बच्चों के लिए 8 Best हिंदी नैतिक कहानियां – short moral stories

आज हम आपके लिए बहुत ही प्यारी और शिक्षाप्रद नैतिक कहानीयाँ (short moral stories in hindi) लेकर आये हैं। ये कहानियां नैतिक शिक्षा का पाठ सिखाती हैं और जो की बच्चों और बड़ों के लिए काफी मनोरंजक और साथ ही साथ उपयोगी भी हैं।

हम सभी किस्से और कहानियों से चीज़ें बहुत जल्दी सीखते हैं। Short Moral stories for kids बच्चों और बड़ों दोनों की सोच और समझदारी बढ़ाने का अच्छा विकल्प हैं। तो आइए पढ़ते हैं आज की 8 Best मोरल स्टोरीज इन हिंदी-

1- शेर का अभिमान – short hindi moral story

एक बड़े से जंगल में शमशेर नाम का एक बड़ा और ताकतवर शेर रहा करता था। उसकी ताकत और तेज दहाड़ से जंगल का हर एक जानवर उससे डरता था।

शेर जंगल का राजा था और उसे इस बात का बहुत घमंड था। उसे लगता था की वो जंगल में जो चाहे वो कर सकता है। एक दिन शहर का राजा जंगल में घूमने निकला।

घूमते घूमते वो शेर एक राज्य की तरफ आ गया। वहां उसने देखा की उस राज्य के राजा एक बड़े से हाथी पर आसान लगा कर अपने राज्य के चक्कर लगा रहा है।

उसे देख कर शेर के मन में भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने का उपाय सुझा। शेर जंगल की तरफ वापिस आ गया और उसने जंगल के सभी जानवरों को बताया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए।

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बस क्या था, शेर ने जैसे ही आदेश किया झट से जंगल के सबसे बड़े हाथी पर आसन लग गया। शेर उछलकर हाथी पर लगे आसन मैं जा बैठा। और अपनी तेज दहाड़ के साथ उसने हाथी को चलने के इशारा दिया।

हाथी जैसे ही आगे की ओर चला, तो हाथी के चलने की वजह से आसन जोर जोर से हिलने लगा और थोड़ा आगे जाने के बाद शेर धड़ाम से उस आसन से नीचे गिर गया।

शेर के नीचे गिरते ही सारे जानवर जोर जोर से हंसने लगे। शेर की एक टांग भी टूट गई और फिर शेर खड़ा होकर कहने लगा – इससे अच्छा तो पैदल चलना ही ठीक होता है।

कहानी की सीख- दूसरों की नक़ल करने से कभी कभी अपना ही नुकसान हो जाता है इसलिए तो कहते हैं जिसका काम उसी को साजे।

2- लोमड़ी और खट्टे अंगूर – moral story hindi mein

एक बार एक घने जंगल में एक लोमड़ी अपने शिकार की तलाश में घूम रही थी। बहुत देर तक कुछ ना मिल पाने की वजह से वह थक भी गयी और उसे भूख भी लगने लगी। थोड़ा आगे जाने के बाद उस लोमड़ी को एक अंगूर की बेल दिखाई दी और उस बेल बहुत से अंगूर लगे थे।

उन अंगूरों को देख कर उस लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। अंगूर की बेल बहुत लम्बी थी और उसपे अंगूर भी काफी ऊंचाई पर लगे थे। लोमड़ी ने बहुत बार कूद मार कर अंगूर तोड़ने की कोशिश करी लेकिन वह उन अंगूर तक नहीं पहुंच पायी और बहुत कोशिश करने के बाद उसके हाथ कुछ नहीं लगा।

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और वह लोमड़ी थक हार कर वहां से जाने लगी और जाते हुवे उन अंगूरों के गुच्छो की तरफ देख कर बोली की शायद “ये अंगूर खट्टे हैं इसलिए इतनी मेहनत करने के बाद भी मुझे नहीं मिले।”

कहानी की सीख – मूर्ख लोग अक्सर अपनी नाकामयाबी के लिए कुछ ना कुछ बहाना बनाते ही रहते हैं।

3- बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा – moral story for kids in hindi

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Moral Story for Kids in Hindi

एक समय की बात है। बिल्लियों के लगातार हो रहे हमलों से बचने के लिए बहुत सारे चूहों ने मिलकर एक सभा का आयोजन किया और उस सभा में बारी बारी से सभी चूहों ने अपनी-अपनी योजना रखी की किस तरह वह खुद को बिल्लियों से बचा सकते हैं।

उन सब में एक चूहा था जो खुद को बहुत समझदार समझता था और उसने भी अपनी योजना दी और कहा की “हम सभी को मिलकर बिल्लियों के गले में एक घंटी बांध देनी चाहिए और फिर जब भी कोई बिल्ली हमारा शिकार करने आयेगी तो हम उस घंटी की आवाज सुनकर वहां से भाग जाएंगे।

सभा में बैठे सभी चूहों ने आपस में बातचीत की और फैसला लिए की यही योजना सबसे सही है खुद को बचाने के लिए। उन सब में एक बहुत बूढा चूहा भी था जो ये सब सुन रहा था वह उठा और जोर से बोला “ये योजना है तो काफी अच्छी लेकिन क्या मैं पूछ सकता हूं कि बिल्लियों के गले में घंटी बांधेगा कौन ?”

