अहंकार – Heart Touching Motivational Story In Hindi

आज की Heart Touching Motivational Story In Hindi अहंकार के विषय में है। अहंकार या घमंड जिस व्यक्ति के अंदर भी आ जाता है वो दूसरे की परवाह करना छोड़ देता है। अहंकार से भरे इंसान को अपने से बड़ा कोई दिखता ही नही। अहंकारी व्यक्ति को लगता है की जो है वही है।

अहंकार जिस भी व्यक्ति में आ जाता है उसका बर्बाद होना तय है, क्योंकि अहंकारी व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, अपने अहंकार में वो किसी को इज्जत नहीं देता और धीरे धीरे लोग ऐसे व्यक्ति से दूरी बना लेते हैं। अहंकारी व्यक्ति जीवन में अकेला पड़ जाता है और अकेलापन अंदर ही अंदर उसे खा जाता है।

अहंकार से जुड़ी आज एक धार्मिक कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं इस घमंड की कहानी से आप जानेंगे की अहंकार या फिर घमंड हमारी जिंदगी में कैसा असर डालता है और किस तरह ये हमारे रिश्तों, हमारी मानसिकता और हमारे चरित्र को खराब कर देता है। इस motivational story in hindi को एक बार पूरा जरूर पड़ें।

अहंकार – Heart Touching Motivational Story In Hindi

कहानी उस समय है की है जब ऋषि दुर्वासा स्वर्ग के भ्रमण पर निकले हुवे थे। वो स्वर्ग की हर जगह को बड़ी बारीकी से देखते हुवे अपनी यात्रा का आनंद ले रहे थे। हर कोई जानता था की ऋषि दुर्वासा का गुस्सा बहुत तेज है क्योंकि जिन लोगों को गुस्सा बहुत आता था उनका नाम ही दुर्वासा रख दिया जाता था।

उन्हें कब किस बात पर गुस्सा आ जाए, इसका हर किसी को डर रहता था। ऋषि दुर्वासा का अपने गुस्से पर काबू नही था और जब उन्हें गुस्सा आता तो वो किसी को भी नहीं छोड़ते और कुछ ना कुछ श्राप दे ही देते।

उनकी यात्रा के दौरान एक बार उनके सामने स्वर्ग के राजा देवराज इंद्र आ गए। देवराज इंद्र अपने हाथी ऐरावत पर बैठे हुवे थे। वो दोनो एक दूसरे के सामने आ गए। दुर्वासा को देख इंद्र ने उन्हें प्रणाम कहा। उस समय ऋषि दुर्वासा के पास एक माला थी, जिसे प्रभु ने उन्हें भेंट करी थी।

उन्होंने सोचा की ये माला मेरे किस काम की, देवराज इंद्र तो त्रिलोकपति हैं उनके गले में ये माला ज्यादा शोभा देगी, ये मैं इन्हें दे देता हूं। ऐसा सोचकर उन्होंने वो माला इंद्र को दे दी।

इंद्र ने माला ले तो ली लेकिन माला लेने के लिए वो अपने हाथी से नीचे नही उतरे और ऊपर से ही हाथ बढ़ाकर भेंट ले ली।
ऋषि दुर्वासा को इस बात पर गुस्सा तो आया लेकिन उन्होंने खुद को शांत कर लिए।

लेकिन इंद्र तो स्वर्ग के राजा थे और इस बात का उन्हें पूरा घमंड भी था, वो मन ही मन सोचने लगे की मेरे पास किस चीज की कमी है, मैं त्रिलोकपति हूं, इतनी सुंदर सुंदर अप्सराएं मेरे पास हैं, आभूषणों से मेरा पूरा शरीर भरा है फिर इस माला का मैं क्या करूंगा और ऐसा सोचकर उन्होंने वो माला अपने हाथी ऐरावत के ऊपर डाल दी।

अब हाथी तो पशु था वो क्या जाने भेंट का मोल उसने अपनी सूंड ऊपर करी और माला को सूंड में लटकाकर एक दो बार घुमाया और हवा में फेंक दिया।

ये देखकर ऋषि दुर्वासा का गुस्सा सातवें आसमान में पहुंच गया और गुस्से में वो इंद्र से बोले, “अपने वैभव और यश के अहंकार में आकर आज तुमने एक ऋषि की भेंट का अपमान किया है इसलिए मैं तुम्हें श्राप देता हूं की इंद्र तेरा राज पाठ चला जाएगा, तेरा वैभव, यश, सब कुछ छिन जाएगा, और तू श्रीहीन हो जाएगा।”

दुर्वासा के श्राप के चलते कुछ ऐसा ही हुवा। असुरों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। जिसमे देवता बुरी तरह हार गए। इंद्र से सब कुछ छिन गया। अपने बचाव का रास्ता ढूंढने सभी देवता, इंद्र के साथ ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी ने सभी को समझाया की किस तरह इंद्र के अहंकार और दुर्वासा जी के अपमान की वजह से ये सब हुवा है। इंद्र को अपना घमंड त्यागकर ऋषि दुर्वासा से माफी मांगनी होगी, तभी उनके श्राप से बचा जा सकता है।

सीख जो हमे इस अहंकार पर कहानी से मिलती है –

ये कहानी हमें सीखाती है की जिंदगी में हमे भले ही दूसरों से कितना भी ज्यादा क्यों ना मिल जाए लेकिन कभी हमें उस पर अहंकार नहीं होना चाहिए। चाहे हम किसी बड़े पद पर क्यों ना हों, हमें लोगों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। अपने अहंकार में हमें किसी का भी अपमान नही करना चाहिए।

अहंकार की वजह से ही रावण जैसे ज्ञानी का भी सर्वनाश हो गया था। अहंकार भले ताकत का हो, पैसों का हो, खूबसूरती का हो, ये हमेशा हमें गलत राह पर ले जाता है। और अपने इसी अहंकार की वजह से हम दूसरों का अपमान करते हैं, बिना वजह दूसरों से लड़ते हैं।

जैसे जैसे हमारा घमंड बढ़ता जाता है हम लोगों की नजरों में गिरने लगते हैं। घमंडी इंसान से कोई भी व्यक्ति बोलचाल नही रखना चाहता। घमंड होना और दिखावा करना दोनो अलग अलग चीज होती हैं। आपके पास भले ही बहुत धन हो, आप महंगे कपड़े पहनें, महंगी गाड़ी खरीदें या बड़ा घर खरीदें,

इससे लोगों को कोई तकलीफ नहीं होती लेकिन अगर आप इन सब चीजों का गुणगान हर समय दूसरों के सामने करते रहेंगे और हमेशा अपनी अमीरी की बातें करते रहेंगे तो ये आप के अहंकार को दर्शाएगा और फिर लोग आप से कटना शुरू कर देंगे।

इसलिए जीवन अच्छा जिएं उसका ढिंढोरा ना पीटें। अपने अंदर अहंकार ना आने दें। छोटा बड़ा, अमीर गरीब, हर किसी से खुशी खुशी मिलें। जिंदगी खुद बेहतर हो जायेगी।

आई होप आपको ये मोटिवेशनल स्टोरी हिंदी पसंद आयी हो। ऐसी ही और भी धार्मिक प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।

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