दोस्तों गौतम बुद्ध की बहुत सी शिक्षाप्रद कहानियां आपने पढ़ी होंगी। आज इस Buddha Story in Hindi For Success के जरिए हम आपको गौतम बुद्ध की एक ऐसी कहानी के बारे में बताएंगे जो आपको जीवन में सफल होने के लिए बहुत काम आयेगी।
भगवान बुद्धा की इस कहानी के जरिए आप जानेंगे की सफल होने के लिए किसी व्यक्ति का सिर्फ मेहनती होना काफी नही होता बल्कि एक व्यक्ति में और भी कई ऐसे गुणों का होना जरूरी है जिनकी मदद से वो खुद को सफल बना सकता है। इस जीवन में हम सभी किसी ना किसी काम में सफलता पाना चाहते हैं लेकिन कई बार बहुत मेहनत करने के बाद भी हमें सफलता नहीं मिल पाती।
ऐसा हम सभी के साथ होता है। कई बार हम असफल होने की वजह से काम को अधूरा छोड़ देते हैं और कई बार हम असफल होने के डर से किसी काम को शुरू ही नही कर पाते। आज की इस सफलता के लिए गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी के जरिए आप जानेंगे की सफलता पाने के लिए एक व्यक्ति के अंदर क्या क्या गुण होने चाहिए।

Gautam Buddha Story in Hindi For Success
एक बार की बात है, गौतम बुद्धा अपने कुछ शिष्यों को साथ लेकर प्रवचन देने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की तरफ जा रहे थे। सफर बहुत लंबा था तो वो अपने साथ पहले ही खाने पीने की सभी चीजें लेकर चले। सफर के दौरान उनके एक गांव मिला जो की पूरी तरह से खाली था। चारों तरफ सिर्फ झोपड़ियां और सूखे खेत ही थे।
उसे देखकर ऐसा मालूम पड़ता की वहां के सभी लोग पानी की कमी के चलते अपना सब कुछ छोड़कर वहां से कहीं और चले गए हैं। उस गांव में एक छोटा सा कुवाँ भी खुदा था। बुद्ध के शिष्यों ने जब उस कुवें में झांका तो वो भी खाली था। उस कुवें में सिवाय धूल के और कुछ नही था।
अंधेरा भी होने का था तो गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को एक रात वहीं गुजारने को कहा। अगले दिन सुबह वो सभी गांव से निकलने लगे। वो लोग जैसे ही गांव से थोड़ा बाहर निकले तो उन्होंने देखा की एक जगह पर बहुत सारे छोटे बड़े गड्डे खुदे हुवे थे। वो थोड़ा और आगे बड़े तो उन्होंने देखा की वहां हर थोड़ा दूरी पर वैसे ही सैकड़ों छोटे छोटे गड्ढे खुदे हुवे थे।
गौतम बुद्ध भी ये सब देख रहे थे लेकिन वो इस बारे में कुछ बोले नही। उनके शिष्यों के मन में ये सवाल आने लगा की आंखिर यहां इतने सारे गड्ढे क्यों बनाए हुवे हैं? ऐसा करने की क्या वजह हो सकती है?अपने मन को शांत करने के लिए एक शिष्य ने अंततः गौतम बुद्ध से वहां बने गड्ढों के बारे में पूछ ही लिया।
गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को बताया, ‘इस गांव की परिस्थिति देखकर पता चलता है की इस गांव में कुछ समय पहले पानी सूख गया होगा और पानी की तलाश में ही यहां इतने सारे गड्ढे खोदे गए हैं। जिन लोगों ने ये गड्डे खोदे उन्होंने मेहनत तो बहुत करी लेकिन किसी ने भी धैर्य नहीं दिखाया।
अगर उन लोगों ने धैर्य के साथ सिर्फ एक या दो जगह पर गहराई तक खोदा होता तो उन लोगों को पानी मिल जाता। लेकिन वो लोग थोड़ा थोड़ा खोदते रहे और जब पानी नहीं निकला तो दूसरी जगह खोदने लग गए। इस तरह उन्हें कहीं पर भी पानी नहीं मिला और उन्हें इस जगह को छोड़ कर जाना पड़ा।’
इस बात को आगे बढ़ाते हुवे गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को समझाया की, “किसी भी काम में सफल होने के लिए हमे सिर्फ मेहनत ही नहीं करनी होती बल्कि कई बार धैर्य रखकर उस काम को करते रहना होता है। जब मेहनत से सफलता नहीं मिलती तो धैर्य काम आता है। जिस व्यक्ति के अंदर धैर्य होता है वो सफलता भी पाता है।
असफल होने पर, बार बार अपने कार्यों को बदलते रहना हमे सफलता से और दूर कर देता है इसलिए किसी काम में अगर आप बहुत मेहनत करते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते तो थोड़ा धैर्य रखें अगर आपका काम और लक्ष्य सही होगा तो सफलता जरूर मिलेगी।
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सीख जो हमे इस Buddha Motivational Story से मिलती है
इस कहानी को पढ़कर आप ये बात तो जान ही गए होंगे की सफल होने के लिए हमारे अंदर धैर्य (patience) होना कितना जरूरी है। जिस तरह बगुला मछली की तलाश में धैर्य के साथ खड़ा रहता है उसी तरह हमे भी मेहनत और धैर्य के साथ अपने काम करते रहना बहुत जरूरी है।
आज काम शुरू करा और 10 दिन बाद मालामाल हो गए, ऐसा बहुत कम होता है। किसी भी काम को सफल होने में समय लगता है और उस समय काम आता है हमारा धैर्य। इसलिए किसी भी काम को ये सोचकर शुरू ना करें की आपको सबकुछ जल्दी से मिल जाएगा, धैर्यपूर्वक मेहनत करते रहें, सफलता आपको जरूर मिलेगी।
आई होप आप इस Buddha Story in Hindi For Success से कुछ अच्छा सीखे हों। ऐसी ही और भी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।
App sir Thora sentence clear likho kuch sentence clear nahi rahta hi
Kis sentence me aapko clarity nahi hai mention kariye…Mai use thik kar dunga..