आज की ये प्रेरणादायक हिंदी कहानियां आपको जीवन के दो important lessons सिखाएंगी। इन दो inspirational hindi stories के जरिये आप ये बात जानेंगे की कर्म करना किसी भी इंसान की सफलता के लिए कितना जरूरी है। लाइफ में बैठे-बैठे कुछ भी नहीं मिलता।
जिंदगी में अगर आपको कुछ पाना है तो उसके लिए कर्म तो करना ही पड़ेगा। ये दो short motivational story को आप अच्छे से समझे और इनसे मिलने वाली प्रेरणादायक सीख को हमेशा याद रखें। चलिए पढ़ते हैं आज की दो best inspirational short stories.
No. 1- जब कुछ करोगे तभी तो कुछ मिलेगा- short Inspirational Story
किसी ने क्या खूब कहा है,
“टूटने लगे होंसले अगर तो ये याद रखना, बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते;
ढून्ढ लेते हैं अँधेरे में मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नहीं होते।”

एक बार एक व्यक्ति मंदिर गया और प्रार्थना करने लगा, “ हे भगवान, मैं अपनी जॉब से, अपने काम से बहुत थक चूका हूँ। और अब में बस आराम से जीना चाहता हूँ। Please God उसके लिए आप मुझे बस एक Lottery जितवा दो।” इतना कह कर वो मंदिर से चला गया।
हफ्ता बीत गया, लेकिन उस व्यक्ति की Lottery नहीं लगी, तो वो फिर मंदिर आया और प्रार्थना करना लगा,”हे भगवान, अब तो मैंने शराब पीना भी छोड़ दिया है, अब में एक अच्छा इंसान बन गया हूँ, Please God बस एक बार मुझे Lottery जितवा दे।” इतना कह कर वो फिर मंदिर से चला गया।
एक हफ्ता और बीत गया लेकिन उस व्यक्ति की Lottery नहीं लगी और वो फिर मंदिर आया और फिर से प्रार्थना करने लगा,”God, अब तो मेने सब बुरे काम भी छोड़ दिए हैं, अब वो Lottery का पैसा मुझे सपने में भी दिखने लगा है, Please God, मेरी मदद करो और Lottery जितवा दो।”
रोज की तरह जैसे ही वह व्यक्ति वहां से जाने लगा। तभी एक तेज रोशनी चमकी और एक आवाज आयी, “अरे मूर्ख, तू जाकर पहले एक Lottery का Ticket तो खरीद, तभी तो में तेरी Lottery लगवाउँगा।”
सीख जो हमे इस motivation story से मिलती है-
ये छोटी सी कहानी हमे ये बात सिखाती है की हम अक्सर भगवान से कुछ ना कुछ मांगते रहते हैं, की गॉड मुझे ये दिला दो, मुझे वो दिला दो, मुझे ये चाहिए, मुझे वो चाहिए लेकिन हम ये नहीं सोचते की जो हम मांग रहे हैं उस चीज़ को पाने के लिए हम खुद कुछ कर भी रहे हैं।
क्यूंकि भगवान हमे कहीं से वो चीज़ लेकर हमारे सामने नहीं रख सकता. हमे ज्यादा पैसे चाहिए तो उसके लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, हमे एग्जाम में अच्छे मार्क्स चाहिए तो उसके लिए हमे ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ेगी.
हमे अच्छी जॉब चाहिए तो पहले हमे खुद को उस जॉब लायक बनाना होगा। हमारी इच्छाएं भी तभी पूरी होंगी जब हम खुद कुछ करेंगे। भगवान पर विश्वास रखिये और सिर्फ मांगिये मत बल्कि उस चीज़ को पाने के लिए खुद भी effort करिये।
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No. 2- दूसरों के भरोसे मत बैठो – Inspirational story with moral

बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में बहुत ही आलसी व्यक्ति रहता था। अपने आलस की वजह से वो ना तो कुछ काम करता ना काम के बारे में ज्यादा सोचता। बस इधर-उधर से किसी तरह अपने खाने की व्यवस्था कर लेता था। एक दिन वह व्यक्ति यूँ ही टहलते-टहलते जंगल की तरफ चले गया।
जंगल में थोड़ा अंदर जाकर उसने देखा की एक लोमड़ी लंगड़ाकर चल रही है। उसका एक पैर टूट गया था। लोमड़ी की ये हालत देखकर आलसी व्यक्ति सोचने लगा कि इस जंगल में अभी तक ये लोमड़ी जिन्दा कैसे है? इसका किसी ने शिकार नहीं किया, इसे खाने के लिए मांस कैसे मिलता होगा?
