story in hindi motivational- हमारा मन (Mind) एक बेलगाम घोड़े की तरह होता है। अगर उस पर काबू ना पाया जाए तो वो ना कभी हमारी सुनता है और ना ही हमारे अनुसार कार्य करता है।
हमारा मन अगर हमारे काबू में नहीं होगा तो हम कभी भी अपने आप को satisfy नहीं कर पाएंगे। क्यूंकि बेकाबू मन कभी भरता ही नहीं। और मन की चाह हमेशा बढ़ती ही जाती है।
आज की ये दो मोटिवेशनल कहानियां भी हमारे मन और हमारी इच्छाओं से जुडी हैं। इन दो hindi story on mindset के जरिये आप सीखेंगे की किस तरह हमारा मन जब हमारे काबू में नहीं होता तो क्या होता है.
साथ ही इन कहानियों से आप ये भी सीखेंगे की किस तरह हमे अपने मन को control करना चाहिए। और उसे इस तरह से Trained करना चाहिए की हमारा मन हमारी सुने, ना की अपनी करे।

Story #1- मन का कुआँ – story in hindi motivational
एक बार, एक राजा के महल पर बहुत भीड़ लगी हुई थी। भीड़ बढ़ती जा रही थी। हर कोई महल की तरफ जा रहा था। हुवा यूँ था की उस दिन सुबह राजा के पास एक भिखारी आया और उस भिखारी ने राजा से कहा कि क्या उसे भिक्षा में कुछ कीमती चीज़ मिल सकेगी?
राजा ने भी कह दिया कि कोई कमी नहीं है, जो चाहो मांग लो। लेकिन भिखारी ने एक बड़ी अजीब शर्त रख दी। उसने कहा कि वह भिक्षा तभी लेता है, जब यह आश्वासन मिल जाए कि उसका भिक्षापात्र पूरा भर दिया जाएगा। भिक्षु ने ये भी कह दिया की, ‘मैं अधूरा भिक्षापात्र लेकर नहीं जाऊंगा अगर यह वचन दोगे तो ही भिक्षा लूंगा।”
राजा हंसा और उसने कहा, ‘तुमने मुझे क्या समझ रखा है, क्या मैं एक भिखारी का भिक्षापात्र भी नहीं भर सकूंगा? और राजा ने शर्त मान ली।
भिखारी भी हंसा और उसने कहा, ‘महाराज एक बार फिर सोच लें, क्योंकि न मालूम कितने लोगों ने यह शर्त स्वीकार की है और वे इसे पूरा नहीं कर पाए।’
राजा ने मुस्कराते हुए अपने वजीरों को कहा कि जाओ, ‘अनाज के दानों से नहीं बल्कि हीरे-मोतियों से इसके भिक्षापात्र को भर दो।’
भिखारी ने दोबारा टोकने की कोशिश करी पर राजा ने वजीरों से कहा, ‘समय बर्बाद मत करो, जाओ और उसके भिक्षापात्र को हीरे-मोतियों से भर दो।’
वजीर बहुत से हीरे-मोती लेकर आया और उस भिखारी के भिक्षापात्र में दाल दिए। भिक्षापात्र में डालते ही वो हीरे-मोती कहीं खो गए और भिक्षपात्र खाली का खाली रहा। सुबह से दोपहर हो गयी लेकिन वो भिक्षापात्र खाली का खाली ही रहा।
राजा को समझ नहीं आ रहा था की आखिर यह कैसा भिक्षापात्र है? दोपहर से शाम हो गयी लेकिन वो भिक्षापात्र अभी भी खाली था। आखिर में राजा भिखारी के पैरों पर गिर पड़ा और माफी मांगने लगा।
राजा ने कहा, ‘मैं माफी मांगता हूं, बस आप इतना बता दें कि यह भिक्षापात्र क्या है? क्या इसमें किसी तरह का जादू है या कोई और रहस्य…?
