, ‘गुरु जी में अपनी सेना लेकर दूसरे राज्य में आक्रमण करने जा रहा हूँ। आप मुझे आशीर्वाद दें की में विजयी होकर आऊं ताकि मेरा राज्य और बड़ा हो सके और हमे दूसरे राज्य से बहुत सारा धन मिल सके।’

राजा की बात सुनकर वो महात्मा ने काफी देर तक सोचा और उन्होंने वो सोने के सिक्कों से भरी थैली राजा के हाथ में रख दी।
राजा ने महात्मा की तरह हैरानी से देखा और बोला, ‘गुरु जी मै आपसे आशीर्वाद मांग रहा हूँ और आप मुझे सोने के सिक्कों से भरी थैली दे रहे हैं। मुझे लड़ाई जीतने के लिए इनकी नहीं आपके आशीर्वाद की जरूरत है। ये सोने के सिक्के देने का क्या कारण है..?’

महात्मा बोले, ‘ये सोने के सिक्के मुझे गिरे हुवे मिले थे और उस वक्त मैंने सोचा था की मै इन्हें ऐसे व्यक्ति को दूंगा जो बहुत ही दरिद्र हो और आज जाकर आपमें मुझे वो दरिद्र व्यक्ति नज़र आया और ये सिक्के मैंने आपको दे दिए। इस राज्य में आपके जैसा दरिद्र तो कोई है ही नहीं, जो सब कुछ होने के बाद भी किसी दूसरे राज्य में आक्रमण करके वहां की धन संपत्ति को लूटना चाहता है। यही एक कारण है कि मैंने आपको ये सोने के सिक्कों से भरी थैली दे दी।’

राजा उनकी बात समझ गया और उसे अपनी गलती का अहसास हुवा। उसने महात्मा से माफ़ी मांगी और अपनी सेना को वापिस लौटने का आदेश दे दिया।

सीख जो हमे इस मोटिवेशनल मोरल स्टोरी से मिलती है-

ये कहानी हमे सीखाती है की हमारे पास अपनी जरूरत लायक जितना भी है हमे उसमे खुश रहना चाहिए। ज्यादा चीज़ें पाने के चक्कर में, या फिर दूसरों से ज्यादा कमाने के चक्कर में हम बेवजह की टेंशन से खुद को घेर लेते हैं। हम खुद से एक बार ये भी नहीं पूछते की ‘क्या सच में मेरे पास जितना है वो मेरे लिए काफी नहीं है।’

हम जितना कमा रहे हैं अगर उससे हमारी जिंदगी अच्छी और खुशियों भरी चल रही है तो हमे बेवजह ज्यादा के लालच में नहीं पड़ना चाहिए।ज्यादा कमाने के चक्कर में अपनी जिंदगी को ऐसी ना बनाये की आप उस चीज़ को भी enjoy करना भूल जाएँ जो आपके पास है। बेशक जिंदगी में कमाना जरूरी है और ज्यादा चीज़ों का होना भी जरूरी है,

लेकिन अगर आप उन चीज़ों को कमाने में ही रह जाएंगे तो उन्हें enjoy करने की उम्र खो देंगे। जो चीज़ें आपके पास हैं उन्हें enjoy करें। अपने मन के लालच को किनारे रख कर जिंदगी को जीना शुरू करें। जब ज्यादा की चाह आपके मन से दूर होने लगेगी तब आप ये खुद महसूस कर पाएंगे की आपके पास कितना कुछ है।

आई होप इस short motivational story with moral से आपको कुछ अच्छी बातें सीखने को मिली हों। ऐसी ही और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़ें रहें। कहानी को शेयर जरूर करें।

Leave a Comment