Dahej Real Life Story in hindi- शादी एक ऐसा बंधन है जिसमे हर लड़का – लड़की बंधना चाहता है। आज के समय में लड़का हो या लड़की हर कोई अपनी पसंद की शादी करना चाहते है। आज का युवा love marriage में ज्यादा विश्वास रखता है और वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें Arrange Marriage ही ठीक लगती है। शादी भले ही कोई सी हो जरूरी है की आप उस रिश्ते को दिल से निभाएं।
जब भी किसी लड़की की शादी की बात होती है तो उस बात के साथ एक बड़ी समस्या भी जन्म लेती है। जिसे हम “दहेज” कहते हैं। वैसे तो आज के समय में एक पढ़ा लिखा, अच्छी नौकरी वाला लड़का दहेज में कुछ नही मांगता लेकिन जब किसी व्यक्ति के मन में लालच भर जाता है तो अच्छा इंसान भी बुरा बन जाता है। दहेज एक ऐसी समस्या है जिससे लड़कियों को जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
आज की इस दहेज (Dowry) पर कहानी के जरिए हम आपको बताएंगे की किस तरह दहेज एक लड़की की जिंदगी को बरबाद कर देता हुआ। ये Real Life Story In Hindi on Dowry को एक बार जरूर पढ़ें। इस कहानी की मदद से हम लड़कियों को ये प्रेरणा देना चाहते हैं की उन्हें दहेज मांगनेवालों से किस तरह निपटना है। इस story on dowry in hindi को शेयर जरूर करें।

दहेज (Dowry) – Real Life Story In Hindi
(Story Written By Divya) मैं जिस कॉलोनी में रहती हूं, उसी कॉलोनी के पीछे वाली गली में एक लड़की रहती थी। हम दोस्त तो नहीं थे लेकिन हां एक दूसरे से मुलाकात होती रहती थी। यूं कहें हम थोड़ा बहुत एक दूसरे को जानते थे।
उसे अपनी की क्लास के एक लड़के से प्यार हो गया। वो लड़का उसके घर से कुछ ही दूर रहता था । दोनों का एक ही टाइम पर स्कूल आना जाना रहता। दोनों 12th पास होने तक दूर दूर ही रहे, ताकि घर में किसी को पता ना चले। 12th पास होने के बाद दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ने लगे। वहां दोनों का घूमना फिरना, एक दूसरे से बात करना, एक दूसरे के साथ समय बिताना, सब कुछ चलता रहा। कॉलेज पूरा हुआ और लड़का बाहर नौकरी करने चला गया।
लड़की फिलहाल कुछ नहीं कर रही थी। धीरे-धीरे लड़की ने अपने घर वालों को यह सब बातें बताइ, कि हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं। हमें शादी करनी है।
लड़की के माता-पिता ने लड़के के घरवालों से बात करी। लड़का भी ठीक ही था। नौकरी भी अच्छी थी। कुछ टाइम बाद लड़के के माता-पिता भी मान गए और उनकी शादी कर दी । शादी करके पहली बार जब वह मायके आई तो वह बहुत खुश थी।
जब वह अपने घर आई थी तो हम भी उससे मिलने गए। उसने अपने ससुराल के बारे में बहुत सारी बातें बताई और बताया कि वह लोग बहुत अच्छे हैं। काफी ख्याल रखते हैं। कुछ दिन बाद वह खुशी-खुशी अपने ससुराल वापस चली गई।
उसके बाद लगभग 5 या 6 महीने बाद वह फिर अपने घर वापिस आ गई लेकिन इस बार वह पहले जितना खुश नहीं थी। सूने में आती की वह अपना ससुराल छोड़ कर आ गई है। उसके ससुराल वाले दहेज मांग रहे थे और बार बार उसे परेशान कर रहे थे।
यह बात पूरी कॉलोनी में होने लगी की शादी तो अपने मन की थी, लड़का भी अच्छा था, हमारा देखा हुआ था। वह दहेज के लिए कैसे बोल सकता है। शादी के वक्त और शादी से पहले तो उसने कुछ नहीं मांगा। इसकी तो अच्छी खासी नौकरी है।
पर किसे पता जिसे हम पहले से ही जानते हैं, जिससे हमने लव मैरिज की है, वह आगे चलकर हमारे साथ क्या करेगा, कैसा व्यवहार करेगा या उसका मन किस तरह बदल जाएगा। किसी पर भी हमें अंधों की तरह भरोसा नहीं करना चाहिए पर क्या करें समाज है। लोगों की सोच है कुछ भी हो सकता है।
धीरे-धीरे पता चला कि लड़का अपने लिए दहेज में स्कूटी मांग रहा है। किसी तरह लड़की वालों ने एक स्कूटी खरीद कर अपने दामाद को दी। कुछ समय बाद मामला शांत हो गया। कुछ समय बाद उस लड़की की एक बेटी हुई। बेटी के जन्म के बाद ही उस लड़के ने गाड़ी की मांग रख दी और कहने लगा कि हमारा परिवार बढ़ गया है।
