हर कोई ईमानदार नहीं होता – Akbar Birbal Ki Kahani Hindi Mein

इस दुनिया में हर तरह के लोग होते हैं, कुछ अच्छे, कुछ बुरे, कुछ ईमानदार और कुछ बेईमान भी। कई बार हम ऐसे लोगों पर भरोसा कर लेते हैं जिन्हें देखकर हमे लगता है की वो अच्छे हैं और ईमानदार हैं लेकिन वो वैसे होते नही हैं। किसी इंसान की शक्ल देखकर कोई ये नही बता सकता की वो कैसा है।

ईमानदार है, बेईमान है, धोखेबाज है या फिर भरोसे लायक है। कौन व्यक्ति कैसा है इसकी परख होना बहुत जरूरी है वरना हम जिंदगी में बार बार धोखा खा सकते हैं।

आज इस Akbar Birbal Ki Kahani को पढ़कर आप समझ जायेंगे की क्यों हमें हर किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए और साथ ही हर किसी को ईमानदार भी नही समझना चाहिए। अकबर बीरबल की इस मजेदार कहानी को जरूर पढ़ें और Birbal Moral Story In Hindi को शेयर जरूर करें।

हर कोई ईमानदार नहीं होता – Akbar Birbal Ki Kahani Hindi Mein

एक बार की बात है। महाराज अकबर और बीरबल बगीचे में बैठकर अपनी प्रजा के बारे में बातें कर रहे थे। बातों ही बातों में अकबर ने बीरबल से कहा, “बीरबल, हमें अपनी प्रजा पर बहुत नाज है क्योंकि हमारी प्रजा में सभी लोग अपने राजा के प्रति ईमानदार हैं और कोई भी बेईमान नही है।”

बीरबल को अकबर ही बात पसंद नही आई और उन्हें टोकते हुवे वो बोले, “महाराज, सब ईमानदार हैं ऐसा बस आपका सोचना है लेकिन वास्तिवकता में ऐसा नहीं है। लोग चाहे तो आप के साथ भी बेईमानी कर सकते हैं।”

अकबर बोले, “बीरबल तुम प्रजा के बारे में गलत सोच रखते हो और अगर तुम्हें अपनी बात पर इतना ही भरोसा है तो साबित करके दिखाओ।”
बीरबल बोले, “महराज, इस बात को साबित करने के लिए मुझे आप कुछ दिन दीजिये और मैं आपको अपनी बात साबित करके दिखा दूंगा।”

अगले दिन अकबर ने महल से एक संदेशवाहक को प्रजा में ये ऐलान करवाने को बोला की, “महाराज अकबर अपने महल में बहुत बड़ी दावत दे रहे हैं और महाराज चाहते हैं की इस बार उनकी प्रजा दावत के लिए शुद्ध दूध का प्रबंध करे और इसके लिए शहर में जगह जगह पर बड़े बड़े पतीले रखें जाएंगे। जिसके पास जितना हो सके वो उसमें उतना दूध डाल दे।”

अगली सुबह बीरबल ने शहर में बड़े बड़े पतीले रखवा दिए और एक दिन का इंतजार किया। एक दिन बाद बीरबल ने सभी पतीलों को महल में मंगवा दिया। महाराज अकबर आए और उन्होंने अपने सामने उन पतीलों को खाली करवाया।

पतीलों से निकले हुवे दूध को देखकर महाराज बड़े खुश हो गए और बीरबल की तरफ मुस्कान के साथ देखने लगे।
महाराज की मुस्कान देखकर बीरबल ने महल के हलवाई को बुलाया और उसे दूध की जांच करने को कहा।

हलवाई ने एक लोटा दूध निकाला और बोला, “महाराज ये सारा तो मिलावटी दूध है। इसमें दूध की मात्रा कम और पानी ज्यादा है। लोगों ने पतीलों में दूध से ज्यादा पानी डाला है।”

हलवाई की बात सुनकर, बीरबल ने अकबर से कहा, “महाराज, देखा आपने, हमारी प्रजा में कुछ ईमानदार लोग हैं जिन्होंने पतीलों में शुद्ध दूध डाला लेकिन कुछ बेईमान ऐसे भी है जिन्होंने ये सोचा की पहले वाला तो दूध डाल कर गया है तो मैं दूध की जगह थोड़ा पानी डाल देता हूं और थोड़े से पानी से क्या फर्क पड़ेगा। बेईमानी वाली इस सोच के साथ हर दूसरा व्यक्ति ऐसा ही करता गया और पतीलों में दूध कम और पानी ज्यादा हो गया। महाराज इसलिए तो मैं कहता हूं की हर कोई ईमानदार नही होता थोड़ा बहुत बेईमानी सब में होती है।”

सीख जो हमे अकबर बीरबल की कहानी से मिलती है –

ये कहानी हमे सीखाती है की हमें हर किसी पर आंख बंद करके विश्वास नही करना चाहिए। किस इंसान के मन में बेईमानी छिपी है ये हम नहीं जान सकते। किसी को जानें बिना और परखें बिना उस पर भरोसा ना करें। ना ही इस सोच के साथ जिंदगी जिएं की हर कोई ईमानदार ही होता है। ईमानदारी और बेईमानी की इस दुनिया में लोगों को परखना सीखें। इसके अलावा कोशिश करें की आप खुद भी ईमानदारी के रास्ते पर चलें। खुद बेईमान होकर दूसरों से ईमानदारी की उम्मीद ना रखें।

आई होप आपको बीरबल की प्रेरक कहानी पसंद आई हो और साथ ही इससे आपको अच्छी शिक्षा मिली हो। ऐसी ही और भी अकबर बीरबल मोरल स्टोरीज पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।

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