APJ Abdul Kalam एक ऐसे महान व्यक्ति हैं जिनके बारे में हर कोई जानता है। अब्दुल कलाम को “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक, इंजीनियर और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया।
एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों, व्यवहार और अपने ज्ञान के लिए आज भी हर वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वो एक सीधे, ईमानदार और सुलझे हुवे व्यक्ति थे। स्टूडेंट्स के लिए उनके दिल में हमेशा से एक खास जगह थी। उनका मानना था की शिक्षा और शिक्षित लोग ही समाज को बेहतर कर सकते हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत देश को मिसाइल टेक्नोलॉजी में बहुत आगे बढ़ाया। उनका योगदान कभी भुलाया नही जा सकता। उनके जीवन के बारे में जानना हम सभी के लिए गर्व की बात है। आज की इस Apj Abdul Kalam Biography in Hindi के जरिए हम आपको उनके जीवन के बारे में ऐसी जानकारी देंगे जो आपको जरूर जाननी चाहिए।

1- ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म व उम्र (Apj Abdul Kalam Biography)
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1932 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुवा था। वो एक तमिल मुस्लिम परिवार से थे। मृत्यु के समय उनकी उम्र 83 साल थी।
एपीजे अब्दुल कलाम के माता पिता (Apj Abdul Kalam Parents)
अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाबदीन मारकयार था। उनके पिता नाव चलाने का काम करते थे और साथ ही वो मस्जिद में इमाम के रूप में भी काम करते थे। उनकी मां आशियम्मा, एक गृहिणी थी।
2- एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा (Abdul Kalam Education)
अब्दुल कलाम अपने स्कूल के दिनों में पढ़ाई में ज्यादा खास नहीं थे और उनके अंक भी साधारण ही आते थे, लेकिन उन्हें बचपन से ही पढ़ाई का बहुत शौक था। वो देर रात तक जाग के पढ़ाई किया करते थे। अब्दुल कलाम अपना ज्यादा समय गणित सीखने में बिताते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा Schwartz Higher Secondary School, Ramanathapuram से पूरी करी।
इसके बाद 1954 में कलाम ने तिरुचिरापल्ली के Saint Joseph’s College से Physics में ग्रैजुएशन करी। जो की University of Madras से मान्यता प्राप्त College था। 1955 में अब्दुल कलाम ने Madras Institute of Technology से Aerospace Engineering की पढ़ाई शुरू करी।
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3- एपीजे अब्दुल कलाम करियर (Abdul Kalam Career)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का करियर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ था। अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुवात एक वैज्ञानिक के रूप में करी लेकिन वो शुरुवात में वैज्ञानिक नही बल्कि इंडियन एयर फोर्स में एक फाइटर पायलट बनना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने क्वालीफायर एग्जाम भी दिया लेकिन उसमे उनकी 9 वीं रैंक आई और उस वक्त इंडियन एयर फोर्स में फाइटर पायलट के लिए सिर्फ 8 पोस्ट ही खाली थी।
3A- एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन (Apj Abdul Kalam Story in Hindi)
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, डॉ. कलाम ने एक वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। डीआरडीओ में उन्होंने अपने काम की शुरुवात छोटे hovercraft के डिजाइन बनाने से करी। उन्हें ये काम ज्यादा खास नहीं लगा और उन्होंने डीआरडीओ की नौकरी छोड़कर विक्रम साराभाई के नेतृत्व वाली Indian National Committee for Space Research (INCOSPAR) को ज्वाइन कर लिया।
1969 में अब्दुल कलाम का तबादला Indian Space Research आर्गेनाइजेशन (ISRO) में हो गया। जहां उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास सहित भारत के स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Project Director, SLV-III: डॉ. कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी-तृतीय) के परियोजना निदेशक के रूप में कार्य किया, जिसके द्वारा 1980 में भारत के पहले उपग्रह रोहिणी का सफल प्रक्षेपण किया गया। 1970 और 1990 के दौरान, अब्दुल कलाम ने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) और SLV-III प्रोजेक्ट्स को एडवांस करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन से काम किया, उनके प्रयासों के कारण ही इन दोनो प्रोजेक्ट्स ने शानदार सफलता हासिल की।
1970 में, एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट के नाम से चल रही दो परियोजनाओं का कार्यभार भी संभाला। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सफल एसएलवी कार्यक्रम की technology का उपयोग कर बैलिस्टिक मिसाइलों का निर्माण करना था। हालांकि इन दो परियोजनाओं को करने के लिए Union Cabinet ने अपनी स्वीकृति नहीं दी लेकिन इसके बावजूद भी,
प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने कलाम के प्रभारी रहते हुए अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए इन एयरोस्पेस परियोजनाओं के लिए गुप्त रूप से धन मुहैया कराया। जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक, कलाम ने प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के सचिव के पदों पर रहकर अपनी सेवा दी।