Moral of the story – योजना हमेसा ऐसी बनाओ, जिससे आपको और आपका कोई नुकसान न हो।

4- प्यासा कौवा (pyasa kauwa kahani) – thirsty crow story in hindi
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A thirsty crow moral story in hindi

गर्मियों के दिन थे। जंगल का सारा पानी सूख चूका था। सभी पक्षी जंगल छोड़ कर जा चुके था लेकिन उनमे से एक कौवा खाने की तलाश में इधर उधर घूम रहा था। गर्मी ज्यादा थी, जिसकी वजह से कौवे को काफी प्यास लग गयी।

अब वो पानी की तलाश में इधर उधर घूमने लगा और प्यास बुझाने के लिए वो गाँव की तरफ आया। गांव में भी पानी की किल्लत थी सब जगह तलाश करने के बाद एक घर की छत में उस कौवे को पानी से भरा एक घड़ा मिल गया, लेकिन उस घड़े में पानी आधे तक ही भरा था।

घड़े का मुँह भी बहुत छोटा था और कौवा उसके अंदर जाके पानी भी नहीं पी सकता था। अब कौवा परेशान हो गया। बहुत सोचने के बाद उसने एक चतुर योजना बनायी। वो कौवा उड़ा और रास्ते से छोटे-छोटे कंकड़ उठा कर लाने लगा और एक एक करके वो उन सभी कंकड़ों को उस घड़े में डालने लगे।

जैसे-जैसे कंकड़ घड़े में जमा होते जाते पानी उतना ही ऊपर उठता रहता और फिर कुछ ही समय बाद पानी ऊपर तक आ गया और फिर कौवे ने अपनी चोंच डालकर पानी पिया और अपनी प्यास बुझा ली। और वापिस अपने खाने की तलाश में लग गया। 

Moral Of The Story – इस कहानी से हमे दो बातें सीखने को मिलती हैं पहली ये की “मेहनत का फल हमेसा मीठा होता है”, और दूसरी बात ये की “जब जान पर बन आये तो कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है यानि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है”।

5- एकता की ताकत (Strength of unity) – short moral story with image

जंगल में एक बार बहुत तेज बाढ़ आ गयी और उस बाढ़ में एक चिड़िया अंडे भी बह गए। उस चिड़िया ने देखा की उसके अंडे बाढ़ के साथ बहकर एक बड़े से तालाब में चले गए हैं। उस चिड़िया ने बड़े तालाब से प्रार्थना करी की वो उसके अंडे वापिस कर दे।

बहुत प्रार्थना करने के बाद उस बड़े से तालाब ने उस चिड़िया एक न सुनी। चिड़िया बड़ी हिम्मत वाली थी। उसने थक हार कर समुद्र को चेतावनी दी कि अगर तूने मेरे अंडे वापिस नहीं किये तो मैं तेरे सारे पानी को सुखा दूंगी। वो तालाब हँसने लगा।

चिड़िया ने अपना काम शुरू कर दिया। वह चोंच में पानी भरकर उस तालाब को खाली करने लगी। उस चिड़िया को देखकर पहले तो उस जंगल के दूसरे पक्षी हँसे और इसे चिड़िया का पागलपन बताया लेकिन फिर चिड़िया की हिम्मत देखकर वो सब भी उसके काम में सहयोगी बन गये।

देखते ही देखते लाखों की संख्या में पक्षी समुद्र को खाली करने के लिए उसके किनारे पर एकत्रित हो गये। इतने सारे पक्षियों को देखकर वो तालाब घबरा गया और और उससे लगा की ये सब मिलकर कहीं मुझे सूखा ना दें और डर के कारण उसने चिड़िया को उसके अंडे वापिस कर दिए।

Moral lesson of the story- मिल कर काम करने से हर परेशानी का हल निकल सकता है।  

6- एक शरारती कुत्ता

ये कहानी है एक कुत्ते की है जो अपने मालिक का बहुत वफादार था लेकिन उस कुत्ते में बस एक ही कमी थी जब भी उसके मालिक से मिलने कोई मेहमान आता तो वो कुत्ता चुपचाप पीछे से आकर उन्हें काट लेता। जिसकी वजह से लोगों ने उनके घर आना-जाना कम कर दिया।

इस बात से परेशान होकर उस मालिक ने एक छोटी सी घंटी उस कुत्ते के गले में बांध दी ताकि लोगों को उसके आने आने का पता चल सके और वो अपना बचाव कर सके। वह कुत्ता सारा दिन उस घंटी से ही खेलता रहता।

उसे अपनी घंटी पर बहुत गर्व था और वो सोचता की उसके मालिक ने उसकी वफादारी और उसकी योग्यता के लिए ये घंटी उसे उपहार में दी है। और कुछ समय बाद एक बूढ़ा कुत्ता उस कुत्ते के पास आया और बोला..

