आज की इस मोटिवेशनल पोस्ट में हम आपके दो जबरदस्त मोटिवेशनल कहानियां लेकर आए हैं। ये Short Inspirational stories in hindi आपको इस जिंदगी से जुड़े दो अनमोल सबक सिखाएंगी। इन दो प्रेरणादायक कहानियों को गहराई से पड़ें तभी आप इनसे मिलने वाली प्रेरणा और सबक को सही तरह से समझ पाएंगे। जब तक आप कहानियों को समझेंगे नही तब तक आप उनसे मिलने वाली सीख को अपने जीवन में उतार भी नही पाएंगे। पढ़ते हैं आज की दो best motivational stories for life in hindi.

1- सब कुछ यहीं रह जाना है। – Best Inspirational Stories in Hindi
एक राज्य में एक बार एक सन्यासी आया और सीधा राजा के महल में चला गया। उस सन्यासी की वेश भूषा को देखकर राजा के किसी भी सिपाही ने उसे अंदर जाने से नही रोका। वो सन्यासी सीधा राजा के दरबार में चला गया।
सन्यासी को अपने सामने खड़ा देख, राजा ने उनसे पूछा, “आप कौन हैं और क्या चाहते हैं?”
सन्यासी बोला, “मैं एक आध्यात्मिक गुरु हूं और प्रवचन देने के लिए दूसरे राज्य जा रहा था लेकिन अब दिन ढलने को आया है तो मैं आज रात आपके महल में ही रुकूंगा। रात बिताने के लिए बस में थोड़ी जगह चाहता हूं।”
सन्यासी की बात सुनकर राजा बोला, “ये एक राजा का महल है कोई विश्राम स्थल नही, जो आप यहां रात में रुकना चाहते हैं। आप बाहर जाइए, वहां रहने की आपको कोई ना कोई जगह मिल जाएगी।”
सन्यासी ने राजा से फिर प्रश्न किया, “महाराज क्या मैं जान सकता हूं की आपसे पहले ये महल किसका था?”
राजा बोला, “मेरे पिता का था क्योंकि मुझसे पहले वही राजा था।”
सन्यासी ने फिर प्रश्न किया, “अच्छा, तो अब आपके पिताजी कहा हैं?”
राजा बोला, “अब वो इस दुनिया मैं नहीं रहे, उन्हीं के बाद तो मैं राजा बना।”
अच्छा, “आपके पिता से पहले ये महल किसका था?” सन्यासी ने फिर से प्रश्न पूछा।
राजा को अब गुस्सा आने लगा लेकिन फिर भी उसने शांत होकर जवाब दिया, “मेरे पिता से पहले ये महल मेरे दादाजी का था। और अब वो भी इस दुनिया में नहीं हैं।”
अब सन्यासी बोला, “ये जगह जो ना कल तुम्हारी थी और ना ही तुम्हारे जाने के बाद ये किसी और की होगी। इस संसार में लोग कुछ ही समय रह पाते हैं और फिर चले जाते हैं। जहां हम अपना समय बिताते हैं वही हमारा विश्राम स्थल है। ना तुम इसे अपने साथ लेकर जा पाओगे ना ही कोई कोई और। बताओ ये महल एक विश्राम स्थल नही है तो और क्या है?”
राजा उनकी बात समझ गया और हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा। उसने सन्यासी को रुकने को जगह दे दी।
सीख जो हमे इस शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी से मिलती है –
दोस्तों ये बात तो हम सभी जानते हैं की इस संसार से हम कुछ भी लेकर नही जा सकते। खाली हाथ आए थे और खाली हाथ ही जाना है। जब तक इस संसार आप हैं तो ‘मैं या मेरा’ इस चक्कर में ना पड़ें। जिंदगी में धन, लोभ, लालच के पीछे ना भागें। भागना है तो खुशियों के पीछे भागें। जिंदगी का मजा बहुत पैसों में या फिर बड़ी गाड़ी में नही है, जिंदगी का मजा है खुश रहने में।
खुश रहो क्योंकि दूसरे के पास चाहे बहुत पैसा है लेकिन इस दुनिया से वो जाएगा खाली हाथ ही और उसके धन का भोग कोई और करेगा। और अगर पैसा होकर भी आपक जीवन दुखों से भरा है तो आपकी जिंदगी अपने आप में ही बेकार है। याद रखना और इस पर गहराई से सोचना..“आलीशान जिंदगी से बेहतर है, एक खुशहाल जिंदगी।”
2- जिंदगी दूसरों के भरोसे नहीं चलती – Short Motivational Story
एक बार एक आदमी मछली पकड़ने के लिए गया। उसने पूरे दिन मेहनत करी लेकिन उसके हाथ एक भी मछली नही आई। धीरे धीरे दिन भी ढल गया। वो आदमी परेशान हो गया और सोचने लगा की अगर ऐसे ही खाली हाथ घर चला गया तो रात को हम खाएंगे क्या।
चिंता के मारे वो जल्दी से मछली बाजार गया और दुकानदार के पास जाकर बोला, “मुझे तीन मछली चाहिए लेकिन एक शर्त है की मुझे तीनों मछलियां जिंदी चाहिए और उन मछलियों को में अपने कांटे से पकडूंगा और उसके बाद खरीदूंगा।”
दुकानदार हैरान हो गया सोचने लगा की कैसा अजीब इंसान है मछली खरीदनी ही तो फिर पकड़ने की मेहनत क्यों करनी। ऐसा सोचकर उसने भी एक बड़ी सी बाल्टी निकाली और उसमे चार पांच जिंदा मछलियां डालकर उस आदमी के आगे रखकर बोला, “ये लो इसमें से अपने लिए मछलियां पकड़ लो।”
एक एक करके उसने तीन मछलियां पकड़ी को उस दुकानदार को पैसे दे दिए और जाने लगा।
जाते वक्त दुकानदार ने पूछ ही लिया की, “पहले से पकड़ी हुई मछलियों को दुबारा से पकड़ तुम्हें क्या हासिल हो गया। तुम्हार समय भी बर्बाद हुवा और पैसे भी उतने ही देने पड़े।”
वो आदमी बोला, “तुम समझ नही पाओगे, पर मैं किसी से झूठ नहीं बोलना चाहता। जब मैं अपने घर जाऊंगा तो मेरी पत्नी और बच्चे पूछेंगे कि आज कितनी मछली पकड़ी? तो मैं उन लोगों को ये तीन मछली दिखा दूंगा, जिन्हें मैंने खुद पकड़ा है। ऐसा करके मैने खुद को भी ये एहसास दिलाया की आज मैं नाकामयाब नही रहा और कल मैं एक नई उम्मीद के साथ मछली पकड़ने निकलूंगा ताकि मैं आज की तरह नाकामयाब ना रहूं।”
सीख जो हमें इस इंस्पिरेशनल स्टोरी से मिलती है –
दूसरों के सहारे हम अपनी जिंदगी के दो चार दिन तो निकाल सकते हैं लेकिन किसी के भरोसे हम सारी जिंदगी नही निकाल सकते। आज भले ही कोई मुसीबत में आपका साथ दे दे लेकिन आने वाले कल की कठिनायों को आपको खुद ही झेलना है।
आई आपको ये दो शार्ट मोटिवेशनल स्टोरीज इन हिंदी पसंद आयी हों। ऐसी ही और भी प्रेरणा से भरपूर कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग से जुड़ें रहें।
I like these types of story’s mustly the motivating story
Thankx..