ऐसे में हमें एक गाड़ी की आवश्यकता है। मुझे गाड़ी दो और फिर जब बात नहीं बनी तो, वह लड़की अपनी बच्ची को लेकर अपने घर आ गई और वहीं रहने लगी। इसी तरह समय बीत गया और अपनी बच्ची को पालते पालते उसे डेढ़ साल हो गए। सब कुछ सही चल रहा था। सब को लगा कि मामला इसी तरह निपट जाएगा। शायद 1 दिन लड़का समझ जाएगा।
अपनी पत्नी और बच्ची को वापिस बुला लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुवा। कुछ दिन बाद खबर आई कि उस लड़की ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली और अपना जीवन खत्म कर लिया। एक छोटी बच्ची बिना मां की हो गई। डेढ़ साल की बच्ची को क्या पता कि उसकी मां उसे किस हाल में और कैसे छोड़ कर चली गई।
क्या ऐसा करते वक्त उसे अपनी बच्ची का जरा भी ख्याल नहीं आया होगा कि नन्हीं सी जान जो कुछ जानती नहीं। वह कैसे रहेगी। पर क्या करें किसी की गंदी नियत या किसी की लालच भरी नियत ने कई जिंदगियों को बर्बाद कर दिया। एक मां अपनी छोटी सी बच्ची को छोड़कर चली गई। एक छोटी सी बच्ची जिसे कुछ भी नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ, उसकी मां कहां गई और उसके पिता कहां गए।
लड़की की मौत के बाद माता-पिता क्या करते। उन्होंने लड़के पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया है, जो ना जाने कब तक चलेगा और कितना चलेगा। दहेज की वजह से एक लड़की की जिंदगी और चली गई।
सीख जो हमें इस दहेज पर सच्ची कहानी से मिलती है –
इस कहानी के जरिए और एक लड़की होने के नाते मैं बस इतना कहना चाहती हूं। ससुराल में दहेज की बात उठती है तो उसी समय लड़की को बिना किसी को बताए पुलिस का सहारा लेना चाहिए या महिला आयोग में जाना चाहिए ताकि ससुराल वाले लड़की का कुछ ना कर पाए और ना ही लड़की आत्महत्या करने पर मजबूर हो।
आजकल आए दिन दहेज के मामलों पर खबरें आती रहती हैं या तो लड़की आत्महत्या कर लेती है या ससुराल वालों द्वारा उसकी निर्मम हत्या कर दी जाती है। जिससे लड़की की हंसती खेलती जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आत्म आत्महत्या करने से कोई लाभ नहीं होता। इंसाफ लेना है तो जीते जी लो। मरने के बाद इंसाफ मिले या ना मिले किसे पता।
लोग इंसाफ के चक्कर में पुलिस, कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते फिरते रहते हैं। बेटियों को सोचना चाहिए कि दहेज के लिए अपनी जान नही देनी है। ना किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करें जो बाद में दहेज की मांग करें। खुद को मजबूत बनाएं। खुद को यह एहसास दिलाएं कि अगर कुछ गलत हुआ तो मैं अपनी जिंदगी अकेले जी सकती हूं। खुद को कभी कमजोर ना समझे। अपने आप पर किसी को हावी ना होने दें।
आज की दुनिया में एक लड़की का सीधा होना जरूरी नहीं है, आपको अपने लिए तेज होना होगा ताकि कोई लड़कियों के साथ गलत ना कर सके। कहने को बहुत कुछ है मन में पर आशा है कि उन बेटियों को समझ आए जो अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को छोड़कर गिरी हुई मानसिकता वाले दहेज लेने वाले लोगों के चक्कर में अपनी जान ले लेती है या अपनी जान दांव पर लगा देती है। कभी ऐसा ना करें दहेज लेना और देना एक अपराध है इसके खिलाफ आवाज उठाएं डरे नहीं।
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क्या करें जब ससुराल वाले दहेज के लिए परेशान करने लगे?
दहेज मांगने की शुरुवात कभी भी एक दिन अचानक नही होती। जब भी आपको लगे ससुराल वाले दहेज के लिए मांग करने लगे हैं तो बिना कोई लड़ाए झगड़ा करे अपने मां बाप के पास आ जाएं। उसके बाद महिला आयोग या पुलिस में कैसे दर्ज कराएं। कभी ये ना सोचें दहेज की पहली मांग पूरी करने के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा।
एक बार दहेज मिल जाता है तो ससुराल वाले बार बार मांगना शुरू कर देते हैं। ये ना सोचें की समाज में आपकी ओर आपके परिवार की बदनामी हो जाएगी। याद रखें की बदनामी आपकी जिंदगी से बड़ी नही है। इसलिए कानून का सहारा लें। हिम्मती बनें और अपने लिए लड़ना सीखें।
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