“दोस्त, तुम खुद को जितनी कम हवा दोगे तुम्हारे लिए उतना ही अच्छा होगा, जिस घंटी को तुम अपनी वफादारी का उपहार समझ रहे हो ये तो बस तुम्हारे द्वारा किये गए गलत कामों का फल है, ये तुम्हारी योग्यता का नहीं बल्कि तुम्हारे अपमान का पुरस्कार है।”

कहानी की सीख (moral of the story)- “कुछ लोग अपनी बदनामी को अक्सर अपनी प्रसिद्धि समझ लेते हैं।”

7- किसान की बिल्ली

एक समय की बात है एक किसान था जो खेती करने में काफी अच्छा था और उसके पास और किसानो के मुकाबले ज्यादा अनाज होता था। तो अपने अनाज को लम्बे समय तक रखने के लिए उसने एक छोटा सा गोदाम बनवाया लेकिन कुछ ही महिनों में उस गोदाम में बहुत सारे चूहे भी हो गए.

उन चूहों से छुटकारा पाने के लिए किसान एक बिल्ली लेकर आया। और कुछ ही दिनों में उस बिल्ली ने बहुत सारे चूहों को मार दिया। बिल्ली के डर से बांकी के बचे हुवे चूहों ने फैसला किया की अब वो अपने बिल से बाहर ही नहीं निकलेंगे।

चूहे न मिल पाने की वजह से बिल्ली समझ गयी की चूहों ने अपनों बिलों से बहार निकलना बंद कर दिया है। चूहों को बाहर निकालने के लिए बिल्ली ने एक प्लान बनाया। वो उस गोदाम के दरवाजे पर चढ़ी और वहां से नीचे कूद गयी और मरने का नाटक करने लगी।

बिल्ली के गिरने की आवाज सुनकर एक चूहे ने अपने बिल से बाहर झाका और बिल्ली को गिरा हुवा देख वो जोर से बोला ,” इस बात में कोई शक नहीं है की आप बहुत चालक हैं, लेकिन आप चाहे खुद को किसी अनाज की बोरी में भी क्यों न छुपा लें हम फिर भी अपने बिलों से निकलने की कोशिश नहीं करेंगे और आप हमें चाह कर भी अपने पास आते हुए नहीं पकड़ सकते। ”

Moral Of The Story – यदि आप समझदार हैं तो आप उन लोगों से कभी दोबारा धोखा नहीं खाएंगे जो पहले भी आपका नुकसान कर चुके हैं ।

8- एक सुनहरा बत्तख – short moral stories

एक बार एक मछुवारा समुन्द्र के किनारे मछलियां पकड़ रहा था, मछलियां पकड़कर जब वह घर को आने लगा तो उसे रास्ते में एक सुनहरे रंग का बत्तख का बच्चा मिला। उसके अलग रंग की वजह से वह मछुवारा उस बच्चे को अपने घर ले आया।

कुछ समय बाद वह बत्तख बड़ी हो गयी और अंडे देने लगी। उस बत्तख ने जब पहली बार अंडा दिया तो वह अंडा सोने का था, जिसे देखकर वो मछुवारा बहुत हैरान और साथ ही बहुत खुश भी हुवा क्यूंकि उस अंडे को बेचकर उस मछुवारे की गरीबी दूर हो जाती। लेकिन परेशानी ये थी की वह बत्तख महीने में सिर्फ एक ही बार अंडा देती थी और दूसरी तरफ उस मछुवारे का लालच दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा था।

मछुवारा अब और इंतज़ार नहीं करना चाहता था तो उसने सोचा की ये बत्तख सोने का अंडा देती है तो शायद ये भी अंदर से सोने की बनी हो क्यों न इस बत्तख को मारकर में सारा सोना निकाल लूँ और एक ही बार में अमीर बन जाऊं।

अपने लालच की वजह से उस मछुवारे ने एक दिन उस बत्तख को मार दिया लेकिन वो बत्तख अंदर से दूसरी साधारण बत्तख जैसी ही निकली। ये देखकर उस मछुवारे को एहसास हुवा की वो दुनिया का सबसे बड़ा बेवकूफ है जिसने और अधिक पैसों के लालच में वो भी खो दिया जो उसे मिल रहा था। 

Moral of the story – लालच बुरी बाला है फिर चाहे वो कम हो ज्यादा।

आई आपको ये short moral stories in hindi पसंद आयी हों। ऐसी ही और भी कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।

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