वह व्यक्ति लोमड़ी के पीछे-पीछे चलने लगा, ताकि उसे मालूम हो सके कि इसके खाने की व्यवस्था कैसे होती है? तभी उस व्यक्ति को शेर की दहाड़ सुनाई दी। वह डर गया और तुरंत ही एक ऊंचे पेड़ पर चढ़कर छिप गया। थोड़ा ही देर में जंगल की तरफ से तेजी से दौड़ता हुवा एक शेर आया।
शेर के मुँह में मांस का बड़ा सा टुकड़ा था। शेर की दहाड़ सुनकर वो लोमड़ी भी छुप गयी। शेर इतना तेज दौड़कर आ रहा था की उसके मुँह से मांस का एक टुकड़ा वही छूट गया और वो दौड़ता हुवा आगे निकल गया। कुछ देर बाद उस लोमड़ी ने वो मांस का टुकड़ा खा लिया और फिर से छुप गयी।
पेड़ में चढ़ा हुवा आलसी व्यक्ति ये सब देख रहा था। वह सोचने लगा कि भगवान कितना दयालु है। एक लोमड़ी के खाने की व्यवस्था भी भगवान कर रहे हैं। अब से में सिर्फ पूजा-पाठ करूँगा और फिर भगवान मेरे लिए भी खाने की व्यवस्था जरूर करेंगे। ये सोचकर वह व्यक्ति अपने घर आ गया। घर आकर वह आलसी व्यक्ति पूजा-पाठ में लग गया और इंतज़ार करने लगा कि भगवान की कृपा से उसे भी खाना मिल जाएगा।
बैठे-बैठे पांच दिन गुजर गए लेकिन उसके खाने की व्यवस्था नहीं हो सकी। भूखे रहने की वजह से वह कमजोर हो गया था और मरने की हालत में पहुँच गया। खाने की तलाश में अब वो इधर उधर भटकने लगा और तभी उसने एक संत को देखा। आलसी व्यक्ति तुरत ही संत के पास पहुंचा। उसने संत को पूरी बात बताई और पूछने लगा की, ‘भगवान ने अब तक उसके खाने का इंतज़ाम क्यों नहीं किया।’
संत ने उससे कहा कि, ‘भगवान ने तुम्हें तुम्हारी इस तकलीफ के जरिये एक बहुत बड़ा संदेश दिया है। लेकिन अपने आलस की वजह से तुम तक वो सन्देश भी नहीं पहुँच रहा है। तुम एक लोमड़ी की तरह बनना चाहते हो जबकि वो लोमड़ी शारीरिक रूप से कमजोर थी, और तुम अपने आलस की वजह से दुर्बल हो गए हो।
भगवान तुम्हें शेर की तरह बनाना चाहता है। तुम भगवान के भरोसे रहना चाहते हो और भगवान तुम्हें दूसरों की मदद करने वाला इंसान बनाना चाहता है।’ आलसी व्यक्ति को संत की बात समझ आ गई और उसके बाद उसने आलस्य छोड़ने और कर्म करने का फैंसला किया।
सीख जो हमे इस शार्ट मोटिवेशनल स्टोरी से मिलती है-
हमे अपने आलस्य को छोड़कर कर्म को महत्व देना चाहिए। अपने आलस्य की वजह से ही हम जरूरी कामों को करना भी छोड़ देते हैं और सोचते हैं की कोई दूसरा आएगा और उन कार्यों को पूरा कर देगा। हमें दूसरों पर निर्भर रहने वाला नहीं बल्कि दूसरों की मदद करने वाला इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए।
भगवान भी ऐसे लोगों की मदद करता है, जो दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जीवन में आलस्य इंसान को हमेशा पीछे रखता है। आलस्य हमे उन कामों को करने से भी रोकता है जो हमारे लिए बहुत important होते हैं। आलस्य हमारी असफलता एक सबसे बड़ा कारण होता।
दोस्तों को आलस्य को त्यागकर ही हम सफलता पा सकते हैं इसलिए किसी भी काम को करने में आलस्य मत करो और ना ही कभी भी लाइफ में दूसरों के भरोसे बैठे रहो। अपने कार्यों की जिम्मेदारी स्वयं लेना सीखो और अपने हर काम को समय पर पूरा भी करो।
आई होप आपके ये दो inspirational short stories in hindi पसंद आयी हों और साथ ही इनसे कुछ सीखने को मिला हो। इन कहानियों को लेकर आपका को विचार हो तो comment section में जरूर बताएं। ऐसी और भी मोटिवेशनल स्टोरीज पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें। इस पोस्ट शेयर करना ना भूलें।