उस भिखारी ने बताया, ‘ये ना तो कोई जादू है और ना कोई रहस्य। एक बार में शमशान घाट से गुजर रहा था तो मुझे वहां एक आदमी की खोपड़ी पड़ी मिली, और उससे मैंने यह भिक्षापात्र बना लिया और मैं खुद ही हैरान हूं, इंसानी मन से बनी ये खोपड़ी कभी भरती ही नहीं।’
सीख जो हमे इस story से मिलती है-
दोस्तों आप अपने मन और शरीर की इच्छाओं को कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। यदि आपको महानता हांसिल करनी है तो शरीर और मन के इस चक्र को तोड़कर इससे ऊपर उठना होगा। हमारा मन लालच से भरा होता है। इसे कभी नहीं भरा जा सकता।
लोग सिर्फ इस भ्रम में जीते हैं की शायद कल मेरा मन भर जाएगा लेकिन ईश्वर ने मन को बनाया ही इस तरह है की उसे भरा नहीं जा सकता। हमारा मन हमे हमेशा किसी ना किसी लालच में फंसाये रखता है और हमे हमारे लक्ष्य से दूर कर देता है।
जो लोग अपने मन को control करके लगातार अपनी सफलता के लिए काम करते हैं वही लोग दुनिया में आगे बड़ पाते हैं। इसलिए अपने मन को ऐसी चीज़ों से हमेशा दूर रखें जो आपके जीवन में मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। अपने मन को उतने में ही संतुष्ट रखना सीखे, जीतना आपको मिलता है। जरूरत से ज्यादा चीज़ों की चाहत रखना अक्सर हमारे दुखों का कारण बनती है।
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Story #2- कहानी एक मोंक की- hindi story on mindset
एक बार एक मोंक अपने मठ (monastery) की तरफ जा रहा था। उसका मठ (monastery) एक बड़े से पहाड़ के ऊपर था और जिस रास्ते से वहां जाया जाता था वो रास्ता काफी पतला था।
वो मोंक चलते चलते काफी ऊपर तक पहुँच गया और तभी उसकी नज़र एक दूसरे मोंक पर पड़ी जो ऊपर की तरफ से बड़ी तेज़ी से घोड़े पर सवार होकर आ रहा है। रास्ता काफी पतला था, तो वो मोंक किसी तरह पहाड़ का सहारा लेकर रास्ते से थोड़ा दूर हट गया।
जैसे ही उस घोड़े पर सवार मोंक वहां से गुजरा तो पीछे से इसने जोर से आवाज लगाई और उससे पूछा, “अरे भाई, तुम इतनी जल्दबाजी में कहाँ जा रहे हो?”
तो वो मोंक पलट कर बोला, “मुझे नहीं पता, तुम इस घोड़े से पूछ लो..?”
सीख जो इस Short Hindi Story से मिलती है-
हमारी लाइफ में ये घोड़ा हमारा मन और हमारे thoughts हैं, और यही हमारी life की destination decide करते हैं। जब तक हमारा अपने मन पर कण्ट्रोल नहीं होता तब तक हम अपने मन के अनुसार ही काम करते है और जहाँ ये हमे लेकर जाता है हम उसी तरफ चले जाते हैं।
हमारा मन positive और negative इन दोनों विचारों से बनता है, आप जिस चीज़ पर ज्यादा ध्यान लगाओगे उसी दिशा में आपका मन (Mind) काम करेगा। क्यूंकि हम जैसा सोचते हैं और जैसे हमारे विचार होते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं।
जब तक आपका अपने मन रूपी घोड़े पर कण्ट्रोल नहीं होगा तब तक आपकी लाइफ में बैलेंस नहीं बन पायेगा और आप सारी लाइफ में बस भागते ही रहोगे। अपने मन और अपने विचारों को हमे मज़बूत बनाना होगा ताकि ये हमे कभी गिरा ना सके।
हमारे विचारों में जितनी ताकत होगी हम अपनी life में उतना ही अच्छा कर पाएंगे। अगर हमारा मन कमजोर होगा तो ये मन हमे कभी भी निचे गिरा सकता है। हमारे मन में आने वाले विचार ही हमें हर मुसीबत से निकलने की ताकत देते हैं।
हमे अपने मन और अपने विचारो को हमेसा कण्ट्रोल में करना चाहिए। हमे अपने रास्ते अपने हिसाब से चुनने होंगे ना की अपने माइंड के हिसाब से। क्यूंकि हम अपने माइंड को कण्ट्रोल कर सकते हैं। अगर आपका मन powerful रहेगा तो life में कोई भी situation आपको कमजोर नहीं बना पायेगी।
और आप हमेसा एक powerful personality बने रहोगे। हम life में क्या बनना चाहते है, क्या करना चाहते हैं; ये सब हमे खुद तय करना होगा क्यूंकि हमारा मन हमारे अनुसार चलता है, हम अपने मन के हिसाब से नहीं चलते। जो लोग अपने मन के हिसाब से काम करते हैं। अक्सर उन लोगों का मन उनके control में नहीं होता और वो लोग बिना किसी aim के life में बस एक बेलगाम घोड़े की तरह भाग रहे होते हैं।
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