भारत के राष्ट्रपति: 2002 में, डॉ. कलाम को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया, वे देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले पहले वैज्ञानिक और पहले अविवाहित व्यक्ति बने। Abdul Kalam ने राष्ट्रपति के चुनाव में 922,884 वोट हासिल करके, अपोजिशन में खड़े लक्ष्मी सहगल के 107,366 वोटों को पार कर लिया। उन्होंने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। राष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने शिक्षा, युवा विकास और देश के विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया। अपने व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के कारण उन्हें “पीपुल्स प्रेसिडेंट” भी कहा जाता था।
शिक्षक: अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की समाप्ति के बाद अब्दुल कलाम ने एक गेस्ट टीचर के रूप में स्टूडेंट्स को शिक्षा दी। एपीजे अब्दुल कलाम ने Indian Institute of Management Shillong, Indian Institute of Management Ahmedabad और Indian Institute of Management Indore सहित भारत के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। अब्दुल कलाम ने International Institute of Information Technology, Hyderabad में Information Technology का विषय पढ़ाया, और साथ ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में अन्य Technology Courses भी पढ़ाए।
4- एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड्स (Abdul Kalam Awards)
अपने जीवन काल में एपीजे अब्दुल कलाम को उनके कार्यों को साइंस में दिए गए योगदान के लिए कई सारे पुरुस्कार और सम्मान मिले।
- भारत रत्न: डॉ. अब्दुल कलाम को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- पद्म विभूषण: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 1990 में एपीजे अब्दुल कलम को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- पद्म भूषण: डॉ. कलाम को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय कार्य के लिए 1981 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- इंदिरा गांधी पुरस्कार: 1997 में, डॉ. कलाम को राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारत में राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को मान्यता देता है।
- वॉन ब्रौन पुरस्कार: डॉ. कलाम को अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2013 में संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल स्पेस सोसाइटी से प्रतिष्ठित वॉन ब्रौन पुरस्कार मिला।
- हूवर मेडल: 2009 में, डॉ. कलाम को भारत में उनकी विशिष्ट सार्वजनिक सेवा और नेतृत्व के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में ASME फाउंडेशन द्वारा हूवर मेडल से सम्मानित किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार: डॉ. कलाम को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया, जिनमें रॉयल सोसाइटी से किंग चार्ल्स द्वितीय पदक, यूनाइटेड किंगडम में अलवर रिसर्च सेंटर से रामानुजन पुरस्कार, और फिलीपींस से ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ लकंदुला शामिल हैं।
5- एपीजे अब्दुल कलाम मैरिज
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें भारत की “जनता के राष्ट्रपति” के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने कभी शादी नही की और आजीवन कुंवारे रहे।
6- एपीजे अब्दुल कलाम मृत्यु (Apj Abdul Kalam Death)
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को 83 साल की उम्र में निधन हो गया। मेघालय में भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में स्पीच देते समय उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ गया, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
एपीजे अब्दुल कलाम की संपत्ति
अब्दुल कलाम एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से जीने में बीता दिया। उनके लिए देश सेवा, शिक्षा का प्रसार और देशवासियों के लिए कुछ करना ही, उनकी संपत्ति थी। कलाम साहब एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके पास किसी तरह की कोई संपत्ति नहीं थी। ना फ्रिज, ना कार, ना AC. Abdul Kalam की मृत्यु के बाद उनके पास से 2500 किताबें, एक घड़ी, कुछ कपड़े और एक जोड़ी जूते ही मिले थे।
7- ए पी जे अब्दुल कलाम पुस्तकें (Apj Abdul Kalam Books)
एक बेहतर Scientist, प्रेसिडेंट और टीचर होने के साथ साथ एपीजे अब्दुल कलाम एक बहुत अच्छे लेखक भी थे। उनकी बहुचर्चित पुस्तकों में “विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी,” “इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया,” “माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शन,” “इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम,” और ” द ल्यूमिनस स्पार्क्स”, शामिल हैं। उनकी किताबें मुख्य रूप से उनकी जीवन यात्रा, भारत के विकास और युवाओं को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और देश की प्रगति में योगदान करने के लिए प्रेरित करने पर केंद्रित थीं।
आई होप एपीजे अब्दुल कलाम की सच्च्ची जीवन कहानी से आपको उनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला हो। ऐसी और भी सफल लोगों की जीवनी पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़